बस्तर: कलेक्टर रजत बंसल ने पदोन्नति आदेश में गड़बड़ी को लेकर बड़ी कार्रवाई की है. कलेक्टर ने पदोन्नति में गड़बड़ी के मामले में CMHO के खिलाफ विभागीय जांच के लिए संचालक स्वास्थ्य सेवाओं को अनुशंसा की है. वहीं स्थापना लिपिक को निलंबित करने के आदेश दिए हैं. साथ ही कलेक्टर ने पिछले साल जारी स्वास्थ्य विभाग के चतुर्थ वर्ग के पदोन्नति आदेश को निरस्त कर नए सिरे से पदोन्नति करने के निर्देश दिए हैं. गड़बड़ी के मामले में CMHO डाॅ. आर के चतुर्वेदी के खिलाफ विभागीय जांच सहित गंभीर अनुशासनात्मक कार्रवाई के लिए संचालक स्वास्थ्य सेवाओं को अनुशंसा की है. वहीं उनके स्थापना लिपिक डीके देवांगन को सस्पेंड कर दिया है.
क्लर्क को किया सस्पेंड
नवंबर 2020 में जिले के CMHO ने स्वास्थ्य विभाग के चतुर्थ वर्ग के कर्मचारियों का पदोन्नति आदेश जारी किया था. इस पदोन्नति आदेश में अनियमितता की शिकायत पाए जाने पर कलेक्टर रजत बंसल ने अपर कलेक्टर अरविंद एक्का की अध्यक्षता में संयुक्त जांच समिति गठित की थी. गठित जांच समिति ने पदोन्नति के मामले की बारीकी से जांच कर कलेक्टर को रिपोर्ट सौंपा था. इस मामले में CMHO आर के चतुर्वेदी सहित पदोन्नति समिति के अन्य सदस्य और स्थापना लिपिक को नोटिस जारी किया गया था. संयुक्त जांच समिति ने CMHO के जवाब को संतोषजनक नहीं पाया. वहीं पदोन्नति की प्रक्रिया में उन्हें पूरी तरह दोषी पाया.
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अपात्र कर्मचारियों की हुई थी नियुक्ति
जांच समिति ने पाया कि कार्यालय ने अपात्र कर्मचारियों को पदोन्नत किया है. इस मामले में सीएमएचओ और क्लर्क को संदेह के दायरे में रखकर कार्रवाई की गई. कलेक्टर ने नवम्बर 2020 में जारी सभी 8 पदोन्नति आदेश को निरस्त करते हुए 15 अप्रैल से पहले शासन के सभी नियमों का पालन करते हुए पात्र कर्मचारियों की पदोन्नति के निर्देश दिए हैं.