ETV Bharat / state

भावुक ग्रामीण, रोती महिलाएं, राज्यपाल और स्वास्थ्य मंत्री को पाकर सिसक पड़ा सुपेबेड़ा

राज्यपाल अनुसुइया उइके और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने किडनी की बीमारी से पीड़ित गांव सुपेबेड़ा पहुंचकर पीड़ितों से मुलाकात की

author img

By

Published : Oct 22, 2019, 5:17 PM IST

Updated : Oct 23, 2019, 10:16 PM IST

राज्यपाल अनुसुइया उइके और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने सुपेबेड़ा के ग्रामीणों से मुलाकात की

गरियाबंद: छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने किडनी की बीमारी से पीड़ित गांव सुपेबेड़ा पहुंचकर पीड़ितों से मुलाकात की. राज्यपाल ने पीड़ित परिवारों का दर्द जाना और मुफ्त इलाज, दवाइयां मुहैया कराने जाने का वादा किया. राज्यपाल ने कहा कि सरकार अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है कि गांववालों को राहत मिले, इसके सकारात्मक परिणाम निकलेंगे.

राज्यपाल और स्वास्थ्य मंत्री को पाकर सिसक पड़ा सुपेबेड़ा

राज्यपाल ने ये भी कहा कि ये परेशानी 10 से 15 साल पुरानी है लेकिन इसका हल निकाला जाएगा. उन्होंने लोगों को सरकार की तरफ से आश्वस्त किया है कि वे अपना वादा पूरा करेंगे. राज्यपाल ने कहा कि टीवी चैनलों और अखबारों में यहां का हाल देखकर उन्हें काफी पीड़ा हुई थी इसलिए वे हाल जानने आ गई हैं.

राज्यपाल की बड़ी बातें-

  • इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि कुछ साल पहले हीरा खदान में ब्लास्ट हुआ था. ये भी संभावना है कि उसकी वजह से यहां के लोग इन बीमारियों की गिरफ्त में हों.
  • उन्होंने ये भी कहा कि यहां पानी में भी हैवी मेटल पाए गए हैं, इसे भी दूर करने की कोशिश की जाएगी.
  • राज्यपाल ने कहा कि, 'मैं यह भी प्रयास करूंगी कि दिल्ली से एक विशेष जांच टीम पहुंचे और यहां की समस्याओं को देखते हुए इसे हल करने का प्रयास करें,'

राज्यपालल ने कहा कि मुख्यमंत्री निश्चित रूप से धन्यवाद के पात्र हैं, जो लगातार इस क्षेत्र पर विशेष निगाह रखे हुए हैं और वे लगातार मीटिंग करके अधिकारियों और मंत्रियों को निर्देशित कर रहे हैं कि सुपेबेड़ा की समस्या को दूर किया जाए. राज्यपाल ने सभी को समस्या के निराकरण का भरोसा दिया है.

स्वास्थ्य मंत्री की बड़ी बातें-

राज्यपाल के साथ स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव भी पहुंचे थे. उन्होंने आश्वासन दिया कि यहां की परेशानी वही देखेंगे. उन्होंने दो महत्वपूर्ण बातें कहीं कि बेनत नाला पर लगभग 14 करोड़ की लागत से पुल का निर्माण होगा. तेल नदी से पानी पीने के लिए पानी उपलब्ध कराया जाएगा, साथ ही अस्पताल को सिविल अस्पताल का दर्जा दिया जाएगा.
सुपेबेड़ा में स्वास्थ्य केंद्र प्रारंभ किया जाएगा और डाक्टरों की नियुक्ति होगी. साथ ही शुद्ध पेयजल के लिए सारी व्यवस्थाएं की जाएंगी.

पढ़ें :रायपुर में होगा सुपेबेड़ा के मरीजों का इलाज, मुफ्त में मिलेगी दवाई

दो महिलाओं को मिली नौकरी

इसके साथ ही इस अवसर पर यहां पीड़ित महिलाओं में दो ऐसी भी थीं, जिनके पति की मौत किडनी की बीमारी से हो गई थी. तत्काल दैनिक वेतन भोगी के रूप में उनकी नियुक्ति की गई.
इस मौके पर एक विधवा महिला ने अपनी फरियाद सुनाते हुए कहा कि किडनी की बीमारी से उसके पति की मौत हो गई है. महिला ने कहा कि उसके पास अपने बच्चों के पालन-पोषण के लिए कोई साधन नहीं है इसलिए उसे इच्छामृत्यु दे दी जाए. जिस पर तत्काल स्वास्थ्य मंत्री एवं राज्यपाल ने दैनिक वेतन भोगी के रूप में उन्हें नौकरी प्रदान करने की बात कही और बताया कि उसे 8500 रुपए वेतन मिलेगा.
साथ ही इस अवसर पर 132kv के माध्यम से लाइट पहुंचाने की भी जल्द से जल्द व्यवस्था करने की बात कही गई है.

इस दौरान अधिकारियों ने क्षेत्र में किए गए कामों की जानकारी विस्तार से दी, जिस पर राज्यपाल ने आम लोगों से पूछा कि यह सुविधाएं उन्हें मिल रही हैं अथवा नहीं. इस पर कुछ लोगों ने समर्थन भी किया.

