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World Tourism Day: ये है बस्तर का चित्रधारा जलप्रपात, प्राकृतिक सौंदर्य से है सराबोर - चित्रधारा बस्तर

जगदलपुर का चित्रधारा जलप्रपात प्राकृतिक सौंदर्य से भरा हुआ है, लेकिन आज भी यह अपनी पहचान के लिए तरस रहा है.

जगदलपुर का चित्रधारा जलप्रपात
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Published : Sep 26, 2019, 11:39 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST

जगदलपुर: बस्तर, जिसे सुनकर आपके जेहन में लाल आतंक की छवि सामने आ जाती है. लोग नाम सुनते ही सिहर जाते हैं, डर जाते हैं, उन्हें नक्सलियों का चेहरा ही दिखाई देने लगता है पर इन सब से इतर प्रकृति ने बस्तर को खूबसूरत प्राकृतिक संसाधनों से नवाजा है, संवारा है, जिसे देखकर आप लाल आतंक का खौफ भूल जाएंगे और बस्तर की खूबसूरती को निहारते ही रह जाएंगे.

चित्रधारा जलप्रपात
सौंदर्य से परिपूर्ण बस्तर में पर्यटन स्थलों की कमी नहीं है. बस्तर के पर्यटन स्थलों की विश्व पटल में अपनी एक अलग ही पहचान है. चित्रकोट, तीरथगढ़ जैसे प्राकृतिक जलप्रपात बस्तर के मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक हैं, लेकिन बस्तर में बहुत से ऐसे पर्यटन स्थल हैं, जो आज भी पर्यटकों की पहुंच से परे हैं, जो अनजाने और अनदेखे हैं. देश का मिनी नियाग्रा फॉल
बस्तर स्थित चित्रकोट जलप्रपात को देश का मिनी नियाग्रा फॉल कहा जाता है. इस जलप्रपात को देखने के लिए बड़ी संख्या में देश- देश के पर्यटक बस्तर पहुंचते हैं. इसी तरह जगदलपुर शहर से 40 किमी की दूर स्थित तीरथगढ़ जलप्रपात हैं. इन दो जलप्रपात के अलावा भी बस्तर में आधा दर्जन के करीब और प्राकृतिक जलप्रपात मौजूद हैं.

चित्रधारा जलप्रपात का मोहक नजारा
इसका ताजा उदाहरण शहर से मात्र 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चित्रधारा जलप्रपात है. यह जलप्रपात प्राकृतिक सौंदर्य से भरा हुआ है. बताया जाता है कि 12 महीने इस जलप्रपात से पानी बहता रहता है, लेकिन पर्यटन विभाग की अनदेखी की वजह से यहां स्थानीय लोगों के अलावा पर्यटक नहीं पहुंच पाते हैं. जलप्रपात के जीर्णोद्धार के लिए पर्यटन विभाग बिल्कुल भी संजीदा नहीं है.

चित्रधारा बस्तर का खूबसूरत पर्यटन स्थल
चित्रधारा के इस खूबसूरत जलप्रपात को निहारने पहुंचे कुछ स्थानीय पर्यटकों का कहना है कि, 'चित्रधारा जलप्रपात बस्तर के खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है, लेकिन प्रशासन और पर्यटन विभाग की अनदेखी के चलते यहां इस क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित नहीं किया गया है.'

सुरक्षा का ख्याल नहीं
इस जलप्रपात के आस-पास सुरक्षा की दृष्टि से कोई भी रेलिंग नहीं लगाई गई है और न ही यहां पर्यटकों के बैठने के लिए कोई सुविधा है. यहां तक की इस जलप्रपात की जानकारी पर्यटकों तक पहुंचे, इसके लिए प्रशासन ने यहां कोई सूचना बोर्ड भी नहीं लगाया है, जो सड़क जलप्रपात तक पहुंचती है, वह पूरी तरह से खराब है.

पर्यटकों का कहना है कि, 'पर्यटन विभाग को इस पर्यटन स्थल को भी चित्रकोट और तीरथगढ़ की तरह डेवलप करना चाहिए ताकि देश दुनिया से बस्तर आने वाले पर्यटक इस चित्रधारा जलप्रपात की खूबसूरती भी निहार सके. साथ ही पर्यटकों के यहां आने से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल सके.'

पढ़ें- World Tourism Day: कुदरत का करिश्मा, यहां उल्टा बहता है पानी, उछलती है जमीन

ये भी मोह रहे मन
बस्तर में चित्रधारा जलप्रपात जैसे मंडवा जलप्रपात , तामड़ाघूमर जलप्रपात, मेन्द्रिघुमर जलप्रपात और कांगेर जलधारा जैसे आधा दर्जन से अधिक जलप्रपात और गुफाएं हैं, जो बस्तर के पर्यटन स्थलों के सूची से गुमनाम हैं.
प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण इन जलप्रपातों की पर्यटन विभाग की अनदेखी के चलते देश-दुनिया से बस्तर पहुंचने वाले पर्यटक इन खूबसूरत पर्यटन स्थलों से पूरी तरह से अनजान बने हुए हैं.

