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कांग्रेस सरकार में सिलगेर जैसी घटना होना निंदनीय: कवासी लखमा - Silger firing case

सिलगेर गोलीकांड (Silger firing case) को लेकर बस्तर के प्रभारी मंत्री कवासी लखमा (Kawasi Lakhma) ने काफी इंतजार के बाद बयान दिया है. प्रभारी मंत्री बनने के बाद बस्तर पहुंचे कवासी लखमा ने कहा कि भूपेश सरकार में सिलगेर की घटना होना काफी निंदनीय है. इस पूरे मामले की निष्पक्ष जांच कराई जा रही है.

Bastar incharge minister Kawasi Lakhma statement regarding Silger firing case
कवासी लखमा
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Published : Jun 29, 2021, 11:54 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर: छत्तीसगढ़ के उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि सुकमा के सिलगेर (silger) में आदिवासी ग्रामीणों के साथ जो घटना हुई है, वो बेहद दुखद और निंदनीय है. ऐसी घटना दोबारा ना हो इसकी पूरी कोशिश भूपेश सरकार करेगी. लखमा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी घटना में मारे गए लोगों के परिवारों और आदिवासियों के साथ है. मंत्री ने कहा कि जांच जारी है.

कवासी लखमा, आबकारी मंत्री, छत्तीसगढ़

'कांग्रेस सरकार में सिलगेर घटना दुखद'

बस्तर संभाग के प्रभारी मंत्री बनाए जाने के बाद कवासी लखमा सोमवार को जगदलपुर पहुंचे. जहां कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने उनका जमकर स्वागत किया. प्रभारी मंत्री (incharge minister) बनने के बाद पहली बार बस्तर पहुंचने के बाद वे दंतेश्वरी मंदिर भी पहुंचे. जिसके बाद वे कांग्रेस भवन गए. वहां मीडिया से बातचीत के दौरान सुकमा जिले के सिलगेर में ग्रामीणों के आंदोलन को लेकर उन्होंने बड़ी बात कह दी. लखमा ने कहा कि कांग्रेस सरकार आने के बाद सिलगेर में ऐसी घटना होना बेहद दुखद है. हालांकि मामले को संभालते हुए उन्होंने ये कह दिया कि सिलगेर घटना को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm bhupesh baghel) काफी गंभीर है. इस मामले में वे ग्रामीणों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और पुलिस से घटना को लेकर चर्चा कर रहे हैं. कवासी लखमा ने कहा कि इस मामले में दंडाधिकारी जांच भी चल रही है.

'रमन सरकार में भी आदिवासियों के हितों के लिए लड़ाई लड़ी'

मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि तत्कालीन बीजेपी सरकार में इस तरह की कई घटनाएं हुई हैं. उन सभी घटनाओं के दौरान वे आदिवासियों के साथ मिलकर लड़े हैं. लखमा ने कहा कि ताड़मेटला, चिंगावरम, एड्समेटा, सारकेगुड़ा की घटनाओं में भी वे आदिवासियों का साथ देते हुए रमन सरकार से लड़े हैं. बीते दिनों विपक्ष ने सिलगेर में हुई घटना को लेकर कवासी लखमा पर काफी हमला बोला था. विपक्ष का आरोप है कि कवासी लखमा के विधानसभा क्षेत्र में हुए घटना को लेकर अब तक उन्होंने कोई भी बयान जारी नहीं किया है.

सिलगेर कैंप बवाल में मारे गए तीनों लोग नक्सली थे: आईजी सुंदरराज पी

एक तरफ बस्तर IG सिलगेर में मारे गए आदिवासियों को नक्सली बता रहे हैं. तो वहीं दूसरी तरफ मंत्री कवासी लखमा का कहना है कि मारे गए आदिवासियों के साथ कांग्रेस पार्टी खड़ी है और उन्हें न्याय दिलायेगी.

सिलगेर गोलीकांड

बीजापुर के सिलगेर कैंप में 16 मई को सुरक्षाबलों की गोली से 3 लोग मारे गए थे. घटना उस वक्त हुई जब लगभग 3 हजार ग्रामीण सिलगेर में स्थापित किए जा रहे CFPF कैंप का विरोध करने पहुंचे थे. पुलिस ने तीनों मृतकों की शिनाख्त नक्सलियों के DKMS सदस्य के रूप में की थी. बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया था कि ग्रामीण तार की बैरिकेडिंग को तोड़कर कैंप में घुसने की कोशिश कर रहे थे. तभी ग्रामीणों की आड़ में खड़े नक्सलियों ने गोली चलाई थी. इस दौरान सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की थी. बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने पुष्टि की थी कि मारे गए तीनों लोग नक्सली संगठन के फ्रंट लाइन में काम करने वाले कैडर थे. तीनों नक्सली अलग-अलग संगठनों से जुड़े थे.

