बस्तर: भानपुरी सिविल अस्पताल और करन्दोला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बस्तर में अक्सर बिजली गुल रहती है. जिससे परिसर में पूरी तरह से अंधेरा पसर जाता है. डॉक्टर भी मोबाइल की रोशनी में मरीजों का उपचार कर रहे हैं. क्रेडा विभाग की तरफ से सोलर लाइट लगाया जरूर गया था. जो कुछ दिनों तक डॉक्टरों और मरीजों के काम आया. लेकिन मेंटेनेंस की कमी से सोलर लाइट भी अब काम नहीं कर रहा है.
पल्ला झाड़ते दिखे बीएमओ: बीएमओ डॉक्टर पी शांडिल्य ने बताया कि "भानपुरी सिविल अस्पताल और करन्दोला सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बस्तर में सीएसईबी का लाइट कनेक्शन तो ठीक है. लेकिन आपात स्थिति से निपटने के लिए क्रेडा विभाग से सोलर लाइट की व्यवस्था की गई है, जो लंबे समय से बंद है. जिसकी वजह से इमरजेंसी लाइट और मोबाइल की रौशनी का सहारा लेना पड़ता है." इस बात की जानकारी अपने उच्च अधिकारी सीएमएचओ और जिला कलेक्टर को देने की बात भी बीएमओ ने कही है.
क्रेडा विभाग पर लापरवाही के आरोप: लंबे समय से क्रेडा विभाग की लाइट बंद पड़ी है. शिकायत और जानकारी के बाद भी, क्रेडा विभाग इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है. क्रेडा विभाग के छत्तीसगढ़ अध्यक्ष मिथलेश स्वर्णकार भी बस्तर से ही हैं. इसके बावजूद भी क्रेडा विभाग बस्तर में पूरी तरह से फेल रहा है. यही कारण है कि अस्पताल में डॉक्टरों और मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
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मौसम के चलते भी बढ़ी परेशानी: बस्तर में बीते सप्ताह भर से मौसम का मिजाज बदला हुआ है. बंगाल की खाड़ी में चक्रवात बना है, जिसका असर पूर्वी तटीय राज्यों के साथ बस्तर में भी देखा जा रहा है. बीते दिनों तेज आंधी तूफानों के साथ बारिश और ओले भी गिरे हैं. अभी भी बस्तर के अंदरूनी इलाकों में कहीं कहीं तेज हवाओं के साथ बारिश हो रही है. जिसके कारण सीएसईबी की बिजली गुल रहती है.
बस्तर हमेशा से ही स्वास्थ सुविधाओं के मामलों में पिछड़ा माना जाता है. बस्तर के अंदरूनी इलाकों से लगातार ऐसी तस्वीरें निकल कर सामने आती है. जहां इलाज नहीं हो पाने से लोगों की मौत हो जाती है. अब एक बार फिर से नेशनल हाईवे से लगे अस्पतालों की स्थिति वैसी ही हो चली है. इसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है.