ग्रामीण ने सिस्टम पर उठाए सवाल

इस अवसर पर एक ग्रामीण त्रिलोचन सोमानी ने कहा कि हम सब सरकार के सिस्टम के मारे हैं, तभी हमारे 71 लोगों की मौतें हुई हैं. ग्रामीण ने कहा कि सिस्टम इतना लापरवाह और गैर जिम्मेदाराना है कि हमारे लंबे समय से मांग करने के बाद भी हमें देखने वाला कोई नहीं था. हम रायपुर जाते हैं अस्पताल में तो हमारा पूछने वाला कोई नहीं होता. हम वहां परेशान होते हैं, दवाइयां भी खरीद कर खाना पड़ता है.12 घंटे यहां हम लोग काम करते हैं, वहां जाकर के जो स्थितियां बनती हैं उससे हम काफी दुखी हैं .

ग्रामीण ने कहा कि हम मेकाहारा अस्पताल नहीं जाना चाहते, वहां अस्पताल में कहा जाता है कि बाहर से इलाज दवा पानी लाना पड़ेगा. यह एक अच्छी बात नहीं है. यहां मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है और हमें मेकाहारा अस्पताल पर भरोसा नहीं है. हमें दवा भी खरीद कर खाना पड़ता है. रोजी रोटी हम कहां से चलाएं. बीमारी से निपटें या फिर रोजी-रोटी में पैसा लगाएं.

राज्यपाल ने सभी को स्थितियां सुधारने का भरोसा दिया है.

गरियाबंद: छत्तीसगढ़ की राज्यपाल अनुसुइया उइके और स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने किडनी की बीमारी से पीड़ित गांव सुपेबेड़ा पहुंचकर पीड़ितों से मुलाकात की. राज्यपाल ने पीड़ित परिवारों का दर्द जाना और मुफ्त इलाज, दवाइयां मुहैया कराने जाने का वादा किया. राज्यपाल ने कहा कि सरकार अपनी तरफ से पूरी कोशिश कर रही है कि गांववालों को राहत मिले, इसके सकारात्मक परिणाम निकलेंगे.

राज्यपाल और स्वास्थ्य मंत्री को पाकर सिसक पड़ा सुपेबेड़ा

राज्यपाल ने ये भी कहा कि ये परेशानी 10 से 15 साल पुरानी है लेकिन इसका हल निकाला जाएगा. उन्होंने लोगों को सरकार की तरफ से आश्वस्त किया है कि वे अपना वादा पूरा करेंगे. राज्यपाल ने कहा कि टीवी चैनलों और अखबारों में यहां का हाल देखकर उन्हें काफी पीड़ा हुई थी इसलिए वे हाल जानने आ गई हैं.

राज्यपाल की बड़ी बातें-

  • इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि कुछ साल पहले हीरा खदान में ब्लास्ट हुआ था. ये भी संभावना है कि उसकी वजह से यहां के लोग इन बीमारियों की गिरफ्त में हों.
  • उन्होंने ये भी कहा कि यहां पानी में भी हैवी मेटल पाए गए हैं, इसे भी दूर करने की कोशिश की जाएगी.
  • राज्यपाल ने कहा कि, 'मैं यह भी प्रयास करूंगी कि दिल्ली से एक विशेष जांच टीम पहुंचे और यहां की समस्याओं को देखते हुए इसे हल करने का प्रयास करें,'

राज्यपालल ने कहा कि मुख्यमंत्री निश्चित रूप से धन्यवाद के पात्र हैं, जो लगातार इस क्षेत्र पर विशेष निगाह रखे हुए हैं और वे लगातार मीटिंग करके अधिकारियों और मंत्रियों को निर्देशित कर रहे हैं कि सुपेबेड़ा की समस्या को दूर किया जाए. राज्यपाल ने सभी को समस्या के निराकरण का भरोसा दिया है.

स्वास्थ्य मंत्री की बड़ी बातें-

राज्यपाल के साथ स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव भी पहुंचे थे. उन्होंने आश्वासन दिया कि यहां की परेशानी वही देखेंगे. उन्होंने दो महत्वपूर्ण बातें कहीं कि बेनत नाला पर लगभग 14 करोड़ की लागत से पुल का निर्माण होगा. तेल नदी से पानी पीने के लिए पानी उपलब्ध कराया जाएगा, साथ ही अस्पताल को सिविल अस्पताल का दर्जा दिया जाएगा.
सुपेबेड़ा में स्वास्थ्य केंद्र प्रारंभ किया जाएगा और डाक्टरों की नियुक्ति होगी. साथ ही शुद्ध पेयजल के लिए सारी व्यवस्थाएं की जाएंगी.

पढ़ें :रायपुर में होगा सुपेबेड़ा के मरीजों का इलाज, मुफ्त में मिलेगी दवाई

दो महिलाओं को मिली नौकरी

इसके साथ ही इस अवसर पर यहां पीड़ित महिलाओं में दो ऐसी भी थीं, जिनके पति की मौत किडनी की बीमारी से हो गई थी. तत्काल दैनिक वेतन भोगी के रूप में उनकी नियुक्ति की गई.
इस मौके पर एक विधवा महिला ने अपनी फरियाद सुनाते हुए कहा कि किडनी की बीमारी से उसके पति की मौत हो गई है. महिला ने कहा कि उसके पास अपने बच्चों के पालन-पोषण के लिए कोई साधन नहीं है इसलