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गरियाबंद : 10 क्लीनिक और पैथोलॉजी लैब पर छापा, 5 सील

लगातार मिल रही शिकायतों के बाद जिले के 10 क्लीनिक और पैथोलॉजी लैब पर छापा मारा गया. इस दौरान कई खामियां मिलने पर 5 क्लीनिक को सील कर दिया गया है.

क्लीनिक सील.
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Published : Oct 17, 2019, 7:18 AM IST

गरियाबंद: जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शहर के निजी क्लीनिक और पैथोलॉजी लैब पर छापा मारा. इसमें कई बड़ी खामियां मिलने से 5 क्लीनिक सील कर दिए गए. वहीं बड़ी बात ये रही कि कई संचालक कार्रवाई के डर से क्लीनिक में ताला जड़कर फरार हो गए.

क्लीनिक और पैथोलॉजी पर छापा

जांच टीम को सबसे खराब स्थिति एक डेंटल क्लीनिक में देखने को मिली, जहां कला संकाय से पढ़ाई करने वाला एक व्यक्ति डॉक्टर बनकर बैठा था और मरीजों के आने पर दूसरे डॉक्टर से फोन पर पूछकर इलाज किया करता था.

गरियाबंद शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में पिछले कई अर्से से अवैध निजी क्लीनिक और पैथोलॉजी लैब का संचालन हो रहा है, जिनमें कई बार भोलेभाले मरीजों को अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ी है. प्रशासन स्तर पर कई बार ऐसे क्लीनिक के खिलाफ कार्रवाई की गई. ये क्लीनिक कुछ दिनों के लिए बंद तो हो जाते हैं, लेकिन फिर से चालू हो जाते हैं. कुछ क्लीनिक में तो ऐसे डॉक्टर हैं, जो मरीजों के आने के बाद दूसरे डॉक्टरों से फोन कर सलाह लेते हैं.

10 निजी क्लिनिक और पैथोलॉजी लैब में राजस्व विभाग के SDM, स्वास्थ्य विभाग के BMO, तहसीलदार और नायब तहसीलदार ने छापा मारा. सील किए क्लीनिक के संचालकों को अधिकारियों ने हिदायत दी है. इस कार्रवाई के चलते कई निजी क्लीनिक के संचालक जो डॉक्टर बनकर बैठे थे, वे कार्रवाई की जानकारी मिलते ही क्लीनिक बंद कर फरार हो गए.

गरियाबंद: जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शहर के निजी क्लीनिक और पैथोलॉजी लैब पर छापा मारा. इसमें कई बड़ी खामियां मिलने से 5 क्लीनिक सील कर दिए गए. वहीं बड़ी बात ये रही कि कई संचालक कार्रवाई के डर से क्लीनिक में ताला जड़कर फरार हो गए.

क्लीनिक और पैथोलॉजी पर छापा

जांच टीम को सबसे खराब स्थिति एक डेंटल क्लीनिक में देखने को मिली, जहां कला संकाय से पढ़ाई करने वाला एक व्यक्ति डॉक्टर बनकर बैठा था और मरीजों के आने पर दूसरे डॉक्टर से फोन पर पूछकर इलाज किया करता था.

गरियाबंद शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में पिछले कई अर्से से अवैध निजी क्लीनिक और पैथोलॉजी लैब का संचालन हो रहा है, जिनमें कई बार भोलेभाले मरीजों को अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ी है. प्रशासन स्तर पर कई बार ऐसे क्लीनिक के खिलाफ कार्रवाई की गई. ये क्लीनिक कुछ दिनों के लिए बंद तो हो जाते हैं, लेकिन फिर से चालू हो जाते हैं. कुछ क्लीनिक में तो ऐसे डॉक्टर हैं, जो मरीजों के आने के बाद दूसरे डॉक्टरों से फोन कर सलाह लेते हैं.

10 निजी क्लिनिक और पैथोलॉजी लैब में राजस्व विभाग के SDM, स्वास्थ्य विभाग के BMO, तहसीलदार और नायब तहसीलदार ने छापा मारा. सील किए क्लीनिक के संचालकों को अधिकारियों ने हिदायत दी है. इस कार्रवाई के चलते कई निजी क्लीनिक के संचालक जो डॉक्टर बनकर बैठे थे, वे कार्रवाई की जानकारी मिलते ही क्लीनिक बंद कर फरार हो गए.

