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गरियाबंद: बैल की मौत से दुखी बुजुर्ग किसान ने फांसी लगाकर दी जान

बैल की मौत से दुखी होकर एक किसान ने आत्महत्या कर ली है, जिसको पोस्टमार्टम के लिए जिला चिकित्सालय के मर्चुरी लाया गया है.

शव को लाया गया मरचुरी
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Published : Jul 12, 2019, 3:15 PM IST

Updated : Jul 12, 2019, 4:35 PM IST

गरियाबंद: सढोली गांव में बैल की मौत से दुखी एक किसान ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है. बताया जा रहा है कि किसान अपने दिव्यांग बेटे की तकलीफ से भी दुखी था. इसी दौरान उसके बैल ने भी उसका साथ छोड़ा दिया. इसका सदमा किसान सह नहीं पाया और फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला खत्म कर ली.

वीडियो

बताया जा रहा है कि 70 वर्षीय किसान बैल के मरने के बाद बोआई न होने से परेशान था. किसान का एक बेटा दिव्यांग है, जो काम किसी तरह के काम को करने में सक्षम नहीं है. किसान ने अभी कुछ दिन पहले अपनी जीवनभर की जमा पूंजी से दो बैल खरीदा था, जिससे उसे अच्छी खेती की उम्मदी थी, लेकिन बोआई से कुछ ही दिन पहले ही बैल की मौत हो जाने से किसान रामेश्वर काफी परेशान हो गया था.

पढ़ें: बेमेतरा: किसानों के लिए खर्च कर दिए 65 लाख रुपये, फिर भी बदतर हैं हालात

बेसहारा हो गया दिव्यांग बेटा
गुरुवार सुबह रामेश्वर बिना बताए घर से कहीं चला गया था. उसकी खोजबीन में गांव वाले जुटे थे. इसी दौरान गांव वालों को शुक्रवार की सुबह उसकी लाश एक पेड़ पर फांसी से लटकी मिली. इसके बाद किसान के रिश्तेदारों ने बताया कि बैल की मौत से किसान कुछ ज्यादा ही दुखी था. अब दिव्यांग बेटे के पालन पोषण की चिंता परिवार के बाकी लोगों को सता रही है.

गरियाबंद: सढोली गांव में बैल की मौत से दुखी एक किसान ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है. बताया जा रहा है कि किसान अपने दिव्यांग बेटे की तकलीफ से भी दुखी था. इसी दौरान उसके बैल ने भी उसका साथ छोड़ा दिया. इसका सदमा किसान सह नहीं पाया और फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला खत्म कर ली.

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बताया जा रहा है कि 70 वर्षीय किसान बैल के मरने के बाद बोआई न होने से परेशान था. किसान का एक बेटा दिव्यांग है, जो काम किसी तरह के काम को करने में सक्षम नहीं है. किसान ने अभी कुछ दिन पहले अपनी जीवनभर की जमा पूंजी से दो बैल खरीदा था, जिससे उसे अच्छी खेती की उम्मदी थी, लेकिन बोआई से कुछ ही दिन पहले ही बैल की मौत हो जाने से किसान रामेश्वर काफी परेशान हो गया था.

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बेसहारा हो गया दिव्यांग बेटा
गुरुवार सुबह रामेश्वर बिना बताए घर से कहीं चला गया था. उसकी खोजबीन में गांव वाले जुटे थे. इसी दौरान गांव वालों को शुक्रवार की सुबह उसकी लाश एक पेड़ पर फांसी से लटकी मिली. इसके बाद किसान के रिश्तेदारों ने बताया कि बैल की मौत से किसान कुछ ज्यादा ही दुखी था. अब दिव्यांग बेटे के पालन पोषण की चिंता परिवार के बाकी लोगों को सता रही है.

Intro:एंकर--गरियाबंद में बैल की मौत से दुखी एक किसान ने आत्महत्या कर ली किसान अपने दिव्यांग बेटे की तकलीफों से भी परेशान था घटना सढोंली गांव की हैं यहाँ दिन भर से लापता 70 वर्षीय किसान का शव फांसी पर लटका मिला तो रिश्तेदार एवं गांव वालों ने बताया कि बैल मरने के कारण समय पर धान बुवाई नहीं हो पाई थी जिसे लेकर किसान काफी परेशान था


Body:वीओ---गरियाबंद के सढोली गांव के किसान रामेश्वर यादव अपने दिEव्यांग बेटे की तकलीफों को देखकर लंबे समय से परेशान चल रहा था किसी तरह वह खेती किसानी कर परिवार चलाता था इन सबके बीच कुछ दिन पहले उसने अपनी जमा पूंजी से दो बैल खरीदा था जिससे उसे खेती और अच्छे से होने की उम्मीद थी लेकिन कुछ ही दिन पहले बैल की मौत हो जाने से किसान रामेश्वर यादव काफी परेशान हो गया था बीती सुबह किसान रामेश्वर बिना बताए घर से कहीं चला गया था जिसकी खोजबीन में गांव वाले जुटे हुए थे गांव वालों को आज सुबह उसकी लाश एक पेड़ पर फांसी पर लटकी हुई मिली जिसके बाद किसान के रिश्तेदारों ने बताया कि बैल की मौत से किसान कुछ ज्यादा ही दुखी था इन सबके बीच गरियाबंद पुलिस की सहायता से किसान के शव को उतरवा कर पंचनामा कर पोस्टमार्टम हेतु जिला चिकित्सालय के मरचुरी लाया गया वहीं अब दिव्यांग बेटे के पालन पोषण की चिंता परिवार के बाकी लोगों को सता रही हैConclusion:बाइट ईश्वर यादव मृतक का भतीजा

बाइट ज्ञानचंद मृतक का पड़ोसी
Last Updated : Jul 12, 2019, 4:35 PM IST
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