जगदलपुर: नगरनार में किसान प्रशासन के खिलाफ जमीन में बंदोबस्त त्रुटि का आरोप लगाते हुए लामबंद हो गए हैं. इस संबंध में किसानों ने बस्तर प्राधिकरण के अध्यक्ष को ज्ञापन सौंपा है, जिसमें कई प्रमुख बिन्दुओं पर अपनी मांग रखी है.
2 साल पहले नगरनार क्षेत्र के कई किसानों के जमीनों को जगदलपुर के कई बड़े व्यापारियों ने रजिस्ट्री करवा ली थी. जिसके बाद लिए गए जमीन का बंदोबस्त नहीं हो पाया था. वहीं 2 दिसंबर को नगरनार पंचायत को मिले राजस्व विभाग के नोटिस ने सरपंच सहित किसानों के होश उड़ा दिए हैं.
2 सौ एकड़ के आसपास जमीनों की बिक्री
नगरनार सरपंच लेखन बघेल ने बताया कि इलाके के लगभग 2 सौ एकड़ के आसपास जमीनों कि खरीदी बिक्री व्यापारियों ने की थी. साथ ही जमीन का सीमांकन नहीं किया गया था. ऐसे में कई किसान अपने जमीन पर काबिज कृषि कार्य कर रहे हैं.
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99 प्रतिशत बंदोबस्त में त्रुटि
सरपंच का कहना है कि ताज्जुब की बात तो यह है कि क्रेता और विक्रेता को ही इस बात की जानकारी नहीं है कि वास्तव में कौन सी जमीन उनकी है. कुल मिलाकर क्षेत्र कि 99 प्रतिशत बंदोबस्त त्रुटिपूर्ण है, जबकि शुरू से ही व्यवस्था और दस्तावेज ठीक रखनी थी. यही नहीं खुले तौर पर राजस्व संहिता का उल्लंघन किया गया है, जिसमें पंचायत को भी विश्वास में नहीं लिया गया. इतना ही नहीं कोई जानकारी भी नहीं दी गई.
कलेक्टर को जांच के दिए जाएंगे निर्देश
सरपंच का कहना है कि वर्ष 1994-95 में बंदोबस्त हुआ था, जिसके बाद किसान इन जमीनों से कमा-खा रहे हैं. अब पता चल रहा है कि जमीनों को कहीं का कहीं बैठा दिया गया है. बस्तर विकास प्राधिकरण अध्यक्ष लखेश्वर बघेल ने बताया कि ग्रामीणों ने ज्ञापन दिया है. इस सम्बन्ध में कलेक्टर को जांच के लिए कहा जाएगा. बस्तर के किसी भी किसान ग्रामीण के साथ गलत न हो. बंदोबस्त त्रुटि अगर हुई है, तो किसानों को समय देकर निष्पक्ष जांच कराया जाएगा.