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कोरोना का कहर: जन चौपाल में इंतजार करते रहे ग्रामीण, आवेदन लेने नहीं पहुंचे अधिकारी

बुधवार को हुई जन चौपाल में अधिकारियों के अनुपस्थित रहने और चौपाल निरस्त करने से ग्रामीणों में आक्रोश देखने को मिला. ग्रामीणों को ढाई घंटे इंतजार कराने के बाद कोरोना वायरस के कारण वापस भेज दिया गया था.

Villagers wait for hours in Jan Chaupal
जन चौपाल में घंटों इंतजार करते ग्रामीण
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Published : Mar 18, 2020, 11:11 AM IST

Updated : Mar 18, 2020, 11:17 AM IST

गरियाबंद: आम लोगों से ज्यादा अधिकारियों को कोरोना वायरस का डर सता रहा है. यही कारण है कि आज यानी बुधवार को हुए जन चौपाल में अधिकारी लोगों के आवेदन लेने और समस्या सुनने पहुंचे ही नहीं. जबकि कोरोना वायरस की जानकारी होने के बावजूद अपने गांव की समस्या लेकर कई ग्रामीण जन चौपाल पहुंच कर ढाई घंटे तक इंतजार करते नजर आए.

जन चौपाल में घंटों इंतजार करते ग्रामीण

जिला कलेक्ट्रेट में साप्ताहिक जन चौपाल में वैसे तो हर विभाग के जिला अधिकारी बैठते थे, लेकिन बुधवार को जन चौपाल लगाने के बावजूद अधिकारी निर्धारित समय से डेढ़ घंटे बाद भी नहीं पहुंचे, जिसके बाद सूचना आई कि कोरोना वायरस के कारण अधिकारी जन चौपाल में आवेदन लेने नहीं पहुंचेंगे. ग्रामीणों से कहा गया कि 'वह अपना आवेदन आवक-जावक शाखा में देकर वापस चले जाए'.

पढ़ें: भारत में कोरोना : 147 हुए रोगी , रेलवे ने रद कीं कई ट्रेनें

ग्रामीणों में इसे लेकर नाराजगी देखने को मिली. लोगों का कहना था कि 'अगर जन चौपाल में आना ही नहीं था तो, 2 से 3 घंटे इंतजार क्यों करवाया गया. पहले ही आवेदन जमा कर ग्रामीणों की भीड़ एकत्र नहीं होने देना चाहिए था'. हालांकि उच्च स्तर से ही भीड़भाड़ वाले कोई कार्यक्रम न करने के निर्देश मिल चुके थे, इसके बावजूद पहले जन चौपाल के नाम पर ग्रामीणों को ढाई घंटे इंतजार करवाया गया. इसके बाद अंत में अधिकारियों के नहीं पहुंचने की सूचना दी गई.

अफसरों को आना ही नहीं था, तो चौपाल क्यों बुलाई
ग्रामीणों ने यह भी कहा कि 'उन्हें अपने गांव की समस्याएं ज्यादा महत्वपूर्ण लगी, नहीं तो वह भी कोरोना वायरस के डर से जन चौपाल नहीं आना चाहते थे, लेकिन अधिकारी के नहीं मिलने से ग्रामीणों में आक्रोश है. उनका कहना है कि 'वह चाहते तो मास्क लगाकर सुरक्षित दूरी से लोगों की समस्याएं सुन सकते थे'.

गरियाबंद: आम लोगों से ज्यादा अधिकारियों को कोरोना वायरस का डर सता रहा है. यही कारण है कि आज यानी बुधवार को हुए जन चौपाल में अधिकारी लोगों के आवेदन लेने और समस्या सुनने पहुंचे ही नहीं. जबकि कोरोना वायरस की जानकारी होने के बावजूद अपने गांव की समस्या लेकर कई ग्रामीण जन चौपाल पहुंच कर ढाई घंटे तक इंतजार करते नजर आए.

जन चौपाल में घंटों इंतजार करते ग्रामीण

जिला कलेक्ट्रेट में साप्ताहिक जन चौपाल में वैसे तो हर विभाग के जिला अधिकारी बैठते थे, लेकिन बुधवार को जन चौपाल लगाने के बावजूद अधिकारी निर्धारित समय से डेढ़ घंटे बाद भी नहीं पहुंचे, जिसके बाद सूचना आई कि कोरोना वायरस के कारण अधिकारी जन चौपाल में आवेदन लेने नहीं पहुंचेंगे. ग्रामीणों से कहा गया कि 'वह अपना आवेदन आवक-जावक शाखा में देकर वापस चले जाए'.

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ग्रामीणों में इसे लेकर नाराजगी देखने को मिली. लोगों का कहना था कि 'अगर जन चौपाल में आना ही नहीं था तो, 2 से 3 घंटे इंतजार क्यों करवाया गया. पहले ही आवेदन जमा कर ग्रामीणों की भीड़ एकत्र नहीं होने देना चाहिए था'. हालांकि उच्च स्तर से ही भीड़भाड़ वाले कोई कार्यक्रम न करने के निर्देश मिल चुके थे, इसके बावजूद पहले जन चौपाल के नाम पर ग्रामीणों को ढाई घंटे इंतजार करवाया गया. इसके बाद अंत में अधिकारियों के नहीं पहुंचने की सूचना दी गई.

अफसरों को आना ही नहीं था, तो चौपाल क्यों बुलाई
ग्रामीणों ने यह भी कहा कि 'उन्हें अपने गांव की समस्याएं ज्यादा महत्वपूर्ण लगी, नहीं तो वह भी कोरोना वायरस के डर से जन चौपाल नहीं आना चाहते थे, लेकिन अधिकारी के नहीं मिलने से ग्रामीणों में आक्रोश है. उनका कहना है कि 'वह चाहते तो मास्क लगाकर सुरक्षित दूरी से लोगों की समस्याएं सुन सकते थे'.

Last Updated : Mar 18, 2020, 11:17 AM IST
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