रायपुर/बस्तर: बस्तर में तबाही की बारिश का दौर जारी है. लगातार हो रही बारिश से बस्तर के कई जिलों में बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है. सबसे ज्यादा असर बस्तर के सुकमा और बीजापुर जिले में पड़ा है. यहां कई गांवों का संपर्क जिला मुख्यालय से टूट चुका (Kawasi Lakhma to visit flood affected of bastar ) है. इंद्रावती और शबरी नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. गोदावरी का जल स्तर बढ़ने से कई गांव टापू में तब्दील हो गए हैं. यही वजह है कि बस्तर में बाढ़ को लेकर सीएम भूपेश बघेल हरकत में आ चुके हैं. उन्होंने छत्तीसगढ़ के उद्योग और आबकारी मंत्री कवासी लखमा को बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा करने और बस्तर के बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का जायजा लेने के निर्देश दिए हैं. मंत्री कवासी लखमा हेलीकॉप्टर से बाढ़ग्रस्त इलाकों का दौरा कर यहां की स्थिति का जायजा (CM Baghel instructed Minister Kawasi Lakhma to visit flood affected of bastar) लेंगे.
शबरी नदी का पानी सुकमा के कई गांवों में घुसा: बस्तर संभाग में आब तक दो लोगों की मौत बारिश और बाढ़ से हुई ( Flood in Bastar Sukma) है. सुकमा में शबरी नदी उफान पर है. शबरी नदी के बाढ़ का पानी पर कोंटा ब्लॉक मुख्यालय में घुस गया है. कोंटा नगर पंचायत के करीब 5 वार्ड पूरी तरह डूब चुके (Public life disturbed in Bastar due to rain) हैं. सात से ज्यादा गांव भी बाढ़ के चपेट में है. सुकमा में रेस्क्यू टीम बोट के सहारे लोगों का रेस्क्यू कर उन्हें सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही है. बताया जा रहा है कि अब तक 100 से ज्यादा परिवारों का रेस्क्यू किया जा चुका है. सुकमा में एनएच 30 भी बाढ़ में डूब गया(Flood in Bastar Sukma Public life disturbed) है.
गोदावरी नदी का जलस्तर बढ़ा: सुकमा जिले की बात करें तो यहां गोदावरी नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. सुकमा के कोंटा की निचली बस्तियां जलमग्न हो चुकी है. प्रशासन लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने का काम कर रहा है. एसडीएम कोंटा बनसिंह नेताम और जनपद सीईओ कोंटा कैलाश कश्यप अपनी पूरी टीम के साथ बाढ़ ग्रस्त क्षेत्रों में राहत कार्य में जुटे (heavy rain in sukma) हुए हैं. सीईओ जनपद कोंटा कैलाश कश्यप ने बताया कि "अब तक लगभग 3000 लोगों को राहत केंद्रों तक सुरक्षित पहुंचाया जा (heavy rain in chhattisgarh) चुका है". कोंटा में 9 बाढ़ राहत केंद्र बनाए गए हैं. यहां लोगों को बाढ़ग्रस्त इलाकों से लाकर रखा जा रहा (flood affected of bastar bijapur and sukma) है.
बीजापुर में बारिश ने मचाई तबाही: बारिश ने सबसे ज्यादा तबाही बीजापुर में मचाई है. यहां के कई इलाके डूबे चुके हैं. सबसे ज्यादा बाढ़ का असर बीजापुर के भोपाटपट्टनम इलाके में पड़ा है. इंद्रावती नदी का जलस्तर बढ़ने से बीजापुर के तरलागुडा, बारेगुडा, गंगालूर सहित कई गांव टापू बन गए हैं. भोपालपटनम ब्लॉक के तारलागुडा, जो तेलंगाना के सीमा से सटा है. यहां पर गोदावरी नदी का जलस्तर बढ़ने से परेशानी हो रही है. कई गांव बाढ़ के चपेट में है. भोपालपटनम क्षेत्र के रामपुरम इलाके में चिन्तावागु नदी एवं इन्द्रावती नदी का जलस्तर बढ़ गया है. जिसकी वजह से यहां का नेशनल हाईवे और कई सड़क मार्ग पानी में डूब चुका है.