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जगदलपुर में सिटी बसें ठप, मनमाने किराए पर यात्रा करने को मजबूर हैं ग्रामीण

दरअसल, तत्कालीन भाजपा सरकार ने साल 2016 में जगदलपुरवासियों को 10 सिटी बसों की सौगात दी थी, जिसे जिला प्रशासन द्वारा निजी ठेके में चलाया जा रहा था.

बंद खड़ी सिटी बस.
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Published : Jun 20, 2019, 1:04 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

जगदलपुर: बस्तर जिले के ग्रामीण अंचलों के साथ ही शहरी लोगों के लिए शुरू की गई सिटी बस सेवा पूरी तरह से ठप होती नजर आ रही है. आलम यह है कि कई सीटी बसें खड़ी-खड़ी कबाड हो चुकी हैं. पिछले डेढ़ महीने से बस सेवा ठप होने से ग्रामीण अंचलों के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके चलते ग्रामीण अधिक किराया देकर निजी वाहनों का उपयोग करने को मजबूर हो गए हैं.

न्यूज स्टोरी.

दरअसल, तत्कालीन भाजपा सरकार ने साल 2016 में जगदलपुरवासियों को 10 सिटी बसों की सौगात दी थी, जिसे जिला प्रशासन द्वारा निजी ठेके में चलाया जा रहा था. कुछ सालों तक यह बसें चली और ग्रामीण और शहरवासियों को इसका फायदा भी मिला, लेकिन, डेढ महीने से यह सेवा पूरी तरह से ठप है.

ग्रामीण यात्रियों का कहना है कि सिटी बसों का परिचालन नहीं होने से उन्हें मजबूरन महंगे किराए पर टैक्सी और कबाड़ हो चुके यात्री बसों में आना-जाना पड़ रहा है. सिटी बस के चलने से उन्हें कम दामों पर राहतभरी सफर मिल पाती थी. इसके बंद होने से उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड रहा है.

जिले को मिली थी 10 बसें
दरअसल, ग्रामीणों को कम दामों पर आवागमन का लाभ मिल सके, इसलिए इस योजना की शुरुआत की गई थी और जिले को 10 सीटी बसें दी गई थी. इसकी पूरी तरह से देख-रेख की जिम्मेदारी प्रशासन और ठेकेदार की थी, लेकिन रखरखाव की कमी के चलते 7 बसें अलग-अलग जगहों पर कबाड होकर खडी हैं. हालांकी इस मामले में बस्तर कलेक्टर का कहना है कि जिला प्रशासन को सिटी बसो का संचालन कर रहे ठेकेदार से 8 लाख रुपए की राशि लेनी है और इसे तत्काल जमा करने के लिए नोटिस भी जारी किया गया है. राशि जमा नहीं किये जाने की कंडिशन में ठेकेदार के खिलाफ आरआरसी के तहत कार्रवाई की जायेगी. वहीं जरूरत पड़ने पर ठेकेदार के संपत्ति की कुर्की भी की जायेगी. साथ ही सिटी बसों के सचांलन के लिए फिर से टेंडर निकाले जाने के साथ बसों का मेंटेनेंस भी किया जायेगा.

जगदलपुर: बस्तर जिले के ग्रामीण अंचलों के साथ ही शहरी लोगों के लिए शुरू की गई सिटी बस सेवा पूरी तरह से ठप होती नजर आ रही है. आलम यह है कि कई सीटी बसें खड़ी-खड़ी कबाड हो चुकी हैं. पिछले डेढ़ महीने से बस सेवा ठप होने से ग्रामीण अंचलों के लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसके चलते ग्रामीण अधिक किराया देकर निजी वाहनों का उपयोग करने को मजबूर हो गए हैं.

न्यूज स्टोरी.

दरअसल, तत्कालीन भाजपा सरकार ने साल 2016 में जगदलपुरवासियों को 10 सिटी बसों की सौगात दी थी, जिसे जिला प्रशासन द्वारा निजी ठेके में चलाया जा रहा था. कुछ सालों तक यह बसें चली और ग्रामीण और शहरवासियों को इसका फायदा भी मिला, लेकिन, डेढ महीने से यह सेवा पूरी तरह से ठप है.

ग्रामीण यात्रियों का कहना है कि सिटी बसों का परिचालन नहीं होने से उन्हें मजबूरन महंगे किराए पर टैक्सी और कबाड़ हो चुके यात्री बसों में आना-जाना पड़ रहा है. सिटी बस के चलने से उन्हें कम दामों पर राहतभरी सफर मिल पाती थी. इसके बंद होने से उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड रहा है.