जगदलपुर: बस्तर, जिसे सुनकर आपके जेहन में लाल आतंक की छवि सामने आ जाती है. लोग नाम सुनते ही सिहर जाते हैं, डर जाते हैं, उन्हें नक्सलियों का चेहरा ही दिखाई देने लगता है पर इन सब से इतर प्रकृति ने बस्तर को खूबसूरत प्राकृतिक संसाधनों से नवाजा है, संवारा है, जिसे देखकर आप लाल आतंक का खौफ भूल जाएंगे और बस्तर की खूबसूरती को निहारते ही रह जाएंगे.

चित्रधारा जलप्रपात
सौंदर्य से परिपूर्ण बस्तर में पर्यटन स्थलों की कमी नहीं है. बस्तर के पर्यटन स्थलों की विश्व पटल में अपनी एक अलग ही पहचान है. चित्रकोट, तीरथगढ़ जैसे प्राकृतिक जलप्रपात बस्तर के मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक हैं, लेकिन बस्तर में बहुत से ऐसे पर्यटन स्थल हैं, जो आज भी पर्यटकों की पहुंच से परे हैं, जो अनजाने और अनदेखे हैं. देश का मिनी नियाग्रा फॉल बस्तर स्थित चित्रकोट जलप्रपात को देश का मिनी नियाग्रा फॉल कहा जाता है. इस जलप्रपात को देखने के लिए बड़ी संख्या में देश- देश के पर्यटक बस्तर पहुंचते हैं. इसी तरह जगदलपुर शहर से 40 किमी की दूर स्थित तीरथगढ़ जलप्रपात हैं. इन दो जलप्रपात के अलावा भी बस्तर में आधा दर्जन के करीब और प्राकृतिक जलप्रपात मौजूद हैं.

चित्रधारा जलप्रपात का मोहक नजारा
इसका ताजा उदाहरण शहर से मात्र 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित चित्रधारा जलप्रपात है. यह जलप्रपात प्राकृतिक सौंदर्य से भरा हुआ है. बताया जाता है कि 12 महीने इस जलप्रपात से पानी बहता रहता है, लेकिन पर्यटन विभाग की अनदेखी की वजह से यहां स्थानीय लोगों के अलावा पर्यटक नहीं पहुंच पाते हैं. जलप्रपात के जीर्णोद्धार के लिए पर्यटन विभाग बिल्कुल भी संजीदा नहीं है.

चित्रधारा बस्तर का खूबसूरत पर्यटन स्थल
चित्रधारा के इस खूबसूरत जलप्रपात को निहारने पहुंचे कुछ स्थानीय पर्यटकों का कहना है कि, 'चित्रधारा जलप्रपात बस्तर के खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है, लेकिन प्रशासन और पर्यटन विभाग की अनदेखी के चलते यहां इस क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित नहीं किया गया है.'

सुरक्षा का ख्याल नहीं
इस जलप्रपात के आस-पास सुरक्षा की दृष्टि से कोई भी रेलिंग नहीं लगाई गई है और न ही यहां पर्यटकों के बैठने के लिए कोई सुविधा है. यहां तक की इस जलप्रपात की जानकारी पर्यटकों तक पहुंचे, इसके लिए प्रशासन ने यहां कोई सूचना बोर्ड भी नहीं लगाया है, जो सड़क जलप्रपात तक पहुंचती है, वह पूरी तरह से खराब है.

पर्यटकों का कहना है कि, 'पर्यटन विभाग को इस पर्यटन स्थल को भी चित्रकोट और तीरथगढ़ की तरह डेवलप करना चाहिए ताकि देश दुनिया से बस्तर आने वाले पर्यटक इस चित्रधारा जलप्रपात की खूबसूरती भी निहार सके. साथ ही पर्यटकों के यहां आने से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल सके.'

पढ़ें- World Tourism Day: कुदरत का करिश्मा, यहां उल्टा बहता है पानी, उछलती है जमीन

ये भी मोह रहे मन
बस्तर में चित्रधारा जलप्रपात जैसे मंडवा जलप्रपात , तामड़ाघूमर जलप्रपात, मेन्द्रिघुमर जलप्रपात और कांगेर जलधारा जैसे आधा दर्जन से अधिक जलप्रपात और गुफाएं हैं, जो बस्तर के पर्यटन स्थलों के सूची से गुमनाम हैं.
प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण इन जलप्रपातों की पर्यटन विभाग की अनदेखी के चलते देश-दुनिया से बस्तर पहुंचने वाले पर्यटक इन खूबसूरत पर्यटन स्थलों से पूरी तरह से अनजान बने हुए हैं.

