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लॉकडाउन के बीच कलेक्टर को आखिर क्यों देनी पड़ी 1600 किलोमीटर की यात्रा की अनुमति

गरियाबंद के फिंगेस्वर में रह कर ट्रैक्टर से खेत को समतल बनाने का काम करने वाले राजस्थान के जोधपुर के निवासी की हार्ट अटैक से मौत हो गई. जिसके बाद अपर कलेक्टर ने शव को गृहग्राम ले जाने की अनुमति दी.

officers gave permission to carrz dead body in jodhpur from gariyaband
शव को ले जाते परिजन
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Published : Apr 18, 2020, 12:18 AM IST

गरियाबंद: जहां एक ओर कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश लॉकडाउन है, वहीं गरियाबंद के फिंगेस्वर में रह कर ट्रैक्टर से खेत में सुधार कार्य करने वाले राजस्थान के जोधपुर के निवासी की हार्ट अटैक से मौत हो गई. यहां मौजूद सहयोगी पहले तो इस बात को लेकर काफी परेशान हो गए कि, लॉकडाउन में जहां घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है. ऐसी सूरत में युवक के शव को कैसे 1600 किलोमीटर दूर जोधपुर लेकर जाने की अनुमति ली जाए. फिर उन्होंने इसकी सूचना राजस्थान में रहने वाले मृतक के परिजन को दी.

इसी दौरान मामले की जानकारी अमलीपदर में रहने वाले कांग्रेस के युवा नेता रविन्द्र राजपुरोहित को लगी. रविंद्र के रिश्तेदार जोधपुर जिले में रहते हैं. सूचना मिलते ही रविन्द्र ने कांग्रेस नेता सुशील सन्नी अग्रवाल के साथ मिलकर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू से मदद मांगी. राजस्थान के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी से भी रविंद्र ने बात की.

मामले की गंभीरता पर किया गया शव को रवाना

गरियाबंद कलेक्टर श्याम धावड़े ने मामले की गंभीरता को देखते हुए युवक के पार्थिव शरीर को राजस्थान ले जाने की अनुमति दे दी. जिसके बाद शुक्रवार की दोपहर को एम्बुलेंस के जरिए पार्थिव शरीर को लेकर उसके सहयोगी 1600 किलोमीटर दूर जोधपुर में मौजद मृतक के गृहग्राम जोधपुर के लिए रवाना हुए. इस दौरान प्रशासन की ओर से विशेष शव वाहन की व्यवस्था की गई, जिससे शव सुरक्षित रूप से राजस्थान पहुंच सके.

छत्तीसगढ़ शासन ने दी अनुमति

इस संबंध में राजिम के एसडीएम जीडी वाहिले ने बताया कि 'कलेक्टर श्याम धावड़े ने मामले के लिए अपर कलेक्टर केके बेहार को अधिकृत किया और छत्तीसगढ़ शासन के गृह विभाग की अनुमति से अपर कलेक्टर ने इस लंबी यात्रा की और शव ले जाने के की अनुमति मृतक के सहयोगियों को दी.

गरियाबंद: जहां एक ओर कोरोना वायरस की वजह से पूरे देश लॉकडाउन है, वहीं गरियाबंद के फिंगेस्वर में रह कर ट्रैक्टर से खेत में सुधार कार्य करने वाले राजस्थान के जोधपुर के निवासी की हार्ट अटैक से मौत हो गई. यहां मौजूद सहयोगी पहले तो इस बात को लेकर काफी परेशान हो गए कि, लॉकडाउन में जहां घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं है. ऐसी सूरत में युवक के शव को कैसे 1600 किलोमीटर दूर जोधपुर लेकर जाने की अनुमति ली जाए. फिर उन्होंने इसकी सूचना राजस्थान में रहने वाले मृतक के परिजन को दी.

इसी दौरान मामले की जानकारी अमलीपदर में रहने वाले कांग्रेस के युवा नेता रविन्द्र राजपुरोहित को लगी. रविंद्र के रिश्तेदार जोधपुर जिले में रहते हैं. सूचना मिलते ही रविन्द्र ने कांग्रेस नेता सुशील सन्नी अग्रवाल के साथ मिलकर गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू से मदद मांगी. राजस्थान के राजस्व मंत्री हरीश चौधरी से भी रविंद्र ने बात की.

मामले की गंभीरता पर किया गया शव को रवाना

गरियाबंद कलेक्टर श्याम धावड़े ने मामले की गंभीरता को देखते हुए युवक के पार्थिव शरीर को राजस्थान ले जाने की अनुमति दे दी. जिसके बाद शुक्रवार की दोपहर को एम्बुलेंस के जरिए पार्थिव शरीर को लेकर उसके सहयोगी 1600 किलोमीटर दूर जोधपुर में मौजद मृतक के गृहग्राम जोधपुर के लिए रवाना हुए. इस दौरान प्रशासन की ओर से विशेष शव वाहन की व्यवस्था की गई, जिससे शव सुरक्षित रूप से राजस्थान पहुंच सके.

छत्तीसगढ़ शासन ने दी अनुमति

इस संबंध में राजिम के एसडीएम जीडी वाहिले ने बताया कि 'कलेक्टर श्याम धावड़े ने मामले के लिए अपर कलेक्टर केके बेहार को अधिकृत किया और छत्तीसगढ़ शासन के गृह विभाग की अनुमति से अपर कलेक्टर ने इस लंबी यात्रा की और शव ले जाने के की अनुमति मृतक के सहयोगियों को दी.

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