बस्तर: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में किसानों के सहूलियत के लिए नये उपार्जन केंद्रों ( Paddy Procurement Center ) के खोले जाने का कोई खास फायदा मिलता नजर नहीं आ रहा है. बस्तर में बीते 1 दिसंबर से धान खरीदी शुरू हो गई है. लगभग 25 धान खरीदी केंद्रों में अब तक एक भी किसान धान बेचने नहीं पहुंचा है. लिहाजा, सभी 25 धान खरीदी केंद्र किसानों के अभाव में सूनसान पड़े हैं.
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धान खरीदी केंद्र पर नहीं पहुंच रहे धान
दरअसल, इस वर्ष स्थानीय जनप्रतिनिधियों और किसानों की मांग के चलते 34 से अधिक नए धान खरीदी केंद्र बस्तर संभाग के सातों जिलों में खोले गए लेकिन नये धान खरीदी केंद्र तो दूर, पुराने केंद्रों पर ही किसान धान बेचने नहीं पहुंचे हैं. जिससे धान खरीदी का लक्ष्य रखा गया है, वह पूरा होता दिखाई नहीं दे रहा है.
वहीं, केंद्र प्रभारियों का कहना है कि किसानों को धान बेचने की सूचना पहुंचा दी गई है. इसके लिए आधे से अधिक किसानों को टोकन वितरण भी किया जा चुका है. किसान अब तक कई केंद्रों पर धान बेचने नहीं पहुंचे हैं, हालांकि इसकी वजह जो समस्या सामने आ रही है. वह बस्तर में हुए बेमौसम बारिश है. बारिश में फसल भीग जाने की वजह से किसान समय पर इसके मिंजाई नहीं कर पा रहे हैं. जिसके चलते धान बेचने वाले किसानों की संख्या में कमी हो रही है.
इस साल किसानों को तीन टोकन के माध्यम से पूरे धान को बेचने की सुविधा दी गई है. बावजूद इसके धान बेचने के लिए किसान नहीं आ रहे हैं.
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बेमौसम बारिश ने फसलों को पहुंचाया नुकसान
विपणन अधिकारी आरबी सिंह का कहना है कि किसानों को धान बेचने के लिए खरीदी केंद्रों में हर तरह की सुविधा दी जा रही है. साथ ही टोकन वितरण में भी उन्हें किसी तरह की दिक्कत ना हो इसका भी खास ख्याल रखा जा रहा है, लेकिन बेमौसम बारिश की वजह से किसान का धान भीग गया हैं. वहीं दूसरी तरफ इसकी मिंजाई में भी काफी समय लग सकता है, ऐसे में इन केंद्रों तक किसान धान बेचने नहीं पहुंच पा रहे हैं. फिलहाल आरबी सिंह ने आशंका जताई है कि आने वाले कुछ दिनों में इन खरीदी केंद्रों में बड़ी संख्या में किसान धान बेचने पहुंचेंगे.
बस्तर संभाग में धान खरीदी का जो लक्ष्य रखा गया है उसके मुताबिक 8 दिनों में केवल 16 हजार 60 मीट्रिक टन धान की खरीदी हुई है. जबकि 31,193 मीट्रिक टन के आसपास खरीदी होनी थी. धान खरीदी की तिथि 31 जनवरी तक रखी गयी है. अब तक 14 हजार 109 किसान बस्तर संभाग में अपनी धान बेच चुके है. धान खरीदी केंद्रों में किसान धान बेचने नहीं पहुंच रहे हैं. ऐसे में किसान खरीदी के तारीख को भी बढ़ाने की मांग कर सकते हैं.