जगदलपुर: विश्व भर में एड्स दिवस मनाया जा रहा है. बस्तर संभाग के कई जिलों में एड्स की बीमारी तेजी से पैर पसार रही है. बीते 18 साल के आंकड़ों की मानें तो मरीजों का आंकड़ा 2211 तक पहुंच गया है. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक इस बीमारी से 20 सालों में 500 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. अकेले बस्तर में अबतक 2 लाख 56 हजार लोगों ने एचआईवी टेस्ट कराया है. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि शिक्षा की कमी और बीमारी की जानकारी नहीं होने से मरीजों का आंकड़ा तेजी से बढ़ रहा है.
एड्स को लेकर जागरुक हुए लोग: एड्स को लेकर सरकार की ओर से चलाए जा रहे जागरुकता अभियान का फायदा मिला है. लोगों को जैसे ही बीमारी का शक होता है वो तुरंत अस्पताल पहुंचकर इसका टेस्ट कराते हैं. स्वास्थ्य विभाग का दावा है कि जो लोग बीमारी को छुपाते हैं, समय पर इलाज नहीं कराते उनकी मौत हो जाती है. सरकार के NFHS-5 के जारी आंकड़ों में यह बात सामने आई है कि HIV एड्स के विषय में केवल 20 फीसदी महिलाओं को जानकारी पहले थी, जो अब बढ़कर 23 फीसदी तक पहुंच गई है. 57 फीसदी महिलाओं को कंडोम और उसके फायदे की जानकारी थी. इन आंकड़ों से ये साफ हुआ है कि एडस के प्रति तेजी से लोगों में जागरुकता बढ़ रही है.
बस्तर में बढ़ रही बीमारी: बस्तर के स्वास्थ्य अधिकारी की मानें तो शिक्षा की कमी और जागरुकता नहीं होने के चलते बीमारी बढ़ी है. स्वास्थ्य विभाग ने अपील करते हुए कहा कि जैसे ही बीमारी का पता चले तुरंत जांच कराएं. समय पर इलाज शुरु होने से बीमारी का खात्म हो जाता है. अगर इलाज समय पर नहीं मिला तो 9 से 10 साल के भीतर मरीज की मौत हो सकती है. स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि हर साल 120 से लेकर 150 मरीजों की संख्या बढ़ रही है.