बस्तर: छत्तीसगढ़ में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आ रहा है. वैसे-वैसे छत्तीसगढ़ के कर्मचारियों की चिंता बढ़ रही है. हाल ही में स्वास्थ्य कर्मचारी-अधिकारियों को सरकार ने बर्खास्त कर दिया था. बर्खास्तगी का डर बस्तर के अतिथि शिक्षकों को भी है. इसे लेकर सोमवार को अतिथि शिक्षकों ने प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से अपने नौकरी के सुरक्षा की मांग की है.
ये है पूरा मामला: दरअसल, बस्तर संभाग में डीएमएफटी फंड से अतिथि शिक्षकों की नियुक्ति 2014-15 में की गई थी. ये अतिथि शिक्षक बस्तर संभाग के अंदरूनी इलाकों में अतिथि शिक्षक, ट्यूटर, शिक्षक सेवक, शिक्षा मितान के तौर पर पदस्थ हैं. ये सभी स्थानीय बोली की जानकारी रखते हैं. इससे बच्चों को पढ़ने में इन्हें आसानी हो जाती है. साथ ही बच्चे भी रुचि लेकर पढ़ते हैं, चीजों को समझते और सीखते हैं. इसके अलावा नए शैक्षणिक सत्र में स्थानीय भाषा हल्बी, गोंडी, भतरी, छत्तीसगढ़ी में पाठ्यक्रम तैयार किया जा रहा है. इसमें स्थानीय बोली की जानकारी होना जरूरी है.
इस माह के बाद खत्म कर दी जाएगी सेवा: बस्तर के अतिथि शिक्षकों को कलेक्टर की ओर से अल्टीमेटम मिला है कि सितंबर माह के बाद इसकी सेवा खत्म कर दी जाएगी. ऐसे में इनके सामने रोजी-रोटी की समस्या खड़ी हो गई है. इसे लेकर अतिथि शिक्षकों ने अपनी नौकरी की सुरक्षा के लिए बघेल सरकार से मांग की है. इस बारे में अतिथि शिक्षक बस्तर संभाग अध्यक्ष गोपाल सरकार ने कहा कि " साल 2014 से बहुत ही कम मानदेय में बस्तर के अंदरूनी व बीहड़ इलाके में निरंतर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. अभी छत्तीसगढ़ में शिक्षकों की नई भर्तियां भी शुरू हो गई है. जैसे ही भर्ती शुरू होगी सभी अतिथि शिक्षक एकाएक बाहर हो जाएंगे. इसलिए हम अतिथि शिक्षकों को जॉब सुरक्षा चाहिए."
प्रदर्शन की दी चेतावनी: बता दें, बस्तर संभाग के कुल 2500 अतिथि शिक्षकों ने बघेल सरकार से अपने जॉब सुरक्षा की मांग की है. इसके अलावा बस्तर में प्रभावित हुए अतिथि शिक्षकों की बहाली करने की भी मांग की है. फिलहाल बस्तर संभाग में 2500 अतिथि शिक्षक अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इनमें 621 अतिथि शिक्षक प्रभावित हैं. अपनी मांग को अतिथि शिक्षकों ने छत्तीसगढ़ सरकार के सामने रखा है. अतिथि शिक्षकों ने 10 दिनों के भीतर अपनी मांगें पूरी करने की मांग सरकार से की है. मांग पूरी न होने पर वे सांसद निवास का घेराव करेंगे. साथ ही नेशनल हाईवे 30 कुम्हडाकोट में चक्का जाम कर बघेल सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करेंगे.