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150 करोड़ के सरकारी फंड का बंदरबांट, पूर्व IAS समेत कांग्रेस नेता पर आरोप

150 करोड़ रुपये की जालसाजी कर बंदरबांट के मामले में IPS के साथ ही कांग्रेस नेता को आरोपी बनाया गया है. दोनों पर आरोप है कि, इन्होंने सरकारी अफसरों के साथ मिलकर सरकार को ही चूना लगाया है. दोनों के खिलाफ FIR दर्ज कर ली गई है.

150 करोड़ के सरकारी फंड का बंदरबांट
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Published : Aug 7, 2019, 10:36 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

जगदलपुर: बस्तर में रेल लाईन विस्तार के लिए प्रस्तावित रावघाट रेल परियोजना में स्टेशन निर्माण के लिए भू अधिग्रहण में बड़ा घोटाला सामने आया है. अफसर, कर्मियों और हितग्राहियों की सांठगांठ से इस पूरी जालसाजी में सरकार को 150 करोड़ से अधिक रुपयों का चूना लगाया गया है. पूर्व IAS समेत बस्तर के कांग्रेस नेता की पत्नी को भी मामले में आरोपी बनाया गया है.

150 करोड़ के सरकारी फंड का बंदरबांट

मामला बस्तर की जगदलपुर-रावघाट रेललाइन के लिए भूमि अधिग्रहण का है. जिसमें जगदलपुर ब्लॉक के कंगोली, अघनपुर, घाटपदमूर और पल्ली के 108 खाताधारकों की जमीन रेललाइन और स्टेशन के लिए ली गई थी. नगर निगम क्षेत्र में शामिल कंगोली में सबसे ज्यादा 46.66 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की गई है. इसकी एवज में मात्र 36.52 करोड़ का मुआवजा दिया गया है.

9 प्रशासनिक अधिकारियों की मिली भगत
अधिकारियों ने ग्रामीण इलाके की जमीन को शहरी और निगम के इलाके का बताकर मुआवजे की गणना की गई और इसमें सिर्फ दो जमीन मालिक बली नागवंशी और निलिमा टीवी रवि जो कि कांग्रेस नेता की पत्नी है. उन्हें सबसे ज्यादा 95 करोड रूपये का फायदा पंहुचाया गया और इसके लिए 9 प्रशासनिक अधिकारियों की मिली भगत से इस बडे स्कैम को अंजाम दिया गया.

पढ़ें : बस्तर में बारिश बरपा रही कहर, निचले इलाकों के लोग हुए बेघर

तीन सदस्यीय टीम ने किया पर्दाफाश
मामले की शिकायत के बाद कलेक्टर डॉ. अय्याज तंबोली ने SDM, SLR और दरभा के तहसीलदार की तीन सदस्यीय समिति से जांच करवाई थी, जिसकी प्रारंभिक रिपोर्ट कमिश्नर सहित सामान्य प्रशासन और पुलिस को भेजी गई है. वहीं कलेक्टर की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पर पुलिस ने दो भू स्वामियों समेत 9 लोगों पर FIR दर्ज की है.

6 अफसरों सहित 3 कर्मचारियों का नाम शामिल
CSP हेमसागर सिदार ने बताया कि 'रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों को लाभ पहुंचाने के लिए मिलीभगत कर सरकारी धन को नुकसान पहुंचाया गया है. इन पर आपराधिक षड़यंत्र, धोखाधड़ी, कूटरचना के आरोप में जुर्म दर्ज किया गया है. जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी.

जगदलपुर: बस्तर में रेल लाईन विस्तार के लिए प्रस्तावित रावघाट रेल परियोजना में स्टेशन निर्माण के लिए भू अधिग्रहण में बड़ा घोटाला सामने आया है. अफसर, कर्मियों और हितग्राहियों की सांठगांठ से इस पूरी जालसाजी में सरकार को 150 करोड़ से अधिक रुपयों का चूना लगाया गया है. पूर्व IAS समेत बस्तर के कांग्रेस नेता की पत्नी को भी मामले में आरोपी बनाया गया है.

