गरियाबंद: लोकतंत्र के महापर्व में हिस्सा लेने जहां पूरे देश के लोग उत्साहित और खुश नजर रहे हैं वहीं कुछ ऐसे लोग भी हैं, जो परेशानी में पड़ गए हैं. जिनकी शादी छत्तीसगढ़ में 17, 18 और 19 अप्रैल को होनी है, उनके लिए परेशानी खड़ हो गई. चुनाव होने की वजह से दूल्हों को दुल्हनिया लाने के लिए गाड़ी नहीं मिल रही है.
गाड़ी तक तो ठीक था. शादी के लिए एक तरफ जहां टेंट और पंडाल का इंतजाम नहीं हो पा रहा है, वहीं फोटोग्राफर भी ढूंढे से नहीं मिल रहे हैं. गरियाबंद में इन्हीं सबकी वजह से एक परिवार ने शादी पोस्टपोन कर दी.
बात यहीं तक नहीं है आप रिश्तेदारों में भी कई सरकारी कर्मचारी हैं, तो जाहिर सी बात है छुट्टियां रद्द हैं. इसलिए मौसा, फूफा, जीजाजी लोगों के लिए भी शादी अटैंड करना मुश्किल हो रहा है.
गरियाबंद के नागाबुडा के रहने वाले होने वाले दूल्हे तामेस के फेरों पर चुनाव ने रोड़ा अटका दिया है. इनकी शादी का मुहूर्त और मतदान तिथि एक ही दिन पड़ गई. पिता और घर वालों ने जब शादी की व्यवस्थाओं के लिए टेंट और बारात जाने के लिए गाड़ी बुक करानी चाही तो सभी ने मना कर दिया. सब ने जवाब दिया चुनाव के आसपास कोई चीज खाली नहीं है और तो और रिश्तेदारों तक ने चुनाव ड्यूटी होने के चलते बारात में जाने से मना कर दिया.
परिवार ने फिर पंडित को बुलाया और दूसरा शुभ मुहूर्त ढूंढने को कहा गया. शादी में देर ना हो यह भी देखा गया पंडित जी ने अगला शुभ मुहूर्त 22 तारीख का दिया अब इनकी शादी 5 दिन लेट होगी.
इन सबके बीच टेंट और पंडाल वाले भी खासे परेशान हैं चुनाव में सभी सामान देने का वादा कर दिया है फिर शादी का मुहूर्त भी इसी दिन होने के चलते जिनके घरों में शादी है वे बार-बार आकर परेशान कर रहे हैं. इनका कहना है कि इस बार कई ग्राहक को वापस लौटाना पड़ा क्योंकि चुनाव ज्यादा जरूरी है.
ऐसा ही हाल फोटोग्राफरों का है चुनाव में हर जिले में 70-80 फोटोग्राफरों की ड्यूटी लगाई गई है, जो निष्पक्षता के लिए वीडियो ग्राफी कर रहे हैं. चुनाव की तारीखों के साथ ही शादियों के शुभ मुहूर्त होने के चलते उनका शादियों से साल में एक बार होने वाला व्यापार प्रभावित हो रहा है. शादियों की फोटोग्राफी करने फोटोग्राफर नहीं मिल पा रहे हैं.
बारात जाने बस और अन्य वाहन ढूंढने पर वाहन मालिक बस यही कह रहे हैं कि अगर आप बुक भी कर लेते हैं तब भी कोई गारंटी नहीं कि गाड़ी मिल ही जाएगी क्योंकि अचानक कई बार चुनाव के पहले हमारी गाड़ियां चुनाव ड्यूटी हेतु ले जाई जाती है. ऐसे में अगर बारात तैयार खड़ी हो और वाहन चुनाव ड्यूटी में कहीं और चला जाए तो जिम्मेदारी वाहन मालिक लेने को तैयार नहीं हैं.
ऐसे में हम भी बस इतना ही कह सकते हैं परिवार और पंडित जी को मुहूर्त निकालने से पहले मतदान की तारीखें देख लेनी चाहिए थी.