गरियाबंद : जिले में नए पदस्थ कलेक्टर छतर सिंह देहरे ने गुरुवार को 11 बजे जिला कार्यालय गरियाबंद में पदभार ग्रहण किया. इस अवसर पर पूर्व कलेक्टर श्याम धावड़े ने अपने समस्त विभागीय प्रभार छतर सिंह देहरे को देते हुए उन्हें जिलाधीश की कुर्सी तक पहुंचाया. इस अवसर पर विशेष रूप से जिला पंचायत सीईओ विनय लहंगे, अपर कलेक्टर जेआर चौरसिया, डीएफओ मयंक अग्रवाल सहित अधिकारी-कर्मचारी मौजूद रहे.
पदभार ग्रहण करने के बाद छतर सिंह देहरे ने जिलाधीश श्याम धावड़े से अनौपचारिक चर्चा की और जाना कि गरियाबंद की सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक स्थिति क्या है. कलेक्टर श्याम धावड़े ने नवपदस्थ कलेक्टर छतर सिंह को बताया कि गरियाबंद जिला पूरी तरह से प्राकृतिक वातावरण में ढला हुआ है. यहां के लोग बहुत अच्छे हैं स्वाभाविक रूप से मिलनसार हैं और आसानी से बातों को समझते हैं. जिला आदिवासी बहुल है. यहां के अधिकारी-कर्मचारी काफी सहयोगी हैं.
![Collector Chhatar Singh Dehre takes charge](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-gbd-01-colector-charg-cg10013_28052020123145_2805f_1590649305_242.jpg)
कोरोना की रोकथाम को लेकर हुई चर्चा
इस अवसर पर कोरोना वायरस की रोकथाम पर भी चर्चा हुई. पूर्व कलेक्टर श्याम धावड़े ने बताया कि गरियाबंद में अब तक 5 मरीज मिले हैं. उन्होंने कहा कि संक्रमण को रोकने के लिए प्रशासन के सभी अधिकारी-कर्मचारी, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस अपनी जिम्मेदारी निभा रही है. साथ ही क्षेत्र के लोगों का भी भरपूर सहयोग प्रशासन को मिल रहा है, जिसके कारण उम्मीद है कि कोरोना पर जल्द ही काबू पा लिया जाएगा.
![Collector Chhatar Singh Dehre takes charge](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/cg-gbd-01-colector-charg-cg10013_28052020123145_2805f_1590649305_172.jpg)
नए कलेक्टर ने जिले के बारे में बताया
नए पदस्थ कलेक्टर छतर सिंह दहरे ने कहा कि वे गरियाबंद की समस्याओं को लगभग जानते हैं. उन्होंने यहां के लोगों के जीवन स्तर को ऊपर उठाना अपनी प्राथमिकता बताई. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी पर काबू पाने के लिए हरसंभव प्रयास किया जाएगा.
पढ़ें: नव पदस्थ कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा पहुंचे कोंडागांव, एसपी ने किया स्वागत
नए कलेक्टर ने कहा कि गरियाबंद जिला खेती-किसानी के लिए जाना जाता है, जिसके लिए वे प्रयास करेंगे कि यहां खेती का रकबा बढ़े और लोगों को राहत मिले. इसके साथ यह भी सुनिश्चित किया गया है कि वनों में रहने वाले लोगों को वनोपज का बराबर मूल्य मिले. वहीं विभिन्न तरह की शासकीय योजनाओं का सभी को बराबर लाभ मिले. यह उनका प्रमुख उद्देश्य होगा.