जीपीएम: जिला बनने के बाद जिला मुख्यालय के भवन को लेकर चल रहा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. प्रशासन द्वारा जिला मुख्यालय के लिए गुरुकुल परिसर का चयन करने के बाद मंगलवार को गुरुकुल विद्यालय भी चुनाव कार्य के लिए छात्रों से खाली करा लिया गया जिसके बाद आज गुरुकुल के सैकड़ों आदिवासी छात्रों का गुस्सा फूट पड़ा पहले गुरुकुल का प्रशासनिक भवन में कलेक्टर कार्यालय संचालित करने एवं चुनाव संचालन के लिए विद्यालय भवन खाली कराने के के बाद गुरुकुल में पढ़ने वाले सैकड़ों छात्रों को अध्ययन अध्यापन की समस्या होने लग गई.
विद्यार्थियों में बढ़ रही नाराजगी: छात्रों को उनके लगभग 100 एकड़ के गुरुकुल परिसर से लगभग 4 किलोमीटर दूर आईटीआई भवन में चार कमरे दिए गए हैं. जिनमें उनकी कक्षाएं संचालित होगी. छात्रों की मांग है कि प्रशासन उनका गुरुकुल परिसर खाली करें. वही स्कूल के प्रिंसिपल भी कह रहे हैं कि लगभग 300 बच्चों को यहां पढ़ाना काफी कठिन काम है. इससे बच्चों के भविष्य पर असर पड़ेगा.छात्रों का कहना है कि जिला गठन के बाद से पूरा गुरुकुल परिषद किन्ही ना किन्ही कारणों से शासन प्रशासन द्वारा अधिकृत किया गया है. कभी कलेक्टर भवन संचालन के लिए तो कभी अन्य क्रियाकलापों के लिए और अब उनके परिसर के कई पेड़ काट दिए गए. इन सब क्रियाकलापों से उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है.
काफी देर तक चली गहमागहमी, बच्चे नहीं माने: प्रशासन के लोग लगातार छात्रों को समझाने की कोशिश करते रहे. पर छात्र गुरुकुल भवन प्रशासन से खाली कराने की जिद पर अड़े हुए हैं.वहीं लगभग 2 घण्टे तक जब छात्रों से कलेक्टर ने बात नहीं की. न ही ज्ञापन लिया. जिसके बाद बच्चे सड़को पर उतर गए. प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करने लगे. जिसके बाद बच्चे कलेक्ट्रेट से पैदल निकलकर सीधे रानी दुर्गावती चौक पहुंच गए. यहां पर गिरते पानी में चक्का जाम कर दिया और सड़कों पर बैठ गए. प्रशासन भी लगातार बच्चों को समझाइश देते नजर आया.
बच्चों की मांग के आगे झुका प्रशासन: झमाझम बारिश के बीच बच्चे जब काफी समय तक गिरते पानी मे बैठे रहे. उसके बाद जिले की कलेक्टर प्रियंका ऋषि महोबिया और जिले के पुलिस अधीक्षक योगेश पटेल मौके पर पहुंचे. जहां पर कलेक्टर ने बच्चों को समझाइस दी और बच्चों को आश्वासन दिया. जिसके बाद बच्चे सीधे छात्रावास पहुंचे. जहा पर जिले की कलेक्टर प्रियंका ऋषि महोबिया और पुलिस अधीक्षक योगेश पटेल की मौजूदगी में बच्चों ने समस्या पर बात की