जगदलपुर: बस्तर जिले के ग्रामीण अंचलों के साथ ही शहरी लोगों के लिए शुरू की गई सिटी बस सेवा पूरी तरह से ठप होती नजर आ रही है. आलम यह है कि कई सीटी बसें खड़ी-खड़ी कबाड हो चुकी हैं. पिछले डेढ़ महीने से बस सेवा ठप होने से ग्रामीण अंचलों के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके चलते ग्रामीण अधिक किराया देकर निजी वाहनों का उपयोग करने को मजबूर हो गए हैं.
दरअसल, तत्कालीन भाजपा सरकार ने साल 2016 में जगदलपुरवासियों को 10 सिटी बसों की सौगात दी थी, जिसे जिला प्रशासन द्वारा निजी ठेके में चलाया जा रहा था. कुछ सालों तक यह बसें चली और ग्रामीण और शहरवासियों को इसका फायदा भी मिला, लेकिन, डेढ महीने से यह सेवा पूरी तरह से ठप है.
ग्रामीण यात्रियों का कहना है कि सिटी बसों का परिचालन नहीं होने से उन्हें मजबूरन महंगे किराए पर टैक्सी और कबाड़ हो चुके यात्री बसों में आना-जाना पड़ रहा है. सिटी बस के चलने से उन्हें कम दामों पर राहतभरी सफर मिल पाती थी. इसके बंद होने से उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड रहा है.
जिले को मिली थी 10 बसें
दरअसल, ग्रामीणों को कम दामों पर आवागमन का लाभ मिल सके, इसलिए इस योजना की शुरुआत की गई थी और जिले को 10 सीटी बसें दी गई थी. इसकी पूरी तरह से देख-रेख की जिम्मेदारी प्रशासन और ठेकेदार की थी, लेकिन रखरखाव की कमी के चलते 7 बसें अलग-अलग जगहों पर कबाड होकर खडी हैं. हालांकी इस मामले में बस्तर कलेक्टर का कहना है कि जिला प्रशासन को सिटी बसो का संचालन कर रहे ठेकेदार से 8 लाख रुपए की राशि लेनी है और इसे तत्काल जमा करने के लिए नोटिस भी जारी किया गया है. राशि जमा नहीं किये जाने की कंडिशन में ठेकेदार के खिलाफ आरआरसी के तहत कार्रवाई की जायेगी. वहीं जरूरत पड़ने पर ठेकेदार के संपत्ति की कुर्की भी की जायेगी. साथ ही सिटी बसों के सचांलन के लिए फिर से टेंडर निकाले जाने के साथ बसों का मेंटेनेंस भी किया जायेगा.