150 करोड़ के सरकारी फंड का बंदरबांट

मामला बस्तर की जगदलपुर-रावघाट रेललाइन के लिए भूमि अधिग्रहण का है. जिसमें जगदलपुर ब्लॉक के कंगोली, अघनपुर, घाटपदमूर और पल्ली के 108 खाताधारकों की जमीन रेललाइन और स्टेशन के लिए ली गई थी. नगर निगम क्षेत्र में शामिल कंगोली में सबसे ज्यादा 46.66 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की गई है. इसकी एवज में मात्र 36.52 करोड़ का मुआवजा दिया गया है.

9 प्रशासनिक अधिकारियों की मिली भगत
अधिकारियों ने ग्रामीण इलाके की जमीन को शहरी और निगम के इलाके का बताकर मुआवजे की गणना की गई और इसमें सिर्फ दो जमीन मालिक बली नागवंशी और निलिमा टीवी रवि जो कि कांग्रेस नेता की पत्नी है. उन्हें सबसे ज्यादा 95 करोड रूपये का फायदा पंहुचाया गया और इसके लिए 9 प्रशासनिक अधिकारियों की मिली भगत से इस बडे स्कैम को अंजाम दिया गया.

पढ़ें : बस्तर में बारिश बरपा रही कहर, निचले इलाकों के लोग हुए बेघर

तीन सदस्यीय टीम ने किया पर्दाफाश
मामले की शिकायत के बाद कलेक्टर डॉ. अय्याज तंबोली ने SDM, SLR और दरभा के तहसीलदार की तीन सदस्यीय समिति से जांच करवाई थी, जिसकी प्रारंभिक रिपोर्ट कमिश्नर सहित सामान्य प्रशासन और पुलिस को भेजी गई है. वहीं कलेक्टर की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पर पुलिस ने दो भू स्वामियों समेत 9 लोगों पर FIR दर्ज की है.

6 अफसरों सहित 3 कर्मचारियों का नाम शामिल
CSP हेमसागर सिदार ने बताया कि 'रिपोर्ट के आधार पर आरोपियों को लाभ पहुंचाने के लिए मिलीभगत कर सरकारी धन को नुकसान पहुंचाया गया है. इन पर आपराधिक षड़यंत्र, धोखाधड़ी, कूटरचना के आरोप में जुर्म दर्ज किया गया है. जल्द आरोपियों की गिरफ्तारी की जाएगी.

Intro:जगदलपुर। बस्तर में  रेल लाईन विस्तार के लिए प्रस्तावित रावघाट रेल परियोजना मे  स्टेशन निर्माण के लिए भू अधिग्रहण में बड़ा घोटाला सामने आया है।  अफसर, कर्मियों और हितग्राहियों की सांठगांठ से इस पूरी जालसाजी में सरकार को 150 करोड़  से अधिक रुपयों का चूना लगाया गया है  जालसाजी में पूर्व आईएएस समेत बस्तर के कांग्रेसी नेता की पत्नी भी शामिल पायी गयी हैं जो खुद जिला पंचायत सदस्य हैं।  जिला प्रशासन ने इस मामले की जाँच के बाद 2 कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। और 8 लोगों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवाया है।  पुलिस अब इन सभी की गिरफ़्तारी करने की तैयारी मे है।  