जिले को मिली थी 10 बसें
दरअसल, ग्रामीणों को कम दामों पर आवागमन का लाभ मिल सके, इसलिए इस योजना की शुरुआत की गई थी और जिले को 10 सीटी बसें दी गई थी. इसकी पूरी तरह से देख-रेख की जिम्मेदारी प्रशासन और ठेकेदार की थी, लेकिन रखरखाव की कमी के चलते 7 बसें अलग-अलग जगहों पर कबाड होकर खडी हैं. हालांकी इस मामले में बस्तर कलेक्टर का कहना है कि जिला प्रशासन को सिटी बसो का संचालन कर रहे ठेकेदार से 8 लाख रुपए की राशि लेनी है और इसे तत्काल जमा करने के लिए नोटिस भी जारी किया गया है. राशि जमा नहीं किये जाने की कंडिशन में ठेकेदार के खिलाफ आरआरसी के तहत कार्रवाई की जायेगी. वहीं जरूरत पड़ने पर ठेकेदार के संपत्ति की कुर्की भी की जायेगी. साथ ही सिटी बसों के सचांलन के लिए फिर से टेंडर निकाले जाने के साथ बसों का मेंटेनेंस भी किया जायेगा.

Intro:
जगदलपुर। बस्तर जिले के ग्रामीण अंचलो मे रहने वाले लोगो और शहरवासियो के लिए कम किराये मे आवागमन की सुविधा मिल सके इसके लिए बस्तर मे शुरू की गई सीटी बस सेवा पूरी तरह से ठप होती नजर आ रही है। आलम यह है कि कई सीटी बसें खडे खडे कबाड हो चुके है। पिछले डेढ महीने से सीटी बस सेवा ढप हो जाने से खासकर ग्रामीण अंचलो के लोगो को काफी दिक्कतो का सामना करना पड रहा है। मजबूरन उन्हे मंहगे किराये मे टेक्सी औऱ बसों से आवागमन कर पड रहा है।







Body:दरअसल तत्कालीन भाजपा सरकार ने सन 2016 मे जगदलपुर वासियो को 10 सीटी बसों की सौगात दी थी, जिसे जिला प्रशासन द्वारा निजी ठेके मे चलाया जा रहा था, कुछ सालो तक यह बसें चली औऱ ग्रामीण और शहरवासियो को इसका फायदा भी मिला , लेकिन डेढ महीने से यह सेवा पूरी तरह से ढप हो गई है औऱ लाखो रू .क्रय कर खरीदी गई यह सीटी बसें खडे खडे कबाड हो गये है। ग्रामीण यात्रियो का कहना है कि सीटी बसों का परिचालन नही होने से उन्हे मजबूरन जान जोखिम मे डालकर व मंहगे किराये मे टेक्सी औऱ खटारा हो चुके यात्री बसो मे आवागमन करना पडता है। सीटी बस के चलने से उन्हे कम दामो मे राहतभरी सफर मिल पाती थी, और इसके बंद होने से उन्हे कई दिक्कतो का सामना करना पड रहा है।


Conclusion: दरअसल ग्रामवासियो को कम दामो मे आवागमन का लाभ मिल सके इसलिए इस योजना की शुरूआत की गई थी, औऱ बस्तर जिले के लिए 10 सीटी बसें दी गई थी, जिसकी पूरी तरह से देखरेख की जिम्मेदारी प्रशासन और ठेकेदार की थी, लेकिन पिछले कई महीनो से प्रशासन और ठेकेदार ने सीटी बस के रखरखाव और मेंटेनेंस की ओर ध्यान नही दिया। जिसके परिणाम स्वरूप 7 बसें अलग अलग जगहो पर कबाड होकर खडी हो गई है। हांलाकि इस मामले मे बस्तर कलेक्टर का कहना है कि जिला प्रशासन को इस सीटी बंसो का संचालन कर रहे ठेकेदार से 8 लाख रू. की राशि लेनी है और इसे तत्तकाल जमा करने के लिए नोटिस भी जारी किया गया है, राशि जमा नही किये जाने के कंडीशन मे ठेकेदार के खिलाफ  आरआरसी के तहत कार्रवाई की जायेगी और आवश्यकता पडने पर ठेकेदार के संपत्ति की कुर्की की कार्रवाई भी की जायेगी। साथ ही सीटी बसों के सचांलन के लिए फिर से टेंडर निकाले जाने के साथ बंसो का मेंटनेंस भी किया जायेगा।

बाईट1- धीरज कुमार, यात्री
बाईट2- शिवशंकर, यात्री
बाईट3- अय्याज तंबोली, कलेक्टर बस्तर  

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST
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