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जर्जर हालत में स्कूल भवन, जिम्मेदारों को बड़े हादसे का इंतजार

गरियाबंद जिले के कुरलापाला स्कूल की हालत बेहद ही खराब है. यहां बच्चों के बैठने की सुविधा तक नहीं है. स्कूल भवन भी जर्जर है. जिसके कारण बारिश के दिनों में बच्चों को बाहर बैठकर पढ़ाई करनी पड़ रही है.

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Published : Aug 22, 2019, 6:26 PM IST

जर्जर हालत में स्कूल भवन

गरियाबंद: कुरलापारा स्कूल भवन की हालत बेहद खराब है. वहीं जिम्मेदार इसकी मरम्मत कराने की बजाय किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं. बारिश के दिनों में भी बच्चे बाहर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. राजीव गांधी शिक्षा मिशन देवभोग के ब्लॉक स्त्रोत समन्वयक अब मामले में ग्रामीणों की मदद लेने की बात कह रहे हैं.

जर्जर हालत में स्कूल भवन

स्कूल में बच्चों के बैठने की व्यवस्था तक नहीं है. बच्चे खुले में बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं. बारिश के दिनों में भी बच्चों को बाहर बैठकर पढ़ाई करनी पड़ती है. मामले की जानकारी ब्लॉक स्त्रोत समन्वयक को दी गई. जिससे बाद ब्लॉक स्त्रोत समन्वयक मामले को ग्रामीणों के भरोसे झोड़ अपना पल्ला झाल लिए हैं.

स्कूल भवन 20 साल पहले बनाया गया था और यह पिछले दो साल से जर्जर हालत में है. छत और दीवारों में जगह-जगह दरारें आ चुकी है. ग्रामीणों और शिक्षकों द्वारा मामले की जानकारी कई बार उच्च अधिकारियों को दी गई है, लेकिन किसी ने मामले में सुध नहीं ली.

गरियाबंद: कुरलापारा स्कूल भवन की हालत बेहद खराब है. वहीं जिम्मेदार इसकी मरम्मत कराने की बजाय किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रहे हैं. बारिश के दिनों में भी बच्चे बाहर बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं, लेकिन प्रशासन की ओर से इस पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. राजीव गांधी शिक्षा मिशन देवभोग के ब्लॉक स्त्रोत समन्वयक अब मामले में ग्रामीणों की मदद लेने की बात कह रहे हैं.

जर्जर हालत में स्कूल भवन

स्कूल में बच्चों के बैठने की व्यवस्था तक नहीं है. बच्चे खुले में बैठकर पढ़ने को मजबूर हैं. बारिश के दिनों में भी बच्चों को बाहर बैठकर पढ़ाई करनी पड़ती है. मामले की जानकारी ब्लॉक स्त्रोत समन्वयक को दी गई. जिससे बाद ब्लॉक स्त्रोत समन्वयक मामले को ग्रामीणों के भरोसे झोड़ अपना पल्ला झाल लिए हैं.

स्कूल भवन 20 साल पहले बनाया गया था और यह पिछले दो साल से जर्जर हालत में है. छत और दीवारों में जगह-जगह दरारें आ चुकी है. ग्रामीणों और शिक्षकों द्वारा मामले की जानकारी कई बार उच्च अधिकारियों को दी गई है, लेकिन किसी ने मामले में सुध नहीं ली.

Intro:सल्ग---ग्रामीणों के भरोसे शिक्षा विभाग
खुले आसमान के नीचे पढ़ने को विवश हैं बच्चे

एंकर---प्रदेश सरकार बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लाख दावे करें मगर गरियाबंद में शिक्षा विभाग बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने में भी अक्षम साबित हो रहा है, विभाग के अधिकारियों ने बुनियादी सुविधायें उपलब्ध कराने में ग्रामीणों से मदद की गुहार लगायी है।
Body:वीओ 1---जी हां आप सही सुन रहे है, गरियाबंद में शिक्षा विभाग की स्थिति इतनी दयनीय हो गयी है कि विभाग को अब बुनियादी सुविधाओं के लिए भी ग्रामीणों की मदद लेने पर मजबूर होना पडा है, राजीव गॉधी शिक्षा मिशन देवभोग के ब्लॉक स्त्रोत समन्वयक खुद ग्रामीणों की मदद लेने की बात कह रहे है, दरअसल देवभोग विकासखंड के कुरलापारा प्रथामिक शाला के शिक्षक और ग्रामीणों द्वारा जब भवन में बच्चों के बैठने लायक स्थिति नही होने की जानकारी उनको दी तो उन्होंने ग्रामीणों पर ही व्यवस्था करने का बोझ डाल दिया,
बाइट 1---डीएल सोरी, बीआरसीसी, देवभोग...........
वीओ 2---जिस कुरलापारा स्कूल भवन की हम बात कर रहे है ये 20 साल पहले बनाया गया था ओर पिछले दो साल से पुरी तरह जर्जर हो चुका है, छत और दीवारों में जगह जगह दरारे आ चुकी है, ग्रामीण और खुद शिक्षक कई बार उच्चाधिकारियों को इस बात से अवगत भी करा चुके है, मगर आजतक कोई जिम्मेदार वहॉ झांकने तक नही गया, किसी अनहोनी के डर से शिक्षक बच्चों को खुले में ही बिठाकर पढा रहे है, बारिश के दिनों में भी बच्चों को बाहर बैठकर ही पढाई करने पर मजबूर होना पड रहा है।
बाइट 2---विजय शर्मा, शिक्षक............
बाइट 3---सुशील निधि, उपसरपंच..........
Conclusion:फाईनल वीओ---दो साल से जानकारी होने के बाद भी शिक्षा विभाग भवन की व्यवस्था नही करवा पाया, यही नही अब भवन कबतक बन जायेगा अधिकारी ये बताने की स्थिति में भी नही है, ऐसे में कहना गलत नही होगा कि गरियाबंद जिले में शिक्षा विभाग के हालात ठीक नही है।
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