Body:दरअसल पूरा मामला बस्तर की जगदलपुर-रावघाट रेललाइन के लिए भूमि अधिग्रहण का है।   जगदलपुर ब्लॉक के कंगोली, अघनपुर,घाटपदमूर और पल्ली के 108 खाताधारकों की जमीन रेललाइन और स्टेशन के लिए ली गई थी। नगर निगम क्षेत्र में शामिल कंगोली में सबसे ज्यादा 46.66 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की गई है। इसकी एवज में मात्र 36.52 करोड़ का मुआवजा दिया गया है। जबकि पल्ली में सिर्फ 7 खातेदारों की 4.184 हेक्टेयर भूमि लेकर 100 करोड़ का मुआवजा दिया गया है। इसमें भी सिर्फ दो लोगों को ही 96 करोड़ रुपए दिए गए हैं। अन्य 5 लोगों को 4 करोड़ रुपए और शेष 3 गांव के 101 लोगों को 53.51 करोड़ रुपए का मुआवजा मिला । प्रारंभिक जांच प्रतिवेदन में स्पष्ट पाया गया  कि चित्रकोट मुख्य सड़क के एक ओर पल्ली की जमीन को शहरी बताकर मुआवजे की गणना की गई। जबकि सड़क के दूसरी ओर घाट पदमूर के इलाके को ग्रामीण माना गया। ग्रामीण इलाके की जमीन को शहरी और निगम इलाके का बताकर मुआवजे की गणना की गई और इसमें सिर्फ दो भूमि स्वामियों बली नागवंशी और निलिमा टीव्ही रवि जो कि कांग्रेसी नेता की पत्नी है।उन्हे सबसे ज्यादा 95 करोड रू. का लाभ पंहुचाया गया, और इसके लिए 9 प्रशासनिक अधिकारियो की मिली भगत से इस बडे स्कैम को अंजाम दिया गया। मामले की शिकायत के बाद कलेक्टर डॉ. अय्याज तंबोली ने एसडीएम,एसएलआर और दरभा के तहसीलदार की तीन सदस्यीय समिति से जांच करवाई थी। जिसकी प्रारंभिक रिपोर्ट कमिश्नर सहित सामान्य प्रशासन और पुलिस को भेजी गई थी। इस मामले में तत्कालीन अपर कलेक्टर हीरालाल नायक (पूर्व आईएएस) तत्कालीन एसडीएम सियाराम कुर्रे, तत्कालीन तहसीलदार व  डिप्टी कलेक्टर रहे दीनदयाल मंडावी, तत्कालीन राजस्व निरीक्षण अर्जुन श्रीवास्तव, तत्कालीन प्रभारी उप पंजीयक कौशल ठाकुर और पटवारी धर्मनारायण साहू और सार्वजनिक क्षेत्र की इंडियन रेलवे कंस्ट्रक्शन कंपनी के अतिरिक्त महाप्रबंधक सुरेश बी मताली और एवीआर मूर्ति को दोषी पाया गया जिन्होने इस पूरे स्कैम को दो भू स्वामियो से मिलकर अंजाम दिया । 96 करोड़ का मुआवजा लेने वाले बली नागवंशी और कांग्रेसी नेता टी व्ही रवि की पत्नी नीलिमा टीवी रवि को भी मुख्य आरोपी बनाया गया है, नीलिमा टी व्ही रवि  कांग्रेस की नेता हैं और जिला पंचायत सदस्य भी हैं।  कलेक्टर की प्रारंभिक जांच रिपोर्ट पर पुलिस ने दो भू स्वामियो समेत 9 लोगों को प्रथमदृष्टया आरोपी पाते भादवि की धाराओं में जुर्म दर्ज किया है। बस्तर में पहली बार किसी आईएएस पर एफआईआर हुई है।


Conclusion:वो3- इधर पुलिस ने इस पूरे स्कैम को अंजाम देने वाले 6 अफसरों सहित 3 कर्मचारियों और दो भू स्वामियों के खिलाफ  बाकायदा एफआईआर दर्ज कर ली है।  सीएसपी हेमसागर सिदार ने बताया की  रिपोर्ट के आधार पर विशिष्ट आरोपियों को अनुचित लाभ पहुंचाने मिलीभगत कर सरकारी धन को हानि पहुंचाने के आरोप में केस दर्ज किया गया है। और इन पर आपराधिक षड़यंत्र, धोखाधड़ी, कूटरचना के आरोप में भादवि धारा 120बी, 109, 409, 420, 467-68, 471 के तहत जुर्म दर्ज किया है। और जल्द आरोपियों की गिरफ़्तारी की जाएगी।  
 दरअसल इस पूरे मामले मे  ग्रामीण इलाके को शहरी क्षेत्र बताकर अत्याधिक मुआवजा दिया गया और सरकार को करोडो रू. का नुकसान पहुंचाया गया। रेलवे लाईन के अलाइन्मेंट मे परिवर्तन करते हुए रूट डायवर्ट किया गया। स्टेशन निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण मे भीं विसंगतियां मिली, परि संपत्तियों की गणना मे ग़डब़डी की गई, ब्याज का निर्धारण अधिक करते हुए मनमाना मुआवजा दिया गया। 

बाईट1- मनीष गुप्ता, वरिष्ठ पत्रकार उजागर कर्ता
 
बाईट2- अय्याज तंबोली, कलेक्टर बस्तर

बाइट3-  हेमसागर सिदार, सीएसपी


Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST
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