Intro:10 क्लिनिक और पैथोलॉजी पर छापा 5 हुए सील मिली कई खामिया

बीए पढ़ा एक युवक फोन पर दवाई पूछ कर डॉक्टरी करते मिला

गरियाबंद-- गरियाबंद में जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने निजी क्लीनिक और पैथोलॉजी लैब पर छापा मारा जिसमें कई बड़ी खामियां मिली
जिसके बाद 5 क्लीनिक सील कर दिए गए वही बड़ी बात यह रही कि कई संचालक कार्यवाही के डर से ताला जड़कर फरार हो गए। इन सबके बीच जांच टीम को सबसे खराब स्थिति एक डेंटल क्लीनिक में देखने को मिली जहां कला संकाय से पढ़ाई करने वाला एक व्यक्ति डॉक्टर बनकर बैठा था और मरीजों के आने पर दूसरे डॉक्टर से फोन पर पूछ कर इलाज किया करता था

Body:गरियाबंद शहर के साथ ग्रामीण क्षेत्र में पिछले कई अर्से से अवैध निजी क्लिनिक और पॉथोलॉजी लेब का संचालन हो रहा है जिसमे कई बार भोलेभाले मरीजो को अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ी है वही प्रशासन स्तर पर कई बार ऐसे अवैध संचालित संस्थानों के खिलाफ कार्यवाही भी किया गया है जिसके पश्चायत ये क्लिनिक कुछ दिनों के लिए बन्द तो हो जाते है लेकिन फिर पहले से ज्यादा क्लिनिक प्रारम्भ हो जाते है जिनमे कुछ एक क्लिनिक तो ऐसे है जो बी ए की की पढ़ाई कर डॉक्टर की तरह काम कर लेते हैं तो कई डॉक्टर ऐसे है जो मरीजो के आने के बाद बाहर के डॉक्टर से फोन कर सलाह लेते है और मरीजो को दवा देकर मोटी रकम वसूल कर रहे है ऐसे संचालित निजी क्लिनिक और पैथोलॉजी लेब की जांच आज राजस्व विभाग और स्वास्थ्य विभाग पूरा दिन करते हुए कई क्लिनिक को सीलबंद किये है
ज्ञात हो कि मरीजो की सुविधा के लिए प्रशासन कुछ निश्चित मापदंड रखते हुए नियम कानून बनाया और क्लिनिक खोलने की अनुमति दी है ताकि अपने तबियत खराब होने से मरीज परेशान न हो और आसानी से डॉक्टर मिल जाये वही डॉक्टरों को भी निश्चित मापदंड देते हुए उपचार करने की अनुमति भी दिए है ताकि वे अपने इलाज का पूरा अनुभव ले और मरीजों को ठीक कर सके लेकिन शासन प्रशासन द्वारा निर्धारित किये गए मापदंड और जरूरी अनुमति के बिना संचालित हो रहे 10 निजी क्लिनिक और पैथोलॉजी लेब में आज राजस्व विभाग के एस डी एम , स्वाथ्य विभाग के बी एम ओ तहसीलदार और नायब तहसीलदार द्वारा छापामारा गया जहाँ संचालन हो रहे इन संस्थानों में कई खामियां पाई गई जिन्हें मौके पर ही सीलबंद कर दिया गया और उनके संचालको को अधिकारियों के द्वारा हिदायत दिया गया कि वे इस संस्थानों के लिए बनाए गए नियम जिनमे संचालक की डिग्री के साथ पंजीयन प्रमाणपत्र और परिचय पत्र ,स्थापना प्रभारी की डिग्री के साथ पंजीयन प्रमाणपत्र और परिचयपत्र ,नियुक्ति एवं आदेश की छायाप्रति ,नगरनिकाय का एन ओ सी ,स्थापना की ब्लू प्रिंट किरायानामा ,स्टॉप की सूची के साथ अग्निशमन यंत्र का प्रमाणपत्र विभाग विभाग में जमा करे उसके पश्चायत ही ये संस्थान खोल पाएंगे ।देखा गया कि सीलबंद किये कुछ निजी क्लिनिक अपने उपचार केंद्र का नामकरण भी नही किये है वही सीलबंद किये एक डेंटल क्लिनिक के संचालक स्वयं बी ए का डिग्री लेकर डॉक्टर बन बैठा है और मरीज के आने पर एक अन्य डॉक्टर से फोन पर सलाह मशवरा लेते हुए मरीज का इलाज करता है तो वही एक हॉस्पिटल का संचालक बी एस सी की डिग्री लेकर अपना हॉस्पिटल चला रहा है तो नगर के हृदय स्थल में संचालित एक हॉस्पिटल का रजिस्ट्रेशन ऑनलाइन नही हुआ है ।आज के इस कार्यवाही के चलते कई निजी क्लिनिक के संचालक जो डॉक्टर बने बैठे थे वे कार्यवाही की जानकारी मिलते ही क्लिनिक बन्द कर फरार हो गए ।आज हुए इस कार्यवाही को एस डी एम जे आर चौरसिया ,तहसीलदार राकेश साहू ,कुसुम प्रधान और बी एम ओ बी बारा के साथ पुलिस स्टॉप सुबह से शाम तक करते रहे ।Conclusion:वाक थ्रू -- फरहाज मेमन गरियाबंद

बाइट-- कुसुम प्रधान जांच अधिकारी
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