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एम्बेड मलेरिया और डेंगू जागरूकता रथ को बस्तर कलेक्टर ने दिखाई हरी झंडी - गोदरेज

बस्तर के 150 ग्रामो में जाकर लोगों को मलेरिया, डेंगू से बचाव और उपचार की जानकारी देने वाले जागरूक रथ को रवाना किया गया. Bastar collector flagged off Embed campaign इसके जरिये लिए हल्बी, गोंडी बोली और हिंदी भाषा में जानकारी दिया जाता है. Embed campaign for aware malaria and dengue जागरूक रथ को बस्तर कलेक्टर चंदन कुमार और बस्तर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर के चतुर्वेदी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया.

Bastar collector flagged off Embed campaign
जागरूकता रथ को बस्तर कलेक्टर ने दिखाई हरी झंडी
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Published : Jan 9, 2023, 10:48 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर: सोमवार को एम्बेड मलेरिया और डेंगू प्रचार रथ को रवाना किया गया है. जिससे लोग बस्तर के गांवो में जागरूक होंगे.Bastar collector flagged off Embed campaign डेंगू और मलेरिया से बचाव एवं उपचार के बारे में जानेंगे. Embed campaign for aware malaria and dengue एम्बेड परियोजना का संचालन गोदरेज और फैमिली हेल्थ इंडिया के द्वारा स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर किया जा रहा हैं. Jagdalpur latest news इसके तहत छत्तीसगढ़ में बस्तर के 159, कोंडागांव के 196 गांवों में मलेरिया उन्मूलन और रायपुर की 200 बस्तियों में डेंगू नियंत्रण हेतु लोगों को जागरूक करने की कोशिश की जा रही है.

जागरूक करना मुख्य उद्देश्य: एम्बेड मलेरिया और डेंगू जागरूकता रथ का उद्देश्य लोगो को मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियो के बारे में जागरूक करना है. Embed Malaria and Dengue Awareness Rathऑडियो-माईकिंग के माध्यम से हिंदी, हल्बी और गोंडी भाषा मे लोगो को जागरूक करेगा. साथ ही डेंगू के लक्षण, डेंगू से बचने हेतु उपाय, डेंगू होने पर तुरंत इलाज लेने हेतु लोगो को प्रेरित करने के साथ साथ, आईईसी-बीसीसी गतिविधियां आयोजित करेगा.

यह भी पढ़ें: Bastar News: बस्तर में बेहतर कनेक्टिविटी पर जोर, धर्माबेड़ा सतसपुर के बीच इंद्रावती नदी पर बनेगा पुल

गोंडी, हल्बी और हिंदी भाषाओं में माइकिंग: एम्बेड मलेरिया और डेंगू प्रचार रथ लोगों को गोंडी, हल्बी और हिंदी भाषाओं में माइकिंग के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है. यह रथ जिले के बस्तानार, दरभा, लोहंडीगुड़ा और तोकापाल ब्लॉक के 150 ग्रामों में जायेगा. लोगों को मलेरिया और डेंगू से बचाव, इलाज कब और कहां कराना है, बुखार आने पर 24 घंटे में खून की जांच कराने, मलेरिया का पूरा उपचार लेने, कीटनाशक मच्छरदानी रोज लगाने, घर के आस पास साफ सफाई रखने, जमा पानी में मिट्टी तेल डालने की जामकारी दी जाती है.


डेंगू और मलेरिया की चपेट में था बस्तर: साल 2022 में डेंगू और मलेरिया का प्रकोप बस्तर में बढ़ा हुआ था. इन दोनों बीमारियों की चपेट में आने से लगभग 15 बस्तरवासियों की मौत हुई थी और हजारों बस्तरवासी इन दोनों बीमारियों की चपेट में आए थे. जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने इन दोनों बीमारियों के बचाव के लिए जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाया. स्थानीय भाषा में प्रचार प्रसार से बस्तरवासियों को काफी मदद मिलेगी.

जगदलपुर: सोमवार को एम्बेड मलेरिया और डेंगू प्रचार रथ को रवाना किया गया है. जिससे लोग बस्तर के गांवो में जागरूक होंगे.Bastar collector flagged off Embed campaign डेंगू और मलेरिया से बचाव एवं उपचार के बारे में जानेंगे. Embed campaign for aware malaria and dengue एम्बेड परियोजना का संचालन गोदरेज और फैमिली हेल्थ इंडिया के द्वारा स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर किया जा रहा हैं. Jagdalpur latest news इसके तहत छत्तीसगढ़ में बस्तर के 159, कोंडागांव के 196 गांवों में मलेरिया उन्मूलन और रायपुर की 200 बस्तियों में डेंगू नियंत्रण हेतु लोगों को जागरूक करने की कोशिश की जा रही है.

जागरूक करना मुख्य उद्देश्य: एम्बेड मलेरिया और डेंगू जागरूकता रथ का उद्देश्य लोगो को मलेरिया और डेंगू जैसी बीमारियो के बारे में जागरूक करना है. Embed Malaria and Dengue Awareness Rathऑडियो-माईकिंग के माध्यम से हिंदी, हल्बी और गोंडी भाषा मे लोगो को जागरूक करेगा. साथ ही डेंगू के लक्षण, डेंगू से बचने हेतु उपाय, डेंगू होने पर तुरंत इलाज लेने हेतु लोगो को प्रेरित करने के साथ साथ, आईईसी-बीसीसी गतिविधियां आयोजित करेगा.

यह भी पढ़ें: Bastar News: बस्तर में बेहतर कनेक्टिविटी पर जोर, धर्माबेड़ा सतसपुर के बीच इंद्रावती नदी पर बनेगा पुल

गोंडी, हल्बी और हिंदी भाषाओं में माइकिंग: एम्बेड मलेरिया और डेंगू प्रचार रथ लोगों को गोंडी, हल्बी और हिंदी भाषाओं में माइकिंग के माध्यम से जागरूक किया जा रहा है. यह रथ जिले के बस्तानार, दरभा, लोहंडीगुड़ा और तोकापाल ब्लॉक के 150 ग्रामों में जायेगा. लोगों को मलेरिया और डेंगू से बचाव, इलाज कब और कहां कराना है, बुखार आने पर 24 घंटे में खून की जांच कराने, मलेरिया का पूरा उपचार लेने, कीटनाशक मच्छरदानी रोज लगाने, घर के आस पास साफ सफाई रखने, जमा पानी में मिट्टी तेल डालने की जामकारी दी जाती है.


डेंगू और मलेरिया की चपेट में था बस्तर: साल 2022 में डेंगू और मलेरिया का प्रकोप बस्तर में बढ़ा हुआ था. इन दोनों बीमारियों की चपेट में आने से लगभग 15 बस्तरवासियों की मौत हुई थी और हजारों बस्तरवासी इन दोनों बीमारियों की चपेट में आए थे. जिसे देखते हुए जिला प्रशासन ने इन दोनों बीमारियों के बचाव के लिए जागरूकता रथ को हरी झंडी दिखाया. स्थानीय भाषा में प्रचार प्रसार से बस्तरवासियों को काफी मदद मिलेगी.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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