Intro:जगदलपुर। प्रकृति के सौंदर्य से परिपूर्ण बस्तर में पर्यटन स्थलों की कमी नही है। बस्तर के पर्यटन स्थलो की विश्व पटल में अपनी एक अलग ही पहचान है। चित्रकोट , तीरथगढ़ जैसे प्राकृतिक जलप्रपात बस्तर के मुख्य पर्यटन स्थलों में से एक है। लेकिन बस्तर में बहुत सी ऐसे पर्यटन स्थल है जो पर्यटकों की नजरों के साथ पहुँच से भी काफी दूर है। और इसकी वजह पर्यटन विभाग और जिला प्रशासन की नजरअंदाजी है।




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बस्तर में स्थित चित्रकोट जलप्रपात को देश का मिनी नियाग्रा फाल कहा जाता है। इस जलप्रपात को देखने के लिए बड़ी संख्या में देश - विदेश के पर्यटक बस्तर पहुँचते है। इसी तरह जगदलपुर शहर से 40 किमी की दूरी पर स्थित तीरथगढ़ जलप्रापत है। इस जलप्रपात को निहारने के लिए भी काफी दूर से पर्यटक यहां पहुँचते है। इन दो जलप्रपात के अलावा भी बस्तर में आधा दर्जन के करीब और प्राकृतिक जलप्रपात मौजूद है। लेकिन पर्यटन विभाग की अनदेखी के चलते यह सभी पर्यटकों की नजर और पहुँच से दूर बने हुए है। इसका ताजा उदाहरण शहर से मात्र 20 किमी की दूरी पर स्थित चित्रधारा जलप्रपात है। यह जलप्रपात प्राकृतिक सौंदर्य से से भरा हुआ है। बताया जाता है कि 12 महीनों इस जलप्रपात से पानी बहता रहता है। लेकिन पर्यटन विभाग की अनदेखी की वजह से यहां स्थानीय लोगों के अलावा पर्यटक नही पहुँच पाते है। जलप्रपात के जीर्णोद्धार के लिए पर्यटन विभाग बिल्कुल भी संजीदा नही है।




Conclusion:चित्रधारा के इस खूबसूरत जलप्रपात को निहारने पहुंचे कुछ स्थानीय पर्यटकों का कहना है कि चित्रधारा जलप्रपात बस्तर के खूबसूरत पर्यटन स्थलों में से एक है ।लेकिन प्रशासन और पर्यटन विभाग के अनदेखी के चलते यहां इस क्षेत्र को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित नहीं किया गया है। इस जलप्रपात के आसपास नहीं सुरक्षा की दृष्टि से कोई रेलिंग लगाई गई है और ना ही यहां पर्यटकों के बैठने के लिए कोई सुविधा मुहैया कराई गई है। यहां तक कि इस जलप्रपात की जानकारी पर्यटकों तक पहुंचे इसके लिए प्रशासन ने यहां कोई सूचना बोर्ड भी नहीं लगाया है। और जो सड़क भी जलप्रपात तक पहुंचती है वह पूरी तरह से खराब सड़क है । पर्यटकों का कहना है कि पर्यटन विभाग को इस पर्यटन स्थल को भी चित्रकोट और तीरथगढ़ की तरह डेवलप करना चाहिए ताकि देश दुनिया से बस्तर आने वाले पर्यटक इस चित्रधारा जलप्रपात की खूबसूरती भी निहार सके ।साथ ही पर्यटको के यहां आने से स्थानीय लोगों को रोजगार भी मिल सके।
गौरतलब है कि चित्रधारा जलप्रपात जैसे बस्तर में मंडवा जलप्रपात , तामड़घूमर जलप्रपात, मेन्द्रिघुमर जलप्रपात और कांगेर जलधारा जैसे आधा दर्जन से अधिक जलप्रपात और गुफाएं है जो बस्तर के पर्यटन स्थलों के सूची से गुमनाम है । प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण इन जलप्रपातो की पर्यटन विभाग की अनदेखी के चलते देश दुनिया से बस्तर पहुंचने वाले पर्यटक इन खूबसूरत पर्यटन स्थलों से पूरी तरह से अनजान बने हुए हैं।
ऐसे में प्रशासन को चाहिए कि इन पर्यटन स्थलों को भी डिवेलप किया जाए ताकि बस्तर के इन अन्य खूबसूरत जलप्रपात को भी निहारने बड़ी संख्या में पर्यटक यहाँ पहुंच सके।

बाईट1-अमन मानिकपुरी, पर्यटक "ब्लू टीशर्ट"
बाईट2-विनोद नाग, पर्यटक " चेक शर्ट "
बाईट3-रेनुकान्त पुजारी, पर्यटक " लाल शर्ट "

WT ASHOK NAIDU
Last Updated : Jul 25, 2023, 7:56 AM IST
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