गरियाबंद: सढोली गांव में बैल की मौत से दुखी एक किसान ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है. बताया जा रहा है कि किसान अपने दिव्यांग बेटे की तकलीफ से भी दुखी था. इसी दौरान उसके बैल ने भी उसका साथ छोड़ा दिया. इसका सदमा किसान सह नहीं पाया और फांसी लगाकर अपनी जीवनलीला खत्म कर ली.
बताया जा रहा है कि 70 वर्षीय किसान बैल के मरने के बाद बोआई न होने से परेशान था. किसान का एक बेटा दिव्यांग है, जो काम किसी तरह के काम को करने में सक्षम नहीं है. किसान ने अभी कुछ दिन पहले अपनी जीवनभर की जमा पूंजी से दो बैल खरीदा था, जिससे उसे अच्छी खेती की उम्मदी थी, लेकिन बोआई से कुछ ही दिन पहले ही बैल की मौत हो जाने से किसान रामेश्वर काफी परेशान हो गया था.
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बेसहारा हो गया दिव्यांग बेटा
गुरुवार सुबह रामेश्वर बिना बताए घर से कहीं चला गया था. उसकी खोजबीन में गांव वाले जुटे थे. इसी दौरान गांव वालों को शुक्रवार की सुबह उसकी लाश एक पेड़ पर फांसी से लटकी मिली. इसके बाद किसान के रिश्तेदारों ने बताया कि बैल की मौत से किसान कुछ ज्यादा ही दुखी था. अब दिव्यांग बेटे के पालन पोषण की चिंता परिवार के बाकी लोगों को सता रही है.