जगदलपुर: छत्तीसगढ़ और ओडिशा की सीमा के देवड़ा में भगवान शिव का एक मंदिर है. इस मंदिर परिसर में कुष्ठ और कोढ़ की बीमारी से ग्रसित कुछ पीड़ित लोग रहते हैं. घने जंगल के बीच स्थित इस शिव मंदिर में इन बुजुर्गों का जीवन यापन भक्तों द्वारा दिए जाने वाले दान से चल जाता है, लेकिन कोरोना वायरस की वजह से जब सारे मंदिरों के दरवाजे बंद हो गए, तो अब इन बेसहारा लोगों के सामने भी संकट की घड़ी सामने आ गई है. शहर और गांव से दूर घने जंगल में रहने की वजह से कोई इनकी सुध भी नहीं ले रहा था.
इन बेसहारा लोगों की सुध लेने पहुंचे समीर खान ने बताया कि वे इन सभी की जानकारी लेने आए हैं और साथ में इनके लिए कुछ सामान भी लेकर आए हैं. समीर का कहना है कि जितना वे मदद कर सकते थे उन्होंने की, लेकिन ये पर्याप्त नहीं है. उन्होंने लोगों से इनकी मदद के लिए आगे आने की अपील की है.
भक्तों से चलता है गुजारा
यहां रहने वाली बुजुर्ग महिला डोमाय ने बताया कि किसी बीमारी की वजह से मंदिर बंद कर दिए गए हैं. पहले भक्त आते थे तो दान मिलता था और गुजारा हो जाता था. लेकिन अब मंदिर बंद होने की वजह से हमें परेशानी हो रही है. डोयाम ने बताया कि परिवार का कोई सदस्य भी पूछने नहीं आता. ऐसे में जो भी उनसे आकर मिलता है वहीं बेटे जैसा लगता है.
डॉक्टरों ने नहीं दिया कोई सामान
डोमाय ने बताया कि जिस बीमारी की वजह से मंदिर बंद है उसकी जानकारी देने डॉक्टर आए थे, पर साफ-सफाई के लिए जो जरुरी सामान है वो किसी ने नहीं दिया.