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गरियाबंद: नक्सलियों की उंगली काटने की धमकी का दिखा असर

नक्सलियों के उंगली काटने की धमकी का असर दिखाई दिया.

मतदान दल
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Published : Apr 19, 2019, 5:58 PM IST

गरियाबंद: लोकसभा चुनाव के मतदान को लेकर नक्सलियों की धमकी की वजह से गांव के पोलिंग बूथ पर असर देखने को मिला. दरअसल, नक्सलियों ने गांव में रहने वाले लोगों को धमकी दी थी कि जो भी मतदान करेगा, उसकी उंगली काट दी जाएगी.

मतदान दल

मतदान दल ने दी समझाइश
हालांकि ग्रामीणों ने पानी की समस्या का मामला उठाकर मतदान के बहिष्कार का ऐलान किया. महज 2.47 फीसदी ही मतदान हुआ. ग्रामीणों के ऐलान के बाद मतदान दल गांव में पहुंचा और उन्होंने ग्रामीणों को समझाइश दी, जिसके बाद गांव वाले वोट देने के लिए राजी हुए.

नक्सलियों ने दी थी धमकी
नक्सलियों को जैसे ही इस बात की भनक लगी कि ग्रामीण मतदान दल के मनाने पर वोटिंग के लिए राजी हो गए हैं, उन्होंने रात में एक बार फिर धमकी दी कि मतदान करने वाले की उंगली काट दी जाएगी.

ओडिशा की सीमा से लगा है गांव
नक्सलियों की धमकी का असर ये हुआ कि मतदान में कमी आई. वहीं एसपी ने नक्सली दहशत की बात मानी है. इलाका ओडिशा की सीमा से लगे होने की वजह से नक्सली कभी भी गांव में पहुंचकर ग्रामीणों को भड़काने का प्रयास करते हैं. गरियाबंद जिले के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र आमामोरा, ओड से मतदान दल हेलीकॉप्टर के जरिए वापस लौटा. वहां भी कम मतदान हुआ.

गरियाबंद: लोकसभा चुनाव के मतदान को लेकर नक्सलियों की धमकी की वजह से गांव के पोलिंग बूथ पर असर देखने को मिला. दरअसल, नक्सलियों ने गांव में रहने वाले लोगों को धमकी दी थी कि जो भी मतदान करेगा, उसकी उंगली काट दी जाएगी.

मतदान दल

मतदान दल ने दी समझाइश
हालांकि ग्रामीणों ने पानी की समस्या का मामला उठाकर मतदान के बहिष्कार का ऐलान किया. महज 2.47 फीसदी ही मतदान हुआ. ग्रामीणों के ऐलान के बाद मतदान दल गांव में पहुंचा और उन्होंने ग्रामीणों को समझाइश दी, जिसके बाद गांव वाले वोट देने के लिए राजी हुए.

नक्सलियों ने दी थी धमकी
नक्सलियों को जैसे ही इस बात की भनक लगी कि ग्रामीण मतदान दल के मनाने पर वोटिंग के लिए राजी हो गए हैं, उन्होंने रात में एक बार फिर धमकी दी कि मतदान करने वाले की उंगली काट दी जाएगी.

ओडिशा की सीमा से लगा है गांव
नक्सलियों की धमकी का असर ये हुआ कि मतदान में कमी आई. वहीं एसपी ने नक्सली दहशत की बात मानी है. इलाका ओडिशा की सीमा से लगे होने की वजह से नक्सली कभी भी गांव में पहुंचकर ग्रामीणों को भड़काने का प्रयास करते हैं. गरियाबंद जिले के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र आमामोरा, ओड से मतदान दल हेलीकॉप्टर के जरिए वापस लौटा. वहां भी कम मतदान हुआ.

