गरियाबंद: जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग की टीम ने शहर के निजी क्लीनिक और पैथोलॉजी लैब पर छापा मारा. इसमें कई बड़ी खामियां मिलने से 5 क्लीनिक सील कर दिए गए. वहीं बड़ी बात ये रही कि कई संचालक कार्रवाई के डर से क्लीनिक में ताला जड़कर फरार हो गए.
जांच टीम को सबसे खराब स्थिति एक डेंटल क्लीनिक में देखने को मिली, जहां कला संकाय से पढ़ाई करने वाला एक व्यक्ति डॉक्टर बनकर बैठा था और मरीजों के आने पर दूसरे डॉक्टर से फोन पर पूछकर इलाज किया करता था.
गरियाबंद शहर के साथ ही ग्रामीण क्षेत्र में पिछले कई अर्से से अवैध निजी क्लीनिक और पैथोलॉजी लैब का संचालन हो रहा है, जिनमें कई बार भोलेभाले मरीजों को अपनी जान जोखिम में डालनी पड़ी है. प्रशासन स्तर पर कई बार ऐसे क्लीनिक के खिलाफ कार्रवाई की गई. ये क्लीनिक कुछ दिनों के लिए बंद तो हो जाते हैं, लेकिन फिर से चालू हो जाते हैं. कुछ क्लीनिक में तो ऐसे डॉक्टर हैं, जो मरीजों के आने के बाद दूसरे डॉक्टरों से फोन कर सलाह लेते हैं.
10 निजी क्लिनिक और पैथोलॉजी लैब में राजस्व विभाग के SDM, स्वास्थ्य विभाग के BMO, तहसीलदार और नायब तहसीलदार ने छापा मारा. सील किए क्लीनिक के संचालकों को अधिकारियों ने हिदायत दी है. इस कार्रवाई के चलते कई निजी क्लीनिक के संचालक जो डॉक्टर बनकर बैठे थे, वे कार्रवाई की जानकारी मिलते ही क्लीनिक बंद कर फरार हो गए.