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गरियाबंद: बाई रोड सुपेबेड़ा जाएंगी राज्यपाल अनुसुइया उइके - राज्यपाल केंद्र को लिखेंगी चिटठी

18 अक्टूबर को एलान कर चुकी राज्यपाल अनुसुइया उइके 22 अक्टूबर को बाई रोड ही सुपेबेड़ा जाएंगी. राज्यपाल पहले ही हेलीकॉप्टर नहीं मिलने की आशंका जता चुकीं थी. पढे़ं और जानें कैसे सुपेबेड़ा मामला राजनीतिक रंग लेता जा रहा है.

फाइल फोटो
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Published : Oct 20, 2019, 9:53 PM IST

Updated : Oct 20, 2019, 9:58 PM IST

गरियाबंद: राज्यपाल अनुसुइया उइके को सुपेबेड़ा दौरे के लिए हेलीकॉप्टर नहीं मिल सका. उइके 22 अक्टूबर को बाई रोड सुपेबेड़ा का दौरा करेंगी और किडनी पीड़ितों से मुलाकात करेंगी. राज्यपाल ने साफ कहा था कि, हेलीकॉप्टर मिला तो ठीक नहीं तो बाई रोड सुपेबेड़ा पहुंचेंगी.

राजनीति भी जमकर
अनुसुइया उइके ने 18 अक्टूबर को पत्रकारों के सामने हेलीकॉप्टर नहीं मिलने की आशंका जताई थी. उइके ने कहा था कि सरकार को इस दिशा में जल्द पहल करने की जरूरत है. जिसका 19 अक्टूबर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जवाब देते हुए कहा था कि, 'राज्यपाल के इस बयान से मैं हैरान हूं, अगर वे जाना चाहती हैं तो उनका स्वागत है. 2 अक्टूबर को जैसे ही हमें ये जानकारी मिली कि वहां एक और मौत हुई है. हमारे स्वास्थ्य मंत्री वहां गए, सरकार भी इन मौतों का कारण जानना चाहती है.' इसी क्रम में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी चुटकी लेते हुए कहा है कि, जो भी वहां जाना चाहें स्वतंत्र हैं. देर आए दुरुस्त आए.

किडनी पीड़ितों की हो रही मौत
जानकारी के अनुसार, 15 दिनो में किडनी पीड़ित 2 लोगों की मौत हो चुकी है. बीते दिनों किडनी पीड़ित अकालू की मौत हो गई. इससे पहले ग्रामीण पुरंधर पुरैना ने दम तोड़ दिया था. 5 सालों में किडनी पीड़ितों की मौत का ये आंकड़ा 71 तक पहुंच गया है. कुछ दिन पहले स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव भी सुपेबेड़ा निरीक्षण पर गए थे.

पढे़ं : कमलेश तिवारी हत्याकांड : लखनऊ के होटल से बरामद हुए खून से सने कपड़े और अन्य सामान

राज्यपाल केंद्र को लिखेंगी चिटठी
वहीं राज्यपाल ने कहा कि सुपेबेड़ा में हो रही मौतों को लेकर एक राज्यपाल होने के नाते मैं भारत सरकार को चिट्ठी लिखकर मामले को अवगत कराऊंगी.

गरियाबंद: राज्यपाल अनुसुइया उइके को सुपेबेड़ा दौरे के लिए हेलीकॉप्टर नहीं मिल सका. उइके 22 अक्टूबर को बाई रोड सुपेबेड़ा का दौरा करेंगी और किडनी पीड़ितों से मुलाकात करेंगी. राज्यपाल ने साफ कहा था कि, हेलीकॉप्टर मिला तो ठीक नहीं तो बाई रोड सुपेबेड़ा पहुंचेंगी.

राजनीति भी जमकर
अनुसुइया उइके ने 18 अक्टूबर को पत्रकारों के सामने हेलीकॉप्टर नहीं मिलने की आशंका जताई थी. उइके ने कहा था कि सरकार को इस दिशा में जल्द पहल करने की जरूरत है. जिसका 19 अक्टूबर को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जवाब देते हुए कहा था कि, 'राज्यपाल के इस बयान से मैं हैरान हूं, अगर वे जाना चाहती हैं तो उनका स्वागत है. 2 अक्टूबर को जैसे ही हमें ये जानकारी मिली कि वहां एक और मौत हुई है. हमारे स्वास्थ्य मंत्री वहां गए, सरकार भी इन मौतों का कारण जानना चाहती है.' इसी क्रम में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने भी चुटकी लेते हुए कहा है कि, जो भी वहां जाना चाहें स्वतंत्र हैं. देर आए दुरुस्त आए.

किडनी पीड़ितों की हो रही मौत
जानकारी के अनुसार, 15 दिनो में किडनी पीड़ित 2 लोगों की मौत हो चुकी है. बीते दिनों किडनी पीड़ित अकालू की मौत हो गई. इससे पहले ग्रामीण पुरंधर पुरैना ने दम तोड़ दिया था. 5 सालों में किडनी पीड़ितों की मौत का ये आंकड़ा 71 तक पहुंच गया है. कुछ दिन पहले स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव भी सुपेबेड़ा निरीक्षण पर गए थे.

पढे़ं : कमलेश तिवारी हत्याकांड : लखनऊ के होटल से बरामद हुए खून से सने कपड़े और अन्य सामान

राज्यपाल केंद्र को लिखेंगी चिटठी
वहीं राज्यपाल ने कहा कि सुपेबेड़ा में हो रही मौतों को लेकर एक राज्यपाल होने के नाते मैं भारत सरकार को चिट्ठी लिखकर मामले को अवगत कराऊंगी.

Intro:महामहिम राज्यपाल का सुपेबेड़ा दौरा तय हो गया है हेलीकॉप्टर और बाई रोड के विवाद के बाद अंततः राज्यपाल बाई रोड ही सुपेबेड़ा पहुंच रही हैं 22 अक्टूबर को राज्यपाल को आने और जाने में लगभग 9 घंटे सफर करना पड़ेगा रायपुर से लगभग 250 किलोमीटर दूर उड़ीसा सीमा पर बसे से होने के चलते प्रशासनिक अधिकारियों को भी राज्यपाल के कार्यक्रम की तैयारियां करने में पसीने छूट रहे हैं


Body:इन सबके बीच बीते हफ्ते भर से सुपेबेड़ा लगातार सुर्खियों में बना हुआ है भाजपाई और कांग्रेसी सुपेबेड़ा के मुद्दे को लेकर लेकर अब राजनीति करना प्रारंभ कर दिए हैं मीडिया के बाद अब सोशल मीडिया में भी इसे लेकर बयानों का दौर चल निकला है जहां गरियाबंद के भाजपाई मौत पर राजनीति करने का आरोप लगा रहे हैं और मुख्यमंत्री बनने से पहले सुपेबेड़ा पहुंचे भूपेश बघेल की तस्वीर वायरल कर पूर्व में इसका राजनीतिक लाभ लेने का आरोप लगा रहे हैं तो वहीं कांग्रेसी भी भाजपाइयों को याद दिला रहे हैं कि 2 साल तक जब उनकी सरकार के बीच यह मुद्दा गरमाया रहा तब आखिर इस पर चर्चा क्यों नहीं करते थे


Conclusion:कुल मिलाकर सुपेबेड़ा का मुद्दा अब इलाज शुद्ध पेयजल और मौत को रोकने के प्रयास के अपने मुख्य उद्देश्य से भटकता नजर आ रहा है,

वक्त थ्रू--- फरहाज मेमन गरियाबंद
Last Updated : Oct 20, 2019, 9:58 PM IST
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