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फर्जी जाति प्रमाण पत्र केस: शासकीय पदों पर नौकरी कर रहे लोगों पर उठी कार्रवाई की मांग

छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक संघ (Chhattisgarh Scheduled Tribes Government Servants Association) ने इसके लिए बस्तर संभाग का दौरा करना शुरू कर दिया है

Demand for action against people doing fake jobs
नौकरी कर रहे लोगों पर उठी कार्रवाई की मांग
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Published : Sep 12, 2021, 10:26 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर: छत्तीसगढ़ में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे लोगों पर गाज गिर सकती है. छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक संघ (Chhattisgarh Scheduled Tribes Government Servants Association) ने इसके लिए बस्तर संभाग का दौरा करना शुरू कर दिया है. बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा, बीजापुर सहित कोंडागांव और अन्य जिलों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों से मुलाकात कर फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे लोगों को हटाने की मांग तेज हो गई है. साथ ही तत्काल प्रभाव से नौकरी से निकालने की मांग प्रदेश में तेज होती जा रही है. सेवक संघ की ओर से पदोन्नति में आरक्षण पर सरकार की तरफ से लगाए गए प्रतिबंध को निरस्त करने की मांग तेज हो गई है.

नौकरी कर रहे लोगों पर उठी कार्रवाई की मांग

छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक संघ के पदाधिकारियों ने आज बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल से मुलाकात की और उच्च स्तरीय छानबीन समिति की तरफ से जांच में 267 सरकारी अफसर-कर्मियों के जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए इन लोगों को जल्द से जल्द पदों से हटाने की मांग की है.

शासकीय विभागों में फर्जी जाति प्रमाण पत्र का खेल

इसके अलावा पदोन्नति में आरक्षण पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने की मांग भी संघ के पदाधिकारियों ने की. इस दौरान संघ के पदाधिकारियों ने यह दावा करते हुए कहा है कि हाल ही में छत्तीसगढ़ में 12 हजार से अधिक पदों में भर्ती हुई लेकिन इस दौरान आरक्षण का पालन नहीं किया गया. जिसकी वजह से अनुसूचित जनजाति के 4 हजार लोगों की नौकरी अन्य वर्ग के लोगों को मिल गई.

उन्होंने कहा कि सरकार ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे उच्च पदों से लेकर बड़े अधिकारी और कर्मचारियों पर कार्रवाई कर उन्हें हटाने की भी बात कही थी. लेकिन अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है. संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि अगर सरकार जल्द ही इस मामले में फैसला नहीं लेती है तो अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक संघ उग्र आंदोलन को बाध्य होगा. इधर बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष व बस्तर के विधायक लखेश्वर बघेल ने कर्मचारियों के सभी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से चर्चा करने की बात कही है.

उनका कहना है कि राज्य सरकार फर्जी जाति प्रमाण के आधार पर नौकरी करने वाले लोगों पर कार्रवाई को लेकर गंभीर है. इसकी प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. हालांकि कोरोना काल की वजह से इस प्रक्रिया में लेटलतीफी जरूर हुई. लेकिन जल्द ही सरकार इस पूरे मामले को संज्ञान में लेकर सरकारी पदों पर फर्जी तरीके से नौकरी कर रहे लोगों पर कार्रवाई करेगी.

जगदलपुर: छत्तीसगढ़ में फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे लोगों पर गाज गिर सकती है. छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक संघ (Chhattisgarh Scheduled Tribes Government Servants Association) ने इसके लिए बस्तर संभाग का दौरा करना शुरू कर दिया है. बस्तर संभाग के दंतेवाड़ा, बीजापुर सहित कोंडागांव और अन्य जिलों में स्थानीय जनप्रतिनिधियों से मुलाकात कर फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे लोगों को हटाने की मांग तेज हो गई है. साथ ही तत्काल प्रभाव से नौकरी से निकालने की मांग प्रदेश में तेज होती जा रही है. सेवक संघ की ओर से पदोन्नति में आरक्षण पर सरकार की तरफ से लगाए गए प्रतिबंध को निरस्त करने की मांग तेज हो गई है.

नौकरी कर रहे लोगों पर उठी कार्रवाई की मांग

छत्तीसगढ़ अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक संघ के पदाधिकारियों ने आज बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष और बस्तर विधायक लखेश्वर बघेल से मुलाकात की और उच्च स्तरीय छानबीन समिति की तरफ से जांच में 267 सरकारी अफसर-कर्मियों के जाति प्रमाण पत्र फर्जी पाए गए इन लोगों को जल्द से जल्द पदों से हटाने की मांग की है.

शासकीय विभागों में फर्जी जाति प्रमाण पत्र का खेल

इसके अलावा पदोन्नति में आरक्षण पर लगाए गए प्रतिबंध को हटाने की मांग भी संघ के पदाधिकारियों ने की. इस दौरान संघ के पदाधिकारियों ने यह दावा करते हुए कहा है कि हाल ही में छत्तीसगढ़ में 12 हजार से अधिक पदों में भर्ती हुई लेकिन इस दौरान आरक्षण का पालन नहीं किया गया. जिसकी वजह से अनुसूचित जनजाति के 4 हजार लोगों की नौकरी अन्य वर्ग के लोगों को मिल गई.

उन्होंने कहा कि सरकार ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर नौकरी कर रहे उच्च पदों से लेकर बड़े अधिकारी और कर्मचारियों पर कार्रवाई कर उन्हें हटाने की भी बात कही थी. लेकिन अब तक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है. संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि अगर सरकार जल्द ही इस मामले में फैसला नहीं लेती है तो अनुसूचित जनजाति शासकीय सेवक संघ उग्र आंदोलन को बाध्य होगा. इधर बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष व बस्तर के विधायक लखेश्वर बघेल ने कर्मचारियों के सभी मांगों को लेकर मुख्यमंत्री से चर्चा करने की बात कही है.

उनका कहना है कि राज्य सरकार फर्जी जाति प्रमाण के आधार पर नौकरी करने वाले लोगों पर कार्रवाई को लेकर गंभीर है. इसकी प्रक्रिया भी शुरू कर दी गई है. हालांकि कोरोना काल की वजह से इस प्रक्रिया में लेटलतीफी जरूर हुई. लेकिन जल्द ही सरकार इस पूरे मामले को संज्ञान में लेकर सरकारी पदों पर फर्जी तरीके से नौकरी कर रहे लोगों पर कार्रवाई करेगी.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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