गरियाबंद: गरियाबंद से दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है. मासूम को खूंखार तेंदुआ उठाकर ले गया. जंगल में 150 जवानों की खोजबीन के बाद बच्ची के शरीर के कई अंग मिले हैं. वही तेंदुए के निशान पेड़ पर चढ़ते और उतरते मिले हैं. मामले में एसपी पारुल माथुर, एडिशनल एसपी सुखनंदन राठौड़, एसडीओपी संजय ध्रुव समेत वन विभाग के एसडीओ, रेंजर समेत कई अधिकारी दिनभर जंगल की खाक छानता रहे.
घटना 17 अगस्त की शाम की है. मगर बच्ची के पिता ने खोजबीन का प्रयास खुद किया. इसके बाद जब नहीं मिली तब काफी देर से इसकी सूचना पुलिस को दी. जिसके बाद थाना प्रभारी वेदमाती दरियाव ने इसकी सूचना उच्च अधिकारियों को दी. जिस पर तत्काल विभाग हरकत में आया एक साथ बस में सैकड़ों जवानों को बमनी गांव के जंगल में उतारा गया और रेस्क्यू अभियान की तरह खोजबीन चलाई गई. मगर बच्ची मिलने के बजाय तेंदुए के पैरों के निशान मिले. फिर काफी खोजबीन के बाद बच्ची के कपड़े तथा शरीर के अंग मिलने लगे.
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बच्ची का नाम रानी कुमार बताया जा रहा है, जो 9 वर्ष की थी और कक्षा तीसरी में पढ़ती थी. घटना के बारे में बच्ची के पिता ने बताया कि बच्ची की मां मायके गई हुई है. 17 अगस्त की शाम बच्ची सहेली के घर खेलने गई थी. जहां से नहीं लौटी जिसके बाद बच्ची के जगह पर कोई दूसरी रिश्तेदार आकर सोने के चलते शंका हुई और बच्ची नहीं मिल रही है. इसका पता कल सुबह चला दिन भर तलाश करने के बाद आज थाने में सूचना दी गई. जिसके बाद खोजबीन प्रारंभ की गई. एक पेड़ के नीचे बच्ची के कपड़े और कुछ दूरी पर शरीर के कुछ अंग मिले. जिसके बाद गांव में मातम छा गया.
घटना के बाद वन विभाग ने देर शाम बच्ची के परिजनों को मुआवजे के तौर पर 25000 हजार रुपये सहायता राशि दी है. घटनास्थल पर मिले साक्ष्य जुटाने का प्रयास जारी है. बच्ची के शरीर के कई अंग नहीं मिले हैं. जिसके चलते कल और खोजबीन अभियान चलाया जाएगा.