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शहीद भृगुनंदन को श्रद्धांजलि देने सढोली पहुंचे कलेक्टर और एसपी

कीर्ति चक्र से सम्मानित शहिद भृगुनंदन चौधरी का आज शहादत दिवस है. इस मौके पर उनके गृहग्राम सढौली में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें जिले के कलेक्टर, एसपी सहित सीआरपीएफ के अधिकारियों ने शामिल होकर श्रद्धांजलि अर्पित की.

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शहीद भृघुनंदन को श्रद्धांजलि देते अधिकारी
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Published : Sep 9, 2021, 12:00 PM IST

गरियाबंद: कीर्ति चक्र से सम्मानित शहिद भृगुनंदन चौधरी का आज शहादत दिवस है. इस मौके पर उनके गृहग्राम सढौली में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें जिले के कलेक्टर, एसपी सहित सीआरपीएफ के अधिकारियों ने शामिल होकर श्रद्धांजलि अर्पित की. कार्यक्रम में शामिल अधिकारियों ने शहीद भृगुनंदन चौधरी के अदम्य साहस की प्रशंसा करते हुए गांव के युवाओं को भी उनका अनुसरण करने की सलाह दी. अधिकारियों ने शहीद की मां को सम्मानित करते हुए हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है.

शहीद भृघुनंदन को श्रद्धांजलि देने सढोली पहुंचे कलेक्टर और एसपी

गौरतलब है कि कोबरा 205 बटालियन के जवान भृगुनंदन चौधरी 08 सितंबर 2012 को बिहार के गया में नक्सलियों का मुकाबला करते हुए शहीद हो गए थे. इस मुठभेड़ में उन्होंने जख्मी होने के बाद भी 6 नक्सलियों को मौत के घाट उतार दिया था. उनके इस अदम्य साहस के लिए उन्हें मृत्युपरांत राष्ट्रपति द्वारा कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था.

इस अवसर पर कलेक्टर ने कहा कि सढोली की मिट्टी में कुछ खास हैं. यहां के बच्चे बच्चे में देशभक्ति का जज्बा कूट-कूट कर भरा है. तभी तो इस गांव ने देश सेवा की एक अलग ही मिसाल पूरे छत्तीसगढ़ में कायम की है. देश की सीमा हो या आंतरिक सुरक्षा सीआरपीएफ, एसटीएफ या बीएसएफ हर जगह इस गांव का कोई न कोई जवान देश सेवा के लिए समर्पित जरूर हुआ है. शहीद भृगु नंदन के अदम्य साहस के बारे में उन्होंने कहा कि छह नक्सलियों को स्वयं घायल रहते हुए मारना सचमुच बहुत बड़ी बात है. कितना वीर रहा होगा वह जवान जो देश के लिए अपनी जान पर खेल गया. उन्होंने साढौली के ग्रामीणों को जिला प्रशासन की ओर से हर संभव मदद का भरोसा दिया.

एसपी पारुल माथुर ने शहीद की माता और पूरे गांव से कहा कि देश के लिए शहीद होना अपने आप में गर्व की बात है. साढौली गांव को जिले के लिए मिशाल बताया. उन्होंने कहा कि यहां के युवा बड़ी संख्या में सेना में भर्ती होकर देश सेवा में लगे है. उन्होंने युवाओं के साथ साथ लड़कियों को भी देश सेवा के लिए सेना में भर्ती होने की सलाह दी. सीईओ संदीप अग्रवाल ने भी भृगुनंदन चौधरी के जीवन को लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बताया है.

डिप्टी कमांडेंट रविन्द्र सिंह चौधरी ने कहा कि भृगुनंदन चौधरी एक जाबांज यौद्धा थे. उन्होंने बताया कि जिस घटना में भृगुनंदन चौधरी शहीद हुए थे. उसमे उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में नक्सलियों का मुकाबला किया था. उन्होंने घायल होने के बाद भी 6 नक्सलियों को मौत के घाट उतारा था. उनके आदम्य साहस के कारण ही उन्हें मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था.

गरियाबंद: कीर्ति चक्र से सम्मानित शहिद भृगुनंदन चौधरी का आज शहादत दिवस है. इस मौके पर उनके गृहग्राम सढौली में श्रद्धांजलि कार्यक्रम आयोजित किया गया. जिसमें जिले के कलेक्टर, एसपी सहित सीआरपीएफ के अधिकारियों ने शामिल होकर श्रद्धांजलि अर्पित की. कार्यक्रम में शामिल अधिकारियों ने शहीद भृगुनंदन चौधरी के अदम्य साहस की प्रशंसा करते हुए गांव के युवाओं को भी उनका अनुसरण करने की सलाह दी. अधिकारियों ने शहीद की मां को सम्मानित करते हुए हर संभव मदद का भरोसा दिलाया है.

शहीद भृघुनंदन को श्रद्धांजलि देने सढोली पहुंचे कलेक्टर और एसपी

गौरतलब है कि कोबरा 205 बटालियन के जवान भृगुनंदन चौधरी 08 सितंबर 2012 को बिहार के गया में नक्सलियों का मुकाबला करते हुए शहीद हो गए थे. इस मुठभेड़ में उन्होंने जख्मी होने के बाद भी 6 नक्सलियों को मौत के घाट उतार दिया था. उनके इस अदम्य साहस के लिए उन्हें मृत्युपरांत राष्ट्रपति द्वारा कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था.

इस अवसर पर कलेक्टर ने कहा कि सढोली की मिट्टी में कुछ खास हैं. यहां के बच्चे बच्चे में देशभक्ति का जज्बा कूट-कूट कर भरा है. तभी तो इस गांव ने देश सेवा की एक अलग ही मिसाल पूरे छत्तीसगढ़ में कायम की है. देश की सीमा हो या आंतरिक सुरक्षा सीआरपीएफ, एसटीएफ या बीएसएफ हर जगह इस गांव का कोई न कोई जवान देश सेवा के लिए समर्पित जरूर हुआ है. शहीद भृगु नंदन के अदम्य साहस के बारे में उन्होंने कहा कि छह नक्सलियों को स्वयं घायल रहते हुए मारना सचमुच बहुत बड़ी बात है. कितना वीर रहा होगा वह जवान जो देश के लिए अपनी जान पर खेल गया. उन्होंने साढौली के ग्रामीणों को जिला प्रशासन की ओर से हर संभव मदद का भरोसा दिया.

एसपी पारुल माथुर ने शहीद की माता और पूरे गांव से कहा कि देश के लिए शहीद होना अपने आप में गर्व की बात है. साढौली गांव को जिले के लिए मिशाल बताया. उन्होंने कहा कि यहां के युवा बड़ी संख्या में सेना में भर्ती होकर देश सेवा में लगे है. उन्होंने युवाओं के साथ साथ लड़कियों को भी देश सेवा के लिए सेना में भर्ती होने की सलाह दी. सीईओ संदीप अग्रवाल ने भी भृगुनंदन चौधरी के जीवन को लोगों के लिए प्रेरणास्रोत बताया है.

डिप्टी कमांडेंट रविन्द्र सिंह चौधरी ने कहा कि भृगुनंदन चौधरी एक जाबांज यौद्धा थे. उन्होंने बताया कि जिस घटना में भृगुनंदन चौधरी शहीद हुए थे. उसमे उन्होंने विपरीत परिस्थितियों में नक्सलियों का मुकाबला किया था. उन्होंने घायल होने के बाद भी 6 नक्सलियों को मौत के घाट उतारा था. उनके आदम्य साहस के कारण ही उन्हें मरणोपरांत कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था.

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