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कोरोना संक्रमण को हराने अस्पतालों में क्या है इंतजाम ? किसकी कमी, किसका जुगाड़ ? - covid 19 Hospital

छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण का कहर अभी खत्म नहीं हुआ है. प्रदेश में अब भी नए कोरोना मरीज सामने आ रहे हैं. ऐसे में ये जानना जरूरी है कि कोरोना के इस संकट से निपटने के लिए शासन-प्रशासन के पास क्या इंतजाम है ? ये जानने के लिए ETV भारत ने डॉक्टरों और जनकारों से बात की.

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बस्तर में कोरोना से लड़ने क्या है इंतजाम
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Published : May 15, 2021, 10:33 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST

जगदलपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना का कहर अब भी जारी है. बस्तर जिला भी इससे अछूता नहीं है. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान की जा रही है. बढ़ते कोरोना के प्रकोप को देखते हुए जिला प्रशासन ने पूरे 1 महीने का लॉकडाउन लगाया. इस दौरान भी हर रोज बस्तर जिले में 200 के आसपास संक्रमित मरीजों की पहचान की जा रही है. हालांकि जिला प्रशासन का दावा है कि महामारी से निपटने के लिए बस्तर जिला प्रशासन के पास पर्याप्त संसाधन और सुविधा है. कोविड मरीजों को इलाज से जुड़ी किसी भी चीज के लिए दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ रहा है. कोरोना के इलाज के लिए प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है. बस्तर संभाग के सबसे बड़े अस्पताल में मरीजों के लिए डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनाया गया है. जहां डॉक्टर और नर्स 24 घंटे सुविधा दे रहे है.

बस्तर में कोरोना से लड़ने क्या है इंतजाम

वर्तमान में बस्तर जिले में कोरोना का प्रतिशत 5.6% है. रिकवरी रेट ज्यादा होने की वजह से अब तक जिले में कोरोना हावी नहीं हो सका है. हालांकि हर रोज जिलेभर में कोरोना से तीन से चार मरीजों की जान जा रही है. उनमें 60 साल के ऊपर के लोगों की संख्या ज्यादा है. जिला प्रशासन ने कोरोना से निपटने के लिए कोविड 19 अस्पताल के साथ ही 6 कोविड केयर सेंटर बनाएं है. इसके अलावा एक निजी अस्पताल में भी कोरोना मरीजों का इलाज किया जा रहा है. सरकारी अस्पताल और कोविड केयर सेंटर की बात की जाए तो यहां कोरोना का इलाज पूरी तरह से मुफ्त है.

बस्तर में कुल 1500 बिस्तर उपलब्ध

बस्तर CMHO डॉ. आरके चतुर्वेदी ने बताया कि वर्तमान में जिला अस्पताल डीमरापाल में 260 बेड का कोविड अस्तपाल बनाया गया है. इनमें से 195 बेड ऑक्सीजन युक्त हैं. डीमरापाल कोविड अस्पताल में हाल ही में सेंट्रल ऑक्सीजन की सुविधा का भी शुभारंभ किया गया है. इसके अलावा 400 से ज्यादा छोटे और बड़े ऑक्सीजन सिलेंडरों की व्यवस्था है. उन्होंने बताया कि कोविड केयर सेंटर में भी 100-100 ऑक्सीजन बेड की सुविधा मुहैया कराई गई है.

रायपुर में कोरोना संक्रमण के हालातों में सुधार, जल्द बंद हो सकते हैं बड़े कोविड केयर सेंटर

  • डिमरापाल के अलावा धरमपुरा कोविड केयर सेंटर में 250 बेड की सुविधा
  • बकावंड कोविड केयर सेंटर में 500 बेड की सुविधा
  • बेसुली कोविड केयर सेंटर में 400 बेड की सुविधा
  • और एमपीएम निजी अस्पताल में 50 बेड की सुविधा
  • रवी रेसीडेंसी कोविड केयर सेंटर में 40
  • लुक्कड़ भवन कोविड केयर सेंटर में 38 बेड की सुविधा
  • पूरे बस्तर जिले में 1500 बेड की सुविधा है

नगरनार स्टील प्लांट ने किया सहयोग

सभी कोविड सरकारी सेंटरों में 100-100 ऑक्सीजन युक्त बेड की सुविधा है. इसके अलावा शहर से लगे कुरंदी गांव में ऑक्सीजन प्लांट भी स्थापित है. वहीं नगरनार में निर्माणाधीन NMDC स्टील प्लांट ने 200 ऑक्सीजन सिलेंडर देकर जिला प्रशासन का सहयोग किया है.

होम आइसोलेशन में ठीक हो रहे मरीज

जिले में जिस तरह से कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान हो रही है, उनमें से ज्यादातर मरीज घर में ही रहकर ठीक हो रहे हैं. होम आइसोलेट के दौरान जिला प्रशासन ने कंट्रोल रूम स्थापित किया है. जहां से कोरोना संक्रमित मरीजों को दवाई से संबंधित और इलाज से संबंधित दिशा निर्देश दिए जाते हैं. जानकारी के मुताबिक कोरोना काल में अब तक बस्तर जिले में 11 हजार 524 मरीज घर में ही रहकर उपचार किये और इनमें से 10 हजार 978 संक्रमित मरीज पूरी तरह से स्वस्थ भी हो चुके हैं.

जशपुर के कोविड केयर सेंटर में ICU और HDU बिस्तर हुए फुल

लैब की सुविधा बढ़ाए जाने की जरुरत

प्रशासन के लिए अच्छी बात ये है कि अब तक कोरोना से हालात बेकाबू नहीं हुए हैं. मरीजों को बेहतर इलाज भी मिल रहा है. हालांकि समय-समय पर बैठक कर जिला प्रशासन के अधिकारी कोविड केयर सेंटरो की संख्या बढ़ाए जाने पर विचार भी कर रहे हैं. लेकिन वर्तमान में स्थापित कोविड 19 केयर सेंटर और सरकारी कोविड अस्पताल में इलाज चल रहे मरीजों की संख्या काफी कम है. हालांकि जानकारों का कहना है कि जिले में स्वास्थ्य विभाग को लैब की सुविधा बढ़ाए जाने की जरूरत है.

स्टाफ की कमी बड़ी समस्या

कोरोना के इस संकट काल के बीच एक परेशानी ये भी है कि स्वास्थ विभाग स्टाफ की कमी से भी जूझ रहा है. कई उपकरणों के टेक्नीशियन नहीं होने की वजह से मशीनें खराब भी हो रही है. जानकारों का कहना है कि जिला प्रशासन को स्वास्थ्य विभाग में स्टाफ की पूर्ति किए जाने के साथ ही लैब की सुविधा भी बढ़ाए जाने की जरूरत है. इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को खास सतर्कता बरतने के साथ उप स्वास्थ्य केंद्रों में भी सुविधाएं बढ़ाई जाने की जरूरत है.

जांच बढ़ाए जाने की जरूरत

हालांकि जिला प्रशासन के पास अभी भी एंबुलेंस के साथ-साथ शव वाहनों की कमी है. जिसके लिए मरीजों को दो चार होना पड़ रहा है. कोरोना जांच भी बढ़ाए जाने की जरूरत है. फिलहाल जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग बस्तर में कोरोना से निपटने के लिए पर्याप्त संसाधन और सुविधा होने की बात कह रहा है.

जगदलपुर: छत्तीसगढ़ में कोरोना का कहर अब भी जारी है. बस्तर जिला भी इससे अछूता नहीं है. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान की जा रही है. बढ़ते कोरोना के प्रकोप को देखते हुए जिला प्रशासन ने पूरे 1 महीने का लॉकडाउन लगाया. इस दौरान भी हर रोज बस्तर जिले में 200 के आसपास संक्रमित मरीजों की पहचान की जा रही है. हालांकि जिला प्रशासन का दावा है कि महामारी से निपटने के लिए बस्तर जिला प्रशासन के पास पर्याप्त संसाधन और सुविधा है. कोविड मरीजों को इलाज से जुड़ी किसी भी चीज के लिए दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ रहा है. कोरोना के इलाज के लिए प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है. बस्तर संभाग के सबसे बड़े अस्पताल में मरीजों के लिए डेडिकेटेड कोविड अस्पताल बनाया गया है. जहां डॉक्टर और नर्स 24 घंटे सुविधा दे रहे है.

बस्तर में कोरोना से लड़ने क्या है इंतजाम

वर्तमान में बस्तर जिले में कोरोना का प्रतिशत 5.6% है. रिकवरी रेट ज्यादा होने की वजह से अब तक जिले में कोरोना हावी नहीं हो सका है. हालांकि हर रोज जिलेभर में कोरोना से तीन से चार मरीजों की जान जा रही है. उनमें 60 साल के ऊपर के लोगों की संख्या ज्यादा है. जिला प्रशासन ने कोरोना से निपटने के लिए कोविड 19 अस्पताल के साथ ही 6 कोविड केयर सेंटर बनाएं है. इसके अलावा एक निजी अस्पताल में भी कोरोना मरीजों का इलाज किया जा रहा है. सरकारी अस्पताल और कोविड केयर सेंटर की बात की जाए तो यहां कोरोना का इलाज पूरी तरह से मुफ्त है.

बस्तर में कुल 1500 बिस्तर उपलब्ध

बस्तर CMHO डॉ. आरके चतुर्वेदी ने बताया कि वर्तमान में जिला अस्पताल डीमरापाल में 260 बेड का कोविड अस्तपाल बनाया गया है. इनमें से 195 बेड ऑक्सीजन युक्त हैं. डीमरापाल कोविड अस्पताल में हाल ही में सेंट्रल ऑक्सीजन की सुविधा का भी शुभारंभ किया गया है. इसके अलावा 400 से ज्यादा छोटे और बड़े ऑक्सीजन सिलेंडरों की व्यवस्था है. उन्होंने बताया कि कोविड केयर सेंटर में भी 100-100 ऑक्सीजन बेड की सुविधा मुहैया कराई गई है.

रायपुर में कोरोना संक्रमण के हालातों में सुधार, जल्द बंद हो सकते हैं बड़े कोविड केयर सेंटर

  • डिमरापाल के अलावा धरमपुरा कोविड केयर सेंटर में 250 बेड की सुविधा
  • बकावंड कोविड केयर सेंटर में 500 बेड की सुविधा
  • बेसुली कोविड केयर सेंटर में 400 बेड की सुविधा
  • और एमपीएम निजी अस्पताल में 50 बेड की सुविधा
  • रवी रेसीडेंसी कोविड केयर सेंटर में 40
  • लुक्कड़ भवन कोविड केयर सेंटर में 38 बेड की सुविधा
  • पूरे बस्तर जिले में 1500 बेड की सुविधा है

नगरनार स्टील प्लांट ने किया सहयोग

सभी कोविड सरकारी सेंटरों में 100-100 ऑक्सीजन युक्त बेड की सुविधा है. इसके अलावा शहर से लगे कुरंदी गांव में ऑक्सीजन प्लांट भी स्थापित है. वहीं नगरनार में निर्माणाधीन NMDC स्टील प्लांट ने 200 ऑक्सीजन सिलेंडर देकर जिला प्रशासन का सहयोग किया है.

होम आइसोलेशन में ठीक हो रहे मरीज

जिले में जिस तरह से कोरोना संक्रमित मरीजों की पहचान हो रही है, उनमें से ज्यादातर मरीज घर में ही रहकर ठीक हो रहे हैं. होम आइसोलेट के दौरान जिला प्रशासन ने कंट्रोल रूम स्थापित किया है. जहां से कोरोना संक्रमित मरीजों को दवाई से संबंधित और इलाज से संबंधित दिशा निर्देश दिए जाते हैं. जानकारी के मुताबिक कोरोना काल में अब तक बस्तर जिले में 11 हजार 524 मरीज घर में ही रहकर उपचार किये और इनमें से 10 हजार 978 संक्रमित मरीज पूरी तरह से स्वस्थ भी हो चुके हैं.

जशपुर के कोविड केयर सेंटर में ICU और HDU बिस्तर हुए फुल

लैब की सुविधा बढ़ाए जाने की जरुरत

प्रशासन के लिए अच्छी बात ये है कि अब तक कोरोना से हालात बेकाबू नहीं हुए हैं. मरीजों को बेहतर इलाज भी मिल रहा है. हालांकि समय-समय पर बैठक कर जिला प्रशासन के अधिकारी कोविड केयर सेंटरो की संख्या बढ़ाए जाने पर विचार भी कर रहे हैं. लेकिन वर्तमान में स्थापित कोविड 19 केयर सेंटर और सरकारी कोविड अस्पताल में इलाज चल रहे मरीजों की संख्या काफी कम है. हालांकि जानकारों का कहना है कि जिले में स्वास्थ्य विभाग को लैब की सुविधा बढ़ाए जाने की जरूरत है.

स्टाफ की कमी बड़ी समस्या

कोरोना के इस संकट काल के बीच एक परेशानी ये भी है कि स्वास्थ विभाग स्टाफ की कमी से भी जूझ रहा है. कई उपकरणों के टेक्नीशियन नहीं होने की वजह से मशीनें खराब भी हो रही है. जानकारों का कहना है कि जिला प्रशासन को स्वास्थ्य विभाग में स्टाफ की पूर्ति किए जाने के साथ ही लैब की सुविधा भी बढ़ाए जाने की जरूरत है. इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में भी जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को खास सतर्कता बरतने के साथ उप स्वास्थ्य केंद्रों में भी सुविधाएं बढ़ाई जाने की जरूरत है.

जांच बढ़ाए जाने की जरूरत

हालांकि जिला प्रशासन के पास अभी भी एंबुलेंस के साथ-साथ शव वाहनों की कमी है. जिसके लिए मरीजों को दो चार होना पड़ रहा है. कोरोना जांच भी बढ़ाए जाने की जरूरत है. फिलहाल जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग बस्तर में कोरोना से निपटने के लिए पर्याप्त संसाधन और सुविधा होने की बात कह रहा है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 7:57 AM IST
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