जगदलपुर: भारत का मिनी नियाग्रा कहा जाने वाला बस्तर का चित्रकोट जल प्रपात (beauty of Bastar Chitrakote Falls) बारिश में और भी खूबसूरत और मनमोहक हो चला (beauty of Bastar Chitrakote Falls increased in rain) है. यहां 90 फीट की ऊंचाई से झरने का पानी सैलाब के रूप में नीचे गिर रहा है. चित्रकोट जलप्रपात में इतनी विशाल जलराशि को देख हर कोई रोमांचित है. बस्तर में हो रही मूसलाधार बारिश से यह जल प्रपात उफान पर ( Chitrakot and Tiratgarh water Falls) है. मानसून के समय यह जल प्रपात और भी मनमोहक और आकर्षक हो जाता है. इसकी जलधारा दूर से देखते ही बनती है. यही वजह है कि यहां बारिश के महीने में पर्यटक खिंचे चले आते हैं.
तीरतगढ़ जलप्रपात में भी बढ़ी जल की मात्रा: बस्तर में चित्रकोट जल प्रपात के बाद तीरतगढ़ वाटरफॉल भी अपने पूरे शबाब पर (Water level increased in Chitrakot) है. तीरतगढ़ जल प्रपात में जलधारा का शोर लोगों का मन मोह रहा है. तीरतगढ़ जल प्रपात में पानी की धारा तेजी से बह रही ( Bastar Mini Niagara Chitrakot Waterfall) है.
कहां स्थित है चित्रकोट जल प्रपात: चित्रकोट जल प्रपात छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग के जगदलपुर में है. यह जगदलपुर के चित्रकोट में स्थित है. यह वाटरफॉल इंद्रावती नदी की धारा से बना है. इस जल प्रपात की ऊंचाई 90 फीट है. बारिश के दिनों में इस वाटरफॉल का पानी लाल हो जाता है. जबकि गर्मियों के दिनों में यह चांदनी रात में बिल्कुल सफेद चांदी की तरह दिखाई देता है. जगदलपुर जिला मुख्यालय से इस जल प्रपात की दूरी 40 किलोमीटर है. जबकि रायपुर से इसकी दूरी 273 किलोमीटर है. यह जलप्रपात छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा, सबसे चौड़ा और सबसे ज्यादा जल की मात्रा प्रवाहित करने वाला जलप्रपात है. बारिश में इस जल प्रपात की चौड़ाई बढ़ जाती है.
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बस्तर के प्रमुख पिकनिक और टूरिस्ट स्पॉट में शामिल चित्रकोट जलप्रपात: चित्रकोट जलप्रपात बस्तर के प्रमुख टूरिस्ट और पिकनिक स्पॉट के रूप में प्रसिद्ध है. घोड़े की नाल की तरह इसका आकार होने की वजह से इस जल प्रपात को भारत का नियाग्रा कहा जाता है. जल के प्रवाह की वजह से यह जल प्रपात पर्यटकों को काफी पसंद आता है. बड़े बड़े पेड़, पर्वतमाला के मध्य से झरने का पानी गिरता है. इस वाटर फॉल की जलराशि को देख पर्यटक मंत्रमुग्ध हो जाते हैं. भारतीय नियाग्रा के नाम से प्रसिद्ध चित्रकोट जलप्रपात हर मौसम में घूमने लायक होता है. लेकिन यह बारिश के दिनों में सबसे ज्यादा मनमोहक हो जाता है. बारिश के दिनों में यहां की जलधारा को देखना एक रोमांचकारी अनुभव की तरह है. ऊंचाई से भारी मात्रा में जल का नीचे गिरना हर किसी को अपनी ओर खींच लेता है. यही वजह है कि बारिश के मौसम में इसकी खूबसूरती और बढ़ जाती है. बस्तर के पर्यटन जानकारों की माने तो अलग अलग अवसर पर इस जल प्रपात की धाराएं बढ़ती और घटती रहती है. अलग अलग अवसरों पर इस जल प्रपात से कम से कम तीन और अधिकतम सात धाराएं गिरती है.
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बस्तर के झरनों पर सुरक्षा इंतजाम बढ़ाए गए: बस्तर में भारी बारिश के बाद दोनों जल प्रपात को लेकर प्रशासन अलर्ट है. पर्यटकों को दूर से ही झरने का दीदार करने की अनुमति है. यहां सुरक्षा के लिए पुलिस के जवानों को तैनात कर दिया गया है. चित्रकोट और तीरतगढ़ जल प्रपात में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर प्रशासन अलर्ट है. पर्यटकों को दूर से ही झरने का दीदार करने की अनुमति है. जलप्रपात में किसी तरह के हादसे ना हो. इसके लिए सुरक्षा टीम जलप्रपात के नजदीक तैनात हैं. पर्यटकों को झरने के पास नहीं जाने की हिदायत दी जा रही है.