जगदलपुर: छत्तीसगढ़ पुलिस ने नक्सल प्रभावित बस्तर जिले में राज्य के पहले महिला पुलिस बैंड की स्थापना की है. पुलिस और सुरक्षाबलों में महिला अधिकारियों और कर्मचारियों को पुरुषों के समान मौके उपलब्ध कराने के मकसद से इस बैंड को बनाया गया है. महिला पुलिस बैंड को हर तरफ से प्रशंसा मिल रही है. सबके आकर्षण का केंद्र बने इस बैंड की प्रस्तुति की तारीफ किए बिना मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी नहीं रह पाए. सीएम इन्हें सम्मानित भी कर चुके हैं.
बैंड में शामिल हैं 16 सदस्य
बस्तर आईजी और एसपी की पहल पर इस बैंड को बनाया गया है. इस पुलिस बैंड में 16 सदस्य हैं. इसमें 10 महिला आरक्षक हैं. 15 साल की नौकरी कर चुके रिटायर्ड एएसआई ईश्वरदास वानखेड़े ने इन महिला पुलिस बैंड को 4 महीने तक ट्रेंड किया है. ट्रेनिंग के दौरान महिला पुलिसकर्मियों को देशभक्ति के 12 गीत बजाने का प्रशिक्षण दिया गया, जो वे परेड और अन्य सरकारी आयोजन पर बजा सकें. इसके अलावा पुलिस बैंड के द्वारा बजाए जाने वाले सभी बैंडों की उन्हें ट्रेनिंग दी गई है.
सबसे पहले बस्तर दशहरे में दी प्रस्तुति
सबसे पहले इस बैंड ने बस्तर दशहरे में प्रस्तुति दी. बस्तर दशहरे की हर रस्मों में बैंड की शानदार परफॉर्मेंस ने सबका दिल जीत लिया. उसके बाद से ही इनकी तारीफ होने लगी. इस टीम में शामिल महिलाओं को ड्रम पैड, बेस ड्रम जैसे वाद्ययंत्र बजाने की ट्रेनिंग दी गई. ये महिलाएं सभी वाद्ययंत्र अच्छे से बजाने लगी हैं.
सीएम ने किया था सम्मानित
बस्तर दशहरा के बाद लगातार सभी शासकीय आयोजनों और 26 जनवरी के अलावा पुलिस के सभी कार्यक्रमों में महिला पुलिस बैंड द्वारा एक से बढ़कर एक प्रस्तुति दी जा रही है. 26 जनवरी को बस्तर के ऐतिहासिक लाल बाग मैदान में पूरी तरह से महिला बैंड के द्वारा राष्ट्रगान के साथ परेड, सलामी और सभी कार्यक्रमों में शानदार प्रस्तुति दी गई. इसके बाद मुख्यमंत्री ने इस महिला बैंड टीम की जमकर तारीफ की और उन्हें पुरस्कार देकर सम्मानित भी किया था.
दूर हो गया सारा डर
महिला आरक्षकों ने बताया कि शुरुआत में उन्हें घबराहट महसूस होती थी. वे कहती हैं ऐसा लगता था कि इन वाद्य यंत्रों को नहीं बजा पाएंगी. लेकिन रिटायर्ड एएसआई और बैंड में शामिल पुरुष सदस्यों ने उन्हें अच्छी तरह ट्रेंड किया. उसके बाद से ही ये बेहतर प्रदर्शन सभी शासकीय कार्यक्रमों में अपने बैंड के माध्यम से कर पा रही हैं. महिलाएं कहती हैं कि उन्हें अब बहुत अच्छा महसूस हो रहा है. खुद प्रदेश के मुखिया ने उनकी तारीफ की है. बैंड दल की महिला आरक्षकों ने कहा कि अगर उन्हें मौका मिले तो वे देश के प्रधानमंत्री के सामने भी अपनी प्रस्तुति देने की इच्छा रखती हैं. उन्होंने कहा कि बस्तर की महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं. वे चाहती हैं कि महिला बैंड पार्टी में बेस ड्रम से लेकर सभी वाद्य यंत्र महिलाओं के द्वारा ही बजाए जाएं. इसे पूरी तरह से महिला बैंड बनाया जाए, जिससे वे पूरे छत्तीसगढ़ के साथ-साथ देश में मिसाल पेश कर सकें.
इस बैंड पार्टी की सबसे खास बात यह है कि इस महिला पुलिस की टीम में एक ऐसी भी महिला शामिल है जो पहले नक्सलियों के दलम में शामिल थी. उनकी नाट्य चेतना मंडली में शामिल होकर गांव-गांव में गाना गाकर बाजा भी बजाया करती थी. साल 2017 में उसने बस्तर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण किया और जिसके बाद बस्तर पुलिस ने उसकी शादी धूमधाम से कराई. अब वे इस बैंड पार्टी में शामिल हैं. वो गर्व महसूस करती हैं. आत्मसमर्पित नक्सली ने नक्सली संगठन में शामिल अन्य महिला नक्सलियों से भी अपील की है कि वे भी सरकार की मुख्यधारा से जुड़ कर उनकी तरह इस बैंड पार्टी में शामिल हों और अपने बस्तर और छत्तीसगढ़ के साथ-साथ पूरे देश में नाम रोशन करें.
पुरुष सदस्यों को होता है गर्व
इधर इस बैंड दल में शामिल पुरुष सदस्यों का कहना है कि उन्हें गर्व महसूस होता है कि वह महिला पुलिसकर्मियों के साथ अपनी प्रस्तुति देते हैं. ट्रेनिंग के दौरान इन महिला पुलिस दल ने बहुत तेजी से सभी वाद्य यंत्रों को सीख लिया. इन वाद्य यंत्रों को उठाना और बजाना हर किसी के बस की बात नहीं होती है. इसके बाद भी कुछ ही महीनों की ट्रेनिंग में इन महिला दल के द्वारा शानदार प्रदर्शन किया जा रहा है. पुरुष सदस्यों का कहना है कि इस दल में पूरी तरह से महिलाओं को शामिल किया जाए, जिससे मिसाल कायम हो.
आने वाले वक्त में सौ फीसदी होंगी महिलाएं: IG
बस्तर आईजी सुंदरराज पी का कहना है कि प्रगतिशील समाज और संगठन में महिलाओं को उचित सम्मान व अवसर दिया जाता है. बस्तर में तैनात पुलिस और सुरक्षा बल में भी महिलाओं को बेहतर अवसर दिया जा रहा है. वे कहते हैं कि बस्तर बटालियन में शामिल होकर महिला कमांडो नक्सलियों से लोहा लेने के साथ अंदरूनी क्षेत्रों के ग्रामीणों का दिल जीतने में कामयाब साबित हो रही हैं. अब पूरे प्रदेश में इस महिला बैंड की जमकर तारीफ हो रही है. आईजी ने कहा कि आने वाले दिनों में इसे पूरी तरह से महिला बैंड बनाया जाएगा. इसमें पूरी तरह से महिलाओं को शामिल किया जाएगा. वर्तमान में 16 लोगों की टीम में 10 महिला आरक्षक हैं, जिसमें एक सरेंडर महिला नक्सली भी शामिल है.