जगदलपुर: किरंदुल में आदिवासियों के आस्था का केंद्र कहे जाने वाले नंदराज पर्वत पर अंधाधुन वनों की कटाई के बाद भाजपा और कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप का दौर शुरू हो गया है. इसी कड़ी में पूर्व स्कूल शिक्षा मंत्री और बीजेपी नेता केदार कश्यप ने राज्य सरकार पर नंदराज पहाड़ पर वनों की कटाई के लिए अनुमति देने का आरोप लगाया है.
बता दें कि किरंदुल में अडानी को डिपॉजिट 13 दिए जाने के विरोध में आदिवासियों ने हजारों की संख्या में मोर्चा खोला था, जिससे अपने आस्था के केंद्र को बचा सकें, लेकिन आदिवासियों का आंदोलन थमते ही सियासत की गलियों में सरगर्मियां तेज हो गई हैं. पक्ष-विपक्ष में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जोरों पर है. सरकार भी पुरानी सरकार पर आरोप मढ़ रही है.
वन मंत्री ने दी वनों की कटाई की अनुमति: केदार कश्यप
इसी कड़ी में पूर्व स्कूल शिक्षा मंत्री केदार कश्यप ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि 12 फरवरी 2019 को वन मंत्री ने आदिवासियों के आस्था के केन्द्र में वनों की कटाई के लिए अनुमति दी थी, जिससे अब तक 20 से 22 हजार पेड़ काट दिए गए हैं. सीएम अपने आपको आदिवासियों का हितैषी बताते हैं उन्हे ये भी नहीं पता कि अब तक कितने पेड़ कट चुके हैं.
बघेल बस्तर की जनता को कर रहे गुमराह: संतोष बाफना
वहीं जगदलपुर के पूर्व विधायक संतोष बाफना ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि सीएम भूपेश बघेल बस्तर की जनता को गुमराह कर रहे हैं. कांग्रेस सरकार झूठ बोलकर छलावा कर रही है. उन्होंने कहा कि सीएम भूपेश बघेल ने कुछ दिन पहले प्रेस वार्ता कर बस्तर में एनएमडीसी मुख्यालय खोले जाने की मांग करने की बात कही है, जबकि 2015 में ही नगरनार स्टील प्लांट का मुख्यालय बना दिया गया है, लेकिन मौजूदा भूपेश सरकार इसे अपनी उपलब्धि बता कर वाहवाही लूटने में लगी हुई है.