एक नजर में पूरे मामले को समझें-

  • सुकमा और बीजापुर जिले की सीमा पर स्थित सिलगेर गांव में ग्रामीण सीआरपीएफ कैंप बनाए जाने का विरोध कर रहे थे.
  • इस विरोध प्रदर्शन में सिलगेर गांव के साथ ही आसपास के कई गांव के ग्रामीण जुटे थे.
  • फायरिंग में पुलिस के मुताबिक तीन नक्सलियों की मौत हुई. एक गर्भवती महिला की मौत भी भगदड़ मचने से हुई थी.
  • सुरक्षा बल के दबाव के बावजूद यहां से ग्रामीण हटने का नाम नहीं ले रहे थे. पुलिस महकमे के अधिकारियों ने दावा किया था कि नक्सलियों के उकसावे में ग्रामीण कैंप का विरोध कर रहे थे.
  • इस मामले में भाजपा और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने भी कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए अपनी समिति गठित की थी. अब इस मामले में सरकार द्वारा अलग कमेटी बनाई गई है.
  • कांग्रेस जांच समिति के साथ बैठक में गांववालों ने अपनी 7 मांगे सौंपी हैं. इस समिति के अध्यक्ष बस्तर सांसद दीपक बैज हैं.
  • बाद में 28 दिनों से चल रहा आंदोलन खत्म हो गया था. 20 हजार से ज्यादा लोगों की मौजूदगी में सभा का आयोजन किया गया था. सभा में ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि फिलहाल आंदोलन खत्म किया जाए. ग्रामीण अब सैद्धांतिक धरना देंगे.

बघेल सरकार ने बदले सभी मंत्रियों के प्रभार वाले जिले, जानिए किस मंत्री को मिला कौन सा जिला ?

प्रेमसाय सिंह टेकाम को हटा कर कवासी लखमा को मिला बस्तर का प्रभार

बस्तर जिले का प्रभार पहले प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम के पास था. जिसे लेकर लगातार यहां के जनप्रतिनिधियों के साथ ही कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में भी नाराजगी बनी हुई थी. इसके साथ ही मंत्री कवासी लखमा को प्रभारी मंत्री बनाए जाने की मांग उठ रही थी. जिसे देखते हुए मंत्री कवासी लखमा को बस्तर संभाग के 5 जिलों का प्रभारी मंत्री बना दिया गया. कवासी लखमा को प्रभारी मंत्री बनाए जाने से संभाग के सभी कांग्रेसी विधायकों समेत कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में काफी खुशी है. मंत्री कवासी लखमा अगले 7 दिनों तक बस्तर संभाग के बस्तर, बीजापुर और दंतेवाड़ा जिले के दौरे में रहेंगे और इस दौरान सभी जिलों में जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ विकास कार्यो को लेकर समीक्षा बैठक भी करेंगे.

जगदलपुर: छत्तीसगढ़ के उद्योग मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि सुकमा के सिलगेर (silger) में आदिवासी ग्रामीणों के साथ जो घटना हुई है, वो बेहद दुखद और निंदनीय है. ऐसी घटना दोबारा ना हो इसकी पूरी कोशिश भूपेश सरकार करेगी. लखमा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी घटना में मारे गए लोगों के परिवारों और आदिवासियों के साथ है. मंत्री ने कहा कि जांच जारी है.

कवासी लखमा, आबकारी मंत्री, छत्तीसगढ़

'कांग्रेस सरकार में सिलगेर घटना दुखद'

बस्तर संभाग के प्रभारी मंत्री बनाए जाने के बाद कवासी लखमा सोमवार को जगदलपुर पहुंचे. जहां कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने उनका जमकर स्वागत किया. प्रभारी मंत्री (incharge minister) बनने के बाद पहली बार बस्तर पहुंचने के बाद वे दंतेश्वरी मंदिर भी पहुंचे. जिसके बाद वे कांग्रेस भवन गए. वहां मीडिया से बातचीत के दौरान सुकमा जिले के सिलगेर में ग्रामीणों के आंदोलन को लेकर उन्होंने बड़ी बात कह दी. लखमा ने कहा कि कांग्रेस सरकार आने के बाद सिलगेर में ऐसी घटना होना बेहद दुखद है. हालांकि मामले को संभालते हुए उन्होंने ये कह दिया कि सिलगेर घटना को लेकर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (cm bhupesh baghel) काफी गंभीर है. इस मामले में वे ग्रामीणों, सामाजिक कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और पुलिस से घटना को लेकर चर्चा कर रहे हैं. कवासी लखमा ने कहा कि इस मामले में दंडाधिकारी जांच भी चल रही है.

'रमन सरकार में भी आदिवासियों के हितों के लिए लड़ाई लड़ी'

मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि तत्कालीन बीजेपी सरकार में इस तरह की कई घटनाएं हुई हैं. उन सभी घटनाओं के दौरान वे आदिवासियों के साथ मिलकर लड़े हैं. लखमा ने कहा कि ताड़मेटला, चिंगावरम, एड्समेटा, सारकेगुड़ा की घटनाओं में भी वे आदिवासियों का साथ देते हुए रमन सरकार से लड़े हैं. बीते दिनों विपक्ष ने सिलगेर में हुई घटना को लेकर कवासी लखमा पर काफी हमला बोला था. विपक्ष का आरोप है कि कवासी लखमा के विधानसभा क्षेत्र में हुए घटना को लेकर अब तक उन्होंने कोई भी बयान जारी नहीं किया है.

