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ऑनलाइन गड़बड़ी: ETV भारत की खबर पर अधिकारियों की मुहर, कहा हुई है गड़बड़ी - ईटीवी भारत

जिलें में 13 दिसंबर को हुई घटना में अधिकारियों ने मामले की जांच शुरू कर दी है. इसमें अधिकारियों ने पूरे प्रदेश में गड़बड़ी होने का दावा किया है.

Officers started investigation on online disturbance case happened in Gariaband
गरियाबंद ऑनलाइन गड़बड़ी
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Published : Dec 17, 2019, 12:28 PM IST

Updated : Dec 17, 2019, 3:59 PM IST

गरियाबंद: जिले में 13 दिसंबर को हुई ऑनलाइन बैंकिग गड़बड़ी की जांच शुरू हो गई है. जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं. उस समय तक बैंक के स्थानीय अधिकारियों को भी इस गड़बड़ी की जानकारी नहीं थी. यहां तक कि स्थानीय अधिकारी इस तरह की गड़बड़ी की बात मानने को तैयार ही नहीं थे. हालांकि अब बैंक अधिकारियों ने ETV भारत की खबर पर मुहर लगा दी है.

गरियाबंद ऑनलाइन गड़बड़ी

अधिकारियों ने बताया कि 13 दिसंबर को हुई गड़बड़ी में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के खातों से बड़े पैमाने पर राशि का आहरण किया गया है. केवल गरियाबंद जिले से ही 70 लाख की रकम निकाली गई है. जिले में सबसे ज्यादा राशि देवभोग और अमलीपदर ग्रामीण बैंक से निकालने की बात सामने आई है.

28-28 लाख रुपए की निकासी
गड़बड़ी का फायदा उठाकर बैंक मित्रों ने दोनों ब्लॉक में 28-28 लाख रुपए निकाल लिए. अधिकारियों के मुताबिक देवभोग बैंक के 206 खातों से 65 बैंक मित्रों ने 28 लाख रुपए निकाले. वहीं अमलीपदर शाखा के 217 खातों में से 43 बैंक मित्रों ने साढ़े 28 लाख की निकासी की. इसके अलावा जिले के राजिम, छुरा, फिंगेश्वर और गरियाबंद शाखा से भी कुल 14 लाख की रकम निकाली गई है.

पूरे प्रदेश में गड़बड़ी का दावा
अधिकारियों ने प्रदेशभर के ग्रामीण बैंकों में गड़बड़ी होने का दावा किया है. सोमवार को इन बैंकों में दिनभर काम ठप रहा. अधिकारी रकम वसूली के लिए बैंक मित्रों के चक्कर काटते रहे. कुछ बैंक मित्रों ने राशि जमा करना भी शुरू कर दिया है.

13 दिसंबर को हुई थी गड़बड़ी
बता दें कि 13 दिसबंर को छत्तीसगढ ग्रामीण बैंको के ऑनलाइन बैंकिंग में गड़बड़ी आ जाने के कारण खाताधारकों के रकम निकालने के बाद खाते से रकम नहीं कट रही थी. बैंक मित्रों के माध्यम से खाताधारकों ने इसका जमकर फायदा उठाया. खाताधारकों ने शाम 6 बजे से रात 11 बजे तक बड़े पैमाने पर रकम निकाली. ये सारी रकम ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले एक निजी बैंक के बैंक मित्रों ने 'पे नियर बाय एप' के जरिए निकाली गई. उच्चाधिकारियों को जैसे ही इसकी भनक लगी तो उन्होंने बैंक मित्रों की आईडी ब्लॉक कर दी.

ETV भारत की खबर पर मुहर
ETV भारत ने सबसे पहले ये खबर आप तक तक पहुंचाई थी. उसके बाद ग्रामीण बैंक के स्थानीय अधिकारियों को इसकी खबर लगी, जिस पर उन्होंने जांच शुरू की. अब अधिकारियों ने स्वीकार कर लिया कि बैंक सिस्टम में टैक्निकल फॉल्ट के कारण ये निकासी हुई है. अधिकारी इस मामले में जरूरत पड़ने पर पैसे निकालने वाले बैंक मित्रों के खिलाफ FIR भी दर्ज करने की बात कह रहे हैं.

