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तटबंध कटाव से खतरे में गांव, 50 एकड़ खेत बहा ले गई है तेल नदी - 50 to 60 acre crop

तेल नदी में बढ़ते जल स्तर और तटबंध के लगातार कटाव से भतराबहाली गांव पर खतरा मंडराने लगा है. बरसात के दिनों में इन गांवों का संपर्क ब्लॉक मुख्यालय से टूट जाता है. इससे ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

तेल नदी में बढ़ते जल स्तर और तटबंध
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Published : Sep 4, 2019, 3:27 PM IST

गरियाबंदः जिले के आखरी छोर पर बसे गांव के लोग हर साल बारिश के दिनों में खौफ के साये में जीने को मजबूर हैं. वहीं कई गांव बाढ़ की चपेट में आने से अपना अस्तित्व खोते जा रहे हैं.

तटबंध कटाव से खतरे में गांव

जिले के भतराबहाली गांव के लोग अपने गांव के अस्तित्व को लेकर परेशान हैं. नदी का तटबंध कटाव से गांव पर खतरा मंडराने लगा है. साथ ही बरसात के दिनों में गांव का संपर्क ब्लॉक मुख्यालय सहित अन्य कई जगहों से टूट जाता है. इससे ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

दहशत में ग्रामीण
बारिश का मौसम आते ही भतराबहाली गांव के लोग दहशत में अपना जीवन जीते हैं. ग्रामीणों में दहशत का कारण गांव के पास से बहने वाली तेल नदी है. ग्रामीणों का कहना है कि हर साल नदी में कटाव की वजह से गांव के लगभग 50 से 60 एकड़ की फसल तबाह हो जाती है. नदी में हो रहे लगतार कटाव से गांव और नदी के बीच की दूरी बहुत कम रह गई है.

रतजाग कर रहे ग्रामीण
ग्रामीणों ने बताया की बरसात में नदी में बाढ़ और कटाव होने के कारण वे रतजगा करने को मजबूर हैं. यदि प्रशासन ने जल्द ही इस समस्या का पर ध्यान नहीं दिया, तो गांव टापू में तबदील हो जाएगी.

ग्रामीणों में आक्रोश
नदी के लगातार बढ़ते कटाव से चिंतित ग्रामीणों ने प्रशासन से एनीकट (तटबंध) की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने उनकी मांग को गंभीरता से न लेते हुए अब तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है. वहीं विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इस बारे में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.

गरियाबंदः जिले के आखरी छोर पर बसे गांव के लोग हर साल बारिश के दिनों में खौफ के साये में जीने को मजबूर हैं. वहीं कई गांव बाढ़ की चपेट में आने से अपना अस्तित्व खोते जा रहे हैं.

तटबंध कटाव से खतरे में गांव

जिले के भतराबहाली गांव के लोग अपने गांव के अस्तित्व को लेकर परेशान हैं. नदी का तटबंध कटाव से गांव पर खतरा मंडराने लगा है. साथ ही बरसात के दिनों में गांव का संपर्क ब्लॉक मुख्यालय सहित अन्य कई जगहों से टूट जाता है. इससे ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

दहशत में ग्रामीण
बारिश का मौसम आते ही भतराबहाली गांव के लोग दहशत में अपना जीवन जीते हैं. ग्रामीणों में दहशत का कारण गांव के पास से बहने वाली तेल नदी है. ग्रामीणों का कहना है कि हर साल नदी में कटाव की वजह से गांव के लगभग 50 से 60 एकड़ की फसल तबाह हो जाती है. नदी में हो रहे लगतार कटाव से गांव और नदी के बीच की दूरी बहुत कम रह गई है.

रतजाग कर रहे ग्रामीण
ग्रामीणों ने बताया की बरसात में नदी में बाढ़ और कटाव होने के कारण वे रतजगा करने को मजबूर हैं. यदि प्रशासन ने जल्द ही इस समस्या का पर ध्यान नहीं दिया, तो गांव टापू में तबदील हो जाएगी.

ग्रामीणों में आक्रोश
नदी के लगातार बढ़ते कटाव से चिंतित ग्रामीणों ने प्रशासन से एनीकट (तटबंध) की मांग कर रहे हैं, लेकिन प्रशासन ने उनकी मांग को गंभीरता से न लेते हुए अब तक मामले में कोई कार्रवाई नहीं की है. वहीं विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इस बारे में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.

Intro:स्लग----गॉव को खतरा
गरियाबंद के भतराबहाली गॉव के लोग अपने गॉव के अस्तित्व को लेकर इन दिनों भारी परेशान है, तेल नदी के लगातार कटाव से गॉव पर खतरा मंडराने लगा है, Body:गॉव की अबतक 50 एकड से ज्यादा जमीन तेल नदी के कटाव का हिस्सा बन चुकी है, यही नही नदी का कटाव हर साल तेजी से बढता जा रहा है, कटाव अब गॉव के बिल्कुल करीब पहुंच चुका है, ग्रामीणों का कहना है कि यदि प्रशासन ने समय रहते ध्यान नही दिया तो वो दिन दूर नही जब उनके गॉव का अस्तित्व ही खत्म हो जायेगा, ग्रामीणों ने बताया कि बरसात के दिनों में हर साल उन्हें भारी दिक्कतों का सामना करना पडता है, उनका गॉव टापू में तब्दील हो जाता है, नदी का बहाव तेज होने पर पानी उनके घरों में घुस जाता है और उन्हें कई दिनों तक रजतगा करना पडता है, नदी के लगातार बढते कटाव से भी वे चिंतित है, ग्रामीण तटबंध के लिए सालों से मांग कर रहे है मगर उनकी मांग अब तक पूरी नही हो पायी, वही विभाग के जिम्मेदार अधिकारी इस बारे में कुछ भी बोलने को तैयार नही है।
बाइट 1----ग्रामीण...........
बाइट 2----ग्रामीण..............
बाइट 3----ग्रामीण.............Conclusion:
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