गरियाबंद: आगामी 2020 में होने वाली त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की तैयारियां गरियाबंद जिला प्रशासन ने शुरू कर दी है. इसके लिए जहां पंच, सरपंच और जनपद सदस्य के लिए आरक्षण की तारीखें तय कर दी गई है तो वहीं चुनाव मत पत्रों से होने की वजह से मत पेटियों की मरम्मत भी प्रशासन ने शुरू कर दी है.
दरअसल जिले के 336 ग्राम पंचायतों के 3000 से ज्यादा पंच और जनपद सदस्य, जिला पंचायत सदस्य के लिए आगामी जनवरी महीने में चुनाव होना है. मतदान की तारीखें भले ही अभी तक तय नहीं हुई हों, लेकिन प्रशासन ने चुनाव की तैयारियों को लेकर काम शुरू कर दिया है. जहां एक और 18 नवंबर से पंच, सरपंच, जनपद सदस्य, जनपद अध्यक्ष, जिला पंचायत सदस्य और जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए आरक्षण तय किया जाएगा.
चुनाव की तैयारियां शुरू
इसके लिए प्रशासन ने अलग-अलग तारीखों का ऐलान कर दिया है. वहीं कई तरह की जरूरी तैयारियां चुनाव के लिए अभी से शुरू कर दी गई है. चुनाव को पूरा कराने के लिए मतदान सामग्रियों की भी तैयारी की जा रही है. वहीं मतपत्रों से चुनाव होने की वजह से मत पेटियों का बड़ा महत्व होता है और गरियाबंद जिले में 11हजार 1सौ मत पेटियां पहले से मौजूद हैं, लेकिन इन मत पेटियों पर जंग लग चुका था.
पेटियों की मरम्मत की जिम्मेदारी ITI के छात्रों को मिली
मत पेटियों के ढक्कन जाम हो चुके थे. वहीं कई मत पेटियों में चाबी लगाने पर भी वो नहीं खुल रही थीं, ऐसे में निर्वाचन कार्य देख रहे अधिकारियों ने इसके लिए ITI के छात्रों से मदद ली और पत्र भेजकर इन पेटियों की मरम्मत और रंग रोगन की जिम्मेदारी ITI के छात्रों को सौंपी.
जिम्मेदारी मिलने से ITI के छात्र है खुश
वहीं बीते 2 दिनों से जहां मत पेटियों की मरम्मत जारी थी. वहीं तीसरे दिन मत पेटियों का रंग रोगन शुरू किया गया है. चुनाव कार्य में जिम्मेदारी मिलने से ITI के छात्र भी खासे खुश नजर आ रहे हैं.
ITI के छात्रों का यह है कहना
छात्रों का कहना है कि प्रशासन ने पहली बार उन्हें जिम्मेदारी दी है इसे वे अच्छी तरह निभाएंगे. वहीं ITI के प्रशिक्षक ने बताया कि इसके लिए सामान्य प्रशासन विभाग के निर्वाचन शाखा से पत्र जारी कर यह जिम्मेदारी सौंपी गई है.
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कयासों का दौर जारी
आगामी चुनाव को देखते हुए अब धीरे-धीरे माहौल बनने लगा है. गावों में भी कौन-कौन प्रत्याशी हो सकते हैं इसे लेकर चर्चा शुरू हो गई है. पहले जहां सरपंच को लेकर रोचक मुकाबले की उम्मीद जताई जाती थी. वहीं अब पंचों में से सरपंच चुने जाने को लेकर अब चर्चा में कौन-कौन दमदार पंच के लिए उम्मीदवारी कर सकता है इसे लेकर चर्चाओं का बाजार धीरे-धीरे गर्म हो रहा है. हालांकि प्रमुख रूप से आरक्षण के बाद ही राजनीतिक सरगर्मियां तेज होंगी. फिलहाल अभी कयासों का दौर जारी है.