गरियाबंद: जिले में 13 दिसंबर को हुई ऑनलाइन बैंकिग गड़बड़ी की जांच शुरू हो गई है. जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आ रहे हैं. उस समय तक बैंक के स्थानीय अधिकारियों को भी इस गड़बड़ी की जानकारी नहीं थी. यहां तक कि स्थानीय अधिकारी इस तरह की गड़बड़ी की बात मानने को तैयार ही नहीं थे. हालांकि अब बैंक अधिकारियों ने ETV भारत की खबर पर मुहर लगा दी है.

गरियाबंद ऑनलाइन गड़बड़ी

अधिकारियों ने बताया कि 13 दिसंबर को हुई गड़बड़ी में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक के खातों से बड़े पैमाने पर राशि का आहरण किया गया है. केवल गरियाबंद जिले से ही 70 लाख की रकम निकाली गई है. जिले में सबसे ज्यादा राशि देवभोग और अमलीपदर ग्रामीण बैंक से निकालने की बात सामने आई है.

28-28 लाख रुपए की निकासी
गड़बड़ी का फायदा उठाकर बैंक मित्रों ने दोनों ब्लॉक में 28-28 लाख रुपए निकाल लिए. अधिकारियों के मुताबिक देवभोग बैंक के 206 खातों से 65 बैंक मित्रों ने 28 लाख रुपए निकाले. वहीं अमलीपदर शाखा के 217 खातों में से 43 बैंक मित्रों ने साढ़े 28 लाख की निकासी की. इसके अलावा जिले के राजिम, छुरा, फिंगेश्वर और गरियाबंद शाखा से भी कुल 14 लाख की रकम निकाली गई है.

पूरे प्रदेश में गड़बड़ी का दावा
अधिकारियों ने प्रदेशभर के ग्रामीण बैंकों में गड़बड़ी होने का दावा किया है. सोमवार को इन बैंकों में दिनभर काम ठप रहा. अधिकारी रकम वसूली के लिए बैंक मित्रों के चक्कर काटते रहे. कुछ बैंक मित्रों ने राशि जमा करना भी शुरू कर दिया है.

13 दिसंबर को हुई थी गड़बड़ी
बता दें कि 13 दिसबंर को छत्तीसगढ ग्रामीण बैंको के ऑनलाइन बैंकिंग में गड़बड़ी आ जाने के कारण खाताधारकों के रकम निकालने के बाद खाते से रकम नहीं कट रही थी. बैंक मित्रों के माध्यम से खाताधारकों ने इसका जमकर फायदा उठाया. खाताधारकों ने शाम 6 बजे से रात 11 बजे तक बड़े पैमाने पर रकम निकाली. ये सारी रकम ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले एक निजी बैंक के बैंक मित्रों ने 'पे नियर बाय एप' के जरिए निकाली गई. उच्चाधिकारियों को जैसे ही इसकी भनक लगी तो उन्होंने बैंक मित्रों की आईडी ब्लॉक कर दी.

ETV भारत की खबर पर मुहर
ETV भारत ने सबसे पहले ये खबर आप तक तक पहुंचाई थी. उसके बाद ग्रामीण बैंक के स्थानीय अधिकारियों को इसकी खबर लगी, जिस पर उन्होंने जांच शुरू की. अब अधिकारियों ने स्वीकार कर लिया कि बैंक सिस्टम में टैक्निकल फॉल्ट के कारण ये निकासी हुई है. अधिकारी इस मामले में जरूरत पड़ने पर पैसे निकालने वाले बैंक मित्रों के खिलाफ FIR भी दर्ज करने की बात कह रहे हैं.