सिलगेर कैंप बवाल में मारे गए तीनों लोग नक्सली थे: आईजी सुंदरराज पी

एक तरफ बस्तर IG सिलगेर में मारे गए आदिवासियों को नक्सली बता रहे हैं. तो वहीं दूसरी तरफ मंत्री कवासी लखमा का कहना है कि मारे गए आदिवासियों के साथ कांग्रेस पार्टी खड़ी है और उन्हें न्याय दिलायेगी.

सिलगेर गोलीकांड

बीजापुर के सिलगेर कैंप में 16 मई को सुरक्षाबलों की गोली से 3 लोग मारे गए थे. घटना उस वक्त हुई जब लगभग 3 हजार ग्रामीण सिलगेर में स्थापित किए जा रहे CFPF कैंप का विरोध करने पहुंचे थे. पुलिस ने तीनों मृतकों की शिनाख्त नक्सलियों के DKMS सदस्य के रूप में की थी. बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया था कि ग्रामीण तार की बैरिकेडिंग को तोड़कर कैंप में घुसने की कोशिश कर रहे थे. तभी ग्रामीणों की आड़ में खड़े नक्सलियों ने गोली चलाई थी. इस दौरान सुरक्षाबलों ने भी जवाबी कार्रवाई की थी. बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने पुष्टि की थी कि मारे गए तीनों लोग नक्सली संगठन के फ्रंट लाइन में काम करने वाले कैडर थे. तीनों नक्सली अलग-अलग संगठनों से जुड़े थे.

एक नजर में पूरे मामले को समझें-

  • सुकमा और बीजापुर जिले की सीमा पर स्थित सिलगेर गांव में ग्रामीण सीआरपीएफ कैंप बनाए जाने का विरोध कर रहे थे.
  • इस विरोध प्रदर्शन में सिलगेर गांव के साथ ही आसपास के कई गांव के ग्रामीण जुटे थे.
  • फायरिंग में पुलिस के मुताबिक तीन नक्सलियों की मौत हुई. एक गर्भवती महिला की मौत भी भगदड़ मचने से हुई थी.
  • सुरक्षा बल के दबाव के बावजूद यहां से ग्रामीण हटने का नाम नहीं ले रहे थे. पुलिस महकमे के अधिकारियों ने दावा किया था कि नक्सलियों के उकसावे में ग्रामीण कैंप का विरोध कर रहे थे.
  • इस मामले में भाजपा और जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) ने भी कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए अपनी समिति गठित की थी. अब इस मामले में सरकार द्वारा अलग कमेटी बनाई गई है.
  • कांग्रेस जांच समिति के साथ बैठक में गांववालों ने अपनी 7 मांगे सौंपी हैं. इस समिति के अध्यक्ष बस्तर सांसद दीपक बैज हैं.
  • बाद में 28 दिनों से चल रहा आंदोलन खत्म हो गया था. 20 हजार से ज्यादा लोगों की मौजूदगी में सभा का आयोजन किया गया था. सभा में ग्रामीणों ने निर्णय लिया कि फिलहाल आंदोलन खत्म किया जाए. ग्रामीण अब सैद्धांतिक धरना देंगे.

बघेल सरकार ने बदले सभी मंत्रियों के प्रभार वाले जिले, जानिए किस मंत्री को मिला कौन सा जिला ?

प्रेमसाय सिंह टेकाम को हटा कर कवासी लखमा को मिला बस्तर का प्रभार

बस्तर जिले का प्रभार पहले प्रदेश के स्कूल शिक्षा मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम के पास था. जिसे लेकर लगातार यहां के जनप्रतिनिधियों के साथ ही कांग्रेसी कार्यकर्ताओं में भी नाराजगी बनी हुई थी. इसके साथ ही मंत्री कवासी लखमा को प्रभारी मंत्री बनाए जाने की मांग उठ रही थी. जिसे देखते हुए मंत्री कवासी लखमा को बस्तर संभाग के 5 जिलों का प्रभारी मंत्री बना दिया गया. कवासी लखमा को प्रभारी मंत्री बनाए जाने से संभाग के सभी कांग्रेसी विधायकों समेत कांग्रेस के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं में काफी खुशी है. मंत्री कवासी लखमा अगले 7 दिनों तक बस्तर संभाग के बस्तर, बीजापुर और दंतेवाड़ा जिले के दौरे में रहेंगे और इस दौरान सभी जिलों में जिला प्रशासन के अधिकारियों के साथ विकास कार्यो को लेकर समीक्षा बैठक भी करेंगे.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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