Intro:गरियाबंदः--बस्तर के बाद अब गरियाबंद में नक्सलियों के उंगली काटने की धमकी का असर दिखाई दिया है नक्सलियों के बहकावे में पहले तो ग्रामीणों ने पानी ठीक से उपलब्ध नहीं होने की बात कहते हुए चुनाव बहिष्कार कर दिया मतदान दल जब पहुंचा तो उन्होंने ग्रामीणों को बुलवाकर समझाइश दी तो ग्रामीण मान गए मगर फिर रात को नक्सलियों की धमकी आई उन्होंने मतदान करने वालों की उंगलियां काट देने की धमकी दी जिसके बाद 629 में से महज 17 लोगों ने मतदान किया मतदान केवल 2.45 प्रतिशत रहा एसपी ने नक्सली दहशत की बात मानी है यह इलाका उड़ीसा सीमा से लगे होने के चलते अचानक कभी भी नक्सली पहुंचकर ग्रामीणों को भड़काने का प्रयास करते हैं वहीं आमा मोरा से ही एक बड़ी खबर यह भी है कि चुनाव ड्यूटी में लगा एक जवान बुरी तरह बीमार पड़ गया डिहाइड्रेशन कुछ अधिक हो गया उसे लेने भी एक अन्य हेलीकॉप्टर भेजा गया जवान को हेलीकॉप्टर से सीधा रायपुर ले जाया गया




Body:गरियाबंद जिले के घोर नक्सल प्रभावित क्षेत्र आमामोरा ,ओड से मतदान दल आज हेलीकॉप्टर से लौटा आमामोरा में मात्र 2% मतदान हुआ दल के माइक्रो आब्जर्वर ने बतलाया नक्सली धमकियों के चलते हुआ मतदान का बहिष्कार यहां से आज 14 सदस्यी दल मतदान शांतिपूर्ण कराकर लौटा हैं
उन्होंने बताया कि नक्सलियों के बहकावे में आकर पहले ग्रामीणों ने 16 बिंदुओं पर एक मांग पत्र सौंपते हुए मतदान बहिष्कार करने की जानकारी 1 दिन पहले दी इतना मिलो को समझाइश देने पर वह मान गए वोटिंग करने को तैयार हो गए लेकिन फिर नक्सलियों ने वोटिंग से एक रात पहले उन्हें धमकियां दी और मतदान करने वालों की उंगलियां काटने तक की बात कही जिसके बाद दहशत के चलते 629 में से केवल 17 लोगों ने मतदान किया महज 2 दशमलव 45 प्रतिशत मतदान हुआ
यहां हम आपको बता दें कि हेलीकॉप्टर से यह मतदान दल कल शाम को लौटने वाला था मगर मौसम के खराबी के चलते हेलीकॉप्टर लैंड नहीं कर पाया और वापस लौटना पड़ा जिसके बाद से मतदान दल के परिजन बेसब्री से इंतजार कर रहे थे वहीं
जिला निर्वाचन की पूरी टीम भी इस मतदान दल का इंतजार कर रही थी इनके लौटते ही मसिनो को स्ट्रांग रूम मे ले जाया गया
वहीं और में एक और हेलीकॉप्टर भी इसी के साथ पहुंचा जिस में बीमार हुए एक जवान को रायपुर ले जाया गया।

पीठासीन उगेश कुमार मंडावी ने सीआरपीएफ व पुलिस के जवानों का आभार मानते उन्हे धन्यवाद दिया जिनकी वजह से उन्हे वहां सुरक्षा भी मिली और डर भी खत्म हुआ। मंडावी ने अपना अनुभव बताते हुये कहा की फोर्स के जवानों ने उन्हे एक दिन में सिखाया की जंगलों और पहाडों में तेज कैसे चला जाता है विदित हो की ओड से कई किलो मीटर दूर मतदान केन्द्र 78 आमामौरा के लिए पैदल जाना पडता है।
महासमुंद लोक सभा क्षेत्र के बिन्द्रानवागढ विधानसभा अंतर्गत 6 मतदान केन्द्र आमामौरा, ओढ, कामरभौदी, बडे गोबरा, साहबीन कछार, तथा कोदोमाली अति संवेदनशील मतदान केन्द्र है, 7 और सीआरपीएफ की तगडी सुरक्षा व्यवस्था से जिले में लोकसभा का चुनाव सफलता पूूर्वक संपन्न हो चुका है।Conclusion:बाइट---उगेश कुमार मंडावी पीठासीन अधिकारी आमा मोरा

बाइट माइक्रो ऑब्जर्वर आमामोरा

बाइट एमआर आहिरे एसपी गरियाबंद
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