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बाल संरक्षण इकाई की पहल से बच्चे को मिला संरक्षण, कुपोषित मिला था बालक

बेगरपाला के टिमनपुर में महिला एवं बाल विकास की टीम ने एक बच्चे को अपने संरक्षण में ले लिया. जांच के दौरान बच्चा कुपोषित पाया गया था. उचित पालन-पोषण के लिए विभाग ने उसे मातृछाया रायपुर में रखा गया है.

child institutionalized in Gariaband
बच्चे को किया गया संस्थागत
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Published : Aug 19, 2020, 11:06 PM IST

गरियाबंद: बेगरपाला ग्राम पंचायत के आश्रित गांव टिमनपुर के विशेष पिछड़ी जनजाति के रमेश कुमार और उसका परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा है. ऐसे में महिला एवं बाल विकास विभाग ने उनके और उनके परिवार की मदद की है.

दरअसल, कोविड-19 की वजह से रमेश कुमार और उनके परिवार को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. लॉकडाउन के दौरान वे अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ घर पर ही रह रहा था. जिसके कारण उसकी अर्थिक स्थिति खराब हो गई. महिला एवं बाल विकास विभाग को जानकारी मिलते ही विभाग की जिला स्तरीय टीम के एकीकृत बाल विकास परियोजना के अधिकारी चन्द्रहास साहू, जिला बाल संरक्षण अधिकारी अनिल द्विवेदी, संरक्षण अधिकारी फणीन्द्र कुमार जायसवाल, पर्यवेक्षक रधिया बंजारे उनके घर पहुंचे. जहां रमेश के पांचों बच्चों की परवरिश और आर्थिक स्थिति का जायजा लिया गया.

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छोटा बालक पाया गया कुपोषित

पांचों बच्चों में से 4 बच्चे स्कूल में पढ़ाई करते हैं और स्वस्थ्य हैं, लेकिन उसका सबसे छोटा बेटा जो अभी करीब 1 साल 6 महीने का है. 6 महीने पहले मां के देहांत हो जाने के कारण बच्चे देखरेख, पालन पोषण और परवरिश सही नहीं होने से गंभीर कुपोषित पाया गया. जिसके बाद टीम ने परिवार को खाद्य सामाग्री दी.

बच्चे को मिला संरक्षण

बाल कल्याण समिति ने कुपोषित बालक के उचित पालन-पोषण और देखरेख के लिए, जिला बाल संरक्षण इकाई की टीम ने मासूम बालक को सेवा भारती, मातृछाया रायपुर में भेज दिया है.

गरियाबंद: बेगरपाला ग्राम पंचायत के आश्रित गांव टिमनपुर के विशेष पिछड़ी जनजाति के रमेश कुमार और उसका परिवार आर्थिक तंगी से गुजर रहा है. ऐसे में महिला एवं बाल विकास विभाग ने उनके और उनके परिवार की मदद की है.

दरअसल, कोविड-19 की वजह से रमेश कुमार और उनके परिवार को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. लॉकडाउन के दौरान वे अपने छोटे-छोटे बच्चों के साथ घर पर ही रह रहा था. जिसके कारण उसकी अर्थिक स्थिति खराब हो गई. महिला एवं बाल विकास विभाग को जानकारी मिलते ही विभाग की जिला स्तरीय टीम के एकीकृत बाल विकास परियोजना के अधिकारी चन्द्रहास साहू, जिला बाल संरक्षण अधिकारी अनिल द्विवेदी, संरक्षण अधिकारी फणीन्द्र कुमार जायसवाल, पर्यवेक्षक रधिया बंजारे उनके घर पहुंचे. जहां रमेश के पांचों बच्चों की परवरिश और आर्थिक स्थिति का जायजा लिया गया.

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छोटा बालक पाया गया कुपोषित

पांचों बच्चों में से 4 बच्चे स्कूल में पढ़ाई करते हैं और स्वस्थ्य हैं, लेकिन उसका सबसे छोटा बेटा जो अभी करीब 1 साल 6 महीने का है. 6 महीने पहले मां के देहांत हो जाने के कारण बच्चे देखरेख, पालन पोषण और परवरिश सही नहीं होने से गंभीर कुपोषित पाया गया. जिसके बाद टीम ने परिवार को खाद्य सामाग्री दी.

बच्चे को मिला संरक्षण

बाल कल्याण समिति ने कुपोषित बालक के उचित पालन-पोषण और देखरेख के लिए, जिला बाल संरक्षण इकाई की टीम ने मासूम बालक को सेवा भारती, मातृछाया रायपुर में भेज दिया है.

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