गरियाबंद: 72 मौतों से पूरे प्रदेश को दहला चुके सुपेबेड़ा में किडनी की बीमारी की वजह और उससे हो रही मौतों के कारण को जानने के लिए 14 जनवरी को केंद्र से विशेषज्ञों की टीम आ रही है. ये टीम मौत की वजह का पता लगाएगी साथ ही साथ किडनी की बीमारी फैलने की वजह भी तलाशेगी.
इस टीम में दिल्ली चंडीगढ़ और लखनऊ के विशेषज्ञ नेफ्रोलॉजिस्ट मौजूद रहेंगे. इससे पहले राज्य सरकार की विशेषज्ञों की टीम एक दिन पहले पहुंचकर सभी मरीजों की अलग-अलग फाइल तैयार करेगी. इसके बाद केंद्र की टीम, राज्य की टीम के साथ गांव में ही हर विषय पर विस्तृत जानकारी लेगी. ये जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपी जाएगी.
स्पेशलिस्ट करेंगे जांच
राज्यपाल सुश्री अनसूया उईके के सुपेबेड़ा पहुंचने का असर अब नजर आने लगा है. केंद्र के विशेषज्ञ चिकित्सकों की एक टीम सीधे सुपेबेड़ा भेजी जा रही है. यह विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम है. इसमें किडनी रोग स्पेशलिस्ट रहेंगे. ऐसा कहा जा रहा है कि केंद्र से तीन या चार सीनियर नेफ्रोलॉजिस्ट 14 जनवरी को सुपेबेड़ा पहुंचेंगे. इनमें दिल्ली के मेदांता हॉस्पिटल के साथ-साथ चंडीगढ़ और लखनऊ के भी किडनी रोग विशेषज्ञ शामिल होंगे.
मौत और बीमारी की वजह जानने की कोशिश करेंगे
डॉक्टर्स की टीम सुपेबेड़ा गांव का दौरा करेगी और ग्रामीणों से मुलाकात करेगी. इससे पहले विशेष चिकित्सा शिविर बुलाकर एक-एक मरीज की हिस्ट्री, खानपान, रहन-सहन के बारे में एक दिन पहले रायपुर के विशेषज्ञों द्वारा दी गई जानकारी का विश्लेषण करेंगे और ये जानने की कोशिश करेंगे कि आखिर लोगों में ये बीमारी हो क्यों हो रही है.
जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को भेजी जाएगी
माना जा रहा है कि यहां की मिट्टी और पानी में क्रोमियम की मात्रा अधिक होने के चलते यहां के लोगों को किडनी की बीमारियां हुई हैं, जिसके चलते इस दृष्टिकोण से विशेष जांच की जाएगी कि ऐसे क्या-क्या कारण हैं जिसके चलते लोगों की किडनी खराब हो रही है. इसके बाद दिल्ली के विशेषज्ञ चिकित्सक मरीजों के लिए जरूरी सलाह देकर वापस लौटेंगे, जांच और निष्कर्ष का परिणाम बाद में केंद्र और राज्य सरकार को भेजेंगे.
अब तक 72 लोगों की हो चुकी है मौत
सुपेबेड़ा छत्तीसगढ़ का एक ऐसा गांव है जहां किडनी की बीमारी से अब तक 72 लोगों की मौत हो चुकी है, जिसे लेकर राज्य सरकार लंबे समय से काफी परेशान है. बीते दिनों प्रदेश की राज्यपाल अनसूया उइके भी स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के साथ सुपेबेड़ा पहुंच चुकी हैं. इस अवसर पर उन्होंने गांव के लोगों से वादा किया था कि जरूरत पड़ने पर मौतों को रोकने के लिए केंद्र से भी मदद ली जाएगी.