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Bastar Dussehra concludes : 75 दिन बाद बस्तर दशहरा का समापन, निभाई गई अंतिम रस्म डोली विदाई

Bastar Dussehra concludes 75 दिनों तक चलने वाली विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व की आज अंतिम डोली विदाई रस्म अदा की गई. शहर के गीदम रोड स्थित जिया डेरा मंदिर में माटी पुजारी, बस्तर राजकुमार और स्थानीय लोगों ने पूजा अर्चना के बाद मावली देवी की डोली को विदा किया. इस मौके पर शहर में विशाल कलश यात्रा निकाली गई. माता के डोली को विदा करने शहर में लोगों का जनसैलाब उमड़ पड़ा. परंपरा अनुसार इस महत्वपूर्ण रस्म अदा के बाद ही बस्तर दशहरा पर्व की समाप्ति होती है.Bastar Dussehra 2022

75 दिन बाद बस्तर दशहरा का समापन
75 दिन बाद बस्तर दशहरा का समापन
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Published : Oct 11, 2022, 6:38 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर : बस्तर दशहरा पर्व की अंतिम डोली विदाई रस्म अदा की (Doli vidai rashm in jagdalpur ) गई. परंपरा अनुसार इस रस्म में कालांतर समय से बस्तर के राजा अन्नम देव इस आखिरी रस्म में मावली माता को विदाई देने राजमहल से 3 किलोमीटर पैदल चलकर आते हैं. बड़े धूमधाम से भव्य शोभायात्रा निकालकर जिया डेरा मंदिर में माता की पूजा अर्चना कर विदाई दी जाती है.

डोली विदाई की अंतिम रस्म : वर्तमान समय में आज भी रस्म को विधि विधान से निभाया जाता है. गाजे-बाजे के साथ माता की डोली को बंदूक से सलामी दी जाती है. बस्तर के राजकुमार कमलचंद औऱ क्षेत्र की जनता ने विधि विधान से पूजा अर्चना कर डोली को दंतेवाड़ा के लिए विदा किया. माता की डोली को विदाई देने नम आंखों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु जिया डेरा मंदिर पहुंचे.

दरअसल मावली परघाव रस्म में परंपरागत भव्य रुप से मावली माता के डोली का स्वागत करने के पश्चात डोली को 4 दिनों तक माई दंतेश्वरी के मंदिर परिसर में रखा जाता है. जहां डोली के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ती है. आज इसी डोली के विदाई के साथ विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व की समाप्ति होती (Bastar Dussehra concludes ) है.Bastar Dussehra 2022

जगदलपुर : बस्तर दशहरा पर्व की अंतिम डोली विदाई रस्म अदा की (Doli vidai rashm in jagdalpur ) गई. परंपरा अनुसार इस रस्म में कालांतर समय से बस्तर के राजा अन्नम देव इस आखिरी रस्म में मावली माता को विदाई देने राजमहल से 3 किलोमीटर पैदल चलकर आते हैं. बड़े धूमधाम से भव्य शोभायात्रा निकालकर जिया डेरा मंदिर में माता की पूजा अर्चना कर विदाई दी जाती है.

डोली विदाई की अंतिम रस्म : वर्तमान समय में आज भी रस्म को विधि विधान से निभाया जाता है. गाजे-बाजे के साथ माता की डोली को बंदूक से सलामी दी जाती है. बस्तर के राजकुमार कमलचंद औऱ क्षेत्र की जनता ने विधि विधान से पूजा अर्चना कर डोली को दंतेवाड़ा के लिए विदा किया. माता की डोली को विदाई देने नम आंखों से बड़ी संख्या में श्रद्धालु जिया डेरा मंदिर पहुंचे.

दरअसल मावली परघाव रस्म में परंपरागत भव्य रुप से मावली माता के डोली का स्वागत करने के पश्चात डोली को 4 दिनों तक माई दंतेश्वरी के मंदिर परिसर में रखा जाता है. जहां डोली के दर्शन के लिए बड़ी संख्या में भक्तों की भीड़ उमड़ती है. आज इसी डोली के विदाई के साथ विश्व प्रसिद्ध बस्तर दशहरा पर्व की समाप्ति होती (Bastar Dussehra concludes ) है.Bastar Dussehra 2022

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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