गरियाबंदः जिले के आखरी छोर पर बसे गांव के लोग हर साल बारिश के दिनों में खौफ के साये में जीने को मजबूर हैं. वहीं कई गांव बाढ़ की चपेट में आने से अपना अस्तित्व खोते जा रहे हैं.
जिले के भतराबहाली गांव के लोग अपने गांव के अस्तित्व को लेकर परेशान हैं. नदी का तटबंध कटाव से गांव पर खतरा मंडराने लगा है. साथ ही बरसात के दिनों में गांव का संपर्क ब्लॉक मुख्यालय सहित अन्य कई जगहों से टूट जाता है. इससे ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
दहशत में ग्रामीण
बारिश का मौसम आते ही भतराबहाली गांव के लोग दहशत में अपना जीवन जीते हैं. ग्रामीणों में दहशत का कारण गांव के पास से बहने वाली तेल नदी है. ग्रामीणों का कहना है कि हर साल नदी में कटाव की वजह से गांव के लगभग 50 से 60 एकड़ की फसल तबाह हो जाती है. नदी में हो रहे लगतार कटाव से गांव और नदी के बीच की दूरी बहुत कम रह गई है.
रतजाग कर रहे ग्रामीण
ग्रामीणों ने बताया की बरसात में नदी में बाढ़ और कटाव होने के कारण वे रतजगा करने को मजबूर हैं. यदि प्रशासन ने जल्द ही इस समस्या का पर ध्यान नहीं दिया, तो गांव टापू में तबदील हो जाएगी.
ग्रामीणों में आक्रोश
नदी के लगातार बढ़ते कटाव से चिंतित ग्रामीणों ने प्रशासन से एनीकट (तटबंध) की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने उनकी मांग को गंभीरता से न लेते हुए अब तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है. वहीं विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इस बारे में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.