जगदलपुर : दंतेवाड़ा जिले से नक्सलियों को सहयोग करने के आरोप में बीजेपी जिला उपाध्यक्ष की हुई गिरफ्तारी के बाद बस्तर में राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो चुका है. 1 दिन पहले जगदलपुर के विधायक रेखचंद जैन ने पत्रकार वार्ता कर भाजपा के लोगों पर नक्सल सहयोगी होने और नक्सलियों से साठगांठ का आरोप लगाया था और बस्तर के पूर्व सांसद दिनेश कश्यप पर लोकसभा उपचुनाव के दौरान नक्सलियों की मदद लेने का भी आरोप लगाया था.
इस बयान पर पलटवार करते हुए बस्तर के पूर्व सांसद दिनेश कश्यप ने कहा कि 'अगर रेखचंद जैन यह साबित कर देते हैं कि कश्यप परिवार की नक्सलियों से साठगांठ है, तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा' उन्होंने यह भी कहा कि 'शायद रेखचंद जैन को यह मालूम नहीं है कि कश्यप परिवार हमेशा से ही नक्सलियों का विरोध करता आया है. नक्सलियों ने ही उनके भाई तानसेन कश्यप की हत्या कर दी थी. बस्तर के पूर्व सांसद और मेरे पिता बलिराम कश्यप पर भी नक्सलियों ने हमला करने की साजिश रची थी, हालांकि नक्सली इस हमले को अंजाम देने में नाकाम रहे. वहीं मुझे खुद नक्सलियों ने गोली मारी थी' ऐसे में रेखचंद जैन साबित करें कि कश्यप परिवार का नक्सलियों से साठगांठ है.
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कांग्रेस पर लगाए गंभीर आरोप
इसके अलावा दिनेश कश्यप ने कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए कहा कि बस्तर में नक्सलियों से कांग्रेसियों की साठगांठ है और नक्सलियों के सहयोग से कांग्रेसियों ने इस बार का चुनाव जीता है. नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में इस बार ज्यादा मतदान हुआ है ऐसे में साफ जाहिर होता है कि चुनाव में खड़े हुए कांग्रेसियों ने नक्सलियों से साठगांठ कर यह चुनाव जीता है. वहीं झीरम हमले के मामले पर भी दिनेश कश्यप ने सवाल उठाए हैं, उन्होंने कहा कि 'इतने बड़े नक्सली हमले में कवासी लखमा बचकर कैसे निकल आए'.