गरियाबंद: जिले की छुरा नगर पंचायत में बुधवार को खाद्य सुरक्षा विभाग की ओर से चलित लैबोरेट्री के माध्यम से विभिन्न दुकानों से सैंपल लेकर जांच की गई. अब तक 10 दुकानों से 40 से अधिक सैंपल लिए जा चुके हैं. वहीं लगभग 6 से अधिक किस्म की चीजें खराब पाए जाने पर नष्ट करवाया गया है.
जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी तरुण बिरला रायपुर से चलित खाद्य प्रयोगशाला लेकर पहुंचे. इस दौरान अधिकारियों ने बताया कि होटलों में मिलने वाले कई खाद्य पदार्थों में कैंसर की बीमारी देने वाला रंग मिलाया पाया गया है, जिसके चलते 5 किलो बालूशाही, 4 किलो जलेबी और 6 किलो मीठा समोसा फेंकवाया गया है.
30 डब्बे करवाए गए नष्ट
मगज लड्डू के नाम से बिकने वाला पीले रंग का लड्डू जो बच्चों के स्वास्थ्य के लिए बेहद हानिकारक था, ऐसे 30 डब्बे नष्ट करवाए गए. बड़े पैमाने पर सड़े हुए आम फेंकवाए गए. वहीं सेब पर लगे स्टीकर को हटाया गया. इसके अलावा कई फलों के भी सैंपल लिए गए.
शक्कर के बजाय सेक्रीनकान किया गया इस्तेमाल
अधिकारियों ने बताया कि मैंगो मूड नाम की एक कोल्ड्रिंक है, जो यहां के बाजार में काफी बेची जा रही थी. वह पीने में मीठी थी, लेकिन जांच में उसमें शक्कर के बजाय सेक्रीनकान इस्तेमाल करना पाया गया, जिसके बाद उसे फेंक दिया गया.
40 से अधिक सैंपल लिए
खाद्य सुरक्षा अधिकारी तरुण बिरला ने बताया कि आगामी दिनों में यह कार्रवाई जिले के बाकी तहसील मुख्यालय और बड़े गांवों में की जाएगी. विभाग की कार्रवाई से छूरा नगर के व्यापारियों में हड़कंप मचा हुआ है. वहीं समझाए जाने के बाद व्यापारियों ने इस कार्रवाई में पूरा सहयोग दिया है.
भड़क उठे खाद्य सुरक्षा अधिकारी
इन सबके बीच एक किराना दुकान में बच्चों की एक ऐसी चॉकलेट बेची जा रही थी, जो दिखने में सिगरेट की तरह थी. मुंह में रखने पर मिठास दे रही थी. इस पर खाद्य सुरक्षा अधिकारी भड़क उठे, उन्होंने किराना दुकान संचालक को फटकार लगाई कि बच्चों को सिगरेट पीने के लिए प्रेरित करने वाली इस तरह की चीजें बेचने से आने वाली पीढ़ी भी खराब होगी.