Intro:स्लग---खबर पर मोहर

एंकर--गरियाबंद में 13 दिसंबर को हुयी ऑनलाइन बैंकिग गडबडी की जॉच शुरु हो गयी है, जॉच में कई चौकाने वाले तथ्य सामने आ रहे है, ईटीवी भारत ने सबसे पहले ये खबर अपने दर्शको को दिखायी थी, उस समय तक बैंक के स्थानीय अधिकारियों को भी इस गडबडी की जानकारी नही थी, यहां तक कि स्थानीय अधिकारी इस तरह की गडबडी की बात मानने को तैयार ही नही थे, हालांकि अब बैंक अधिकारियों ने हमारी खबर पर मोहर लगा दी है,




Body:अधिकारियों ने बताया कि 13 दिसंबर को हुयी गडबडी में छत्तीसगढ राज्य ग्रामीण बैंक के खातों से बडे पैमाने पर राशि का आहरण किया गया गया है, केवल गरियाबंद जिले से ही 70 लाख की रकम निकाली गयी है, जिले में सबसे ज्यादा राशि देवभोग और अमलीपदर ग्रामीण बैंक से निकालने की बात सामने आयी है, दोनों ब्लॉक में 28-28 लाख रुपए बैंक मित्रों ने गड़बड़ी का फायदा उठाकर निकाल लिया अधिकारियों के मुताबिक देवभोग बैंक के 206 खातों से 65 बैंक मित्रो द्वारा 28 लाख रुपये निकाले गये वही अमलीपदर शाखा के 217 खातों से 43 बैंक मित्रो द्वारा साढे 28 लाख की निकासी की गयी है, इसके अलावा जिले की राजिम, छुरा, फिंगेश्वर और गरियाबंद शाखा से भी कुल 14 लाख की रकम इस दौरान निकाली गयी है, अधिकारियों ने पुरे प्रदेशभर के ग्रामीण बैंको में गडबडी होने का दावा किया है, सोमवार को इन बैंक में दिनभर काम ठप रहा है और अधिकारी रकम वसूली के लिए बैंक मित्रो के चक्कर काटते रहे, कुछ बैंक मित्रो ने राशि जमा करना भी शुरु कर दिया है, आपको एक बार फिर बता दे 13 दिसबंर को छत्तीसगढ ग्रामीण बैंको के ऑनलाइन बैंकिंग में गडबडी आ जाने के कारण खाताधारक द्वारा रकम निकालने के बाद खाते से रकम नही कट रही थी, बैंक मित्रों के माध्यम से खाताधारकों ने इसका जमकर फायदा उठाया, खाताधारकों ने शाम 6 बजे से रात 11 बजे तक बडे पैमाने पर रकम की निकासी की, ये सारी रकम ग्रामीण क्षेत्रों में काम करने वाले एक निजी बैंक के बैंक मित्रो द्वारा पे नियर बॉय ऐप के जरिए निकाली गयी, उच्चाधिकारियों को जैसे ही इसकी भनक लगी तो उन्होंने बैंक मित्रो के आईडी ब्लॉक कर दिये, हालांकि तबतक बहुत देर हो चुकी थी और एक बडी रकम बैंको से ट्राजंक्शन हो चुकी थी, Conclusion:
ईटीवी भारत ने उस समय सबसे पहले ये खबर दर्शकों तक पहुंचाई थी उसके बाद ग्रामीण बैंक के स्थानीय अधिकारियों को इसकी खबर लगी, उसके बाद उन्होंने जॉच शुरु की और अब अधिकारियों ने स्वीकार कर लिया कि बैंक सिस्टम में टैक्निकल फॉल्ट के कारण ये निकासी हुयी है। अधिकारी इस मामले में जरूरत पड़ने पर अर्थात पैसे वापस जमा नहीं करने पर पैसे निकालने वाले बैंक मित्रों के खिलाफ एफआइआर भी दर्ज करने की बात कह रहे हैं
बाइट 1--- गवेश चंद्राकर, बॉच मैनेजर, देवभोग ग्रामीण बैंक.........
बाइट 2---रुपसिंह मांझी, ब्रॉच मैनेजर, अमलीपदर ग्रामीण बैंक.............
Last Updated : Dec 17, 2019, 3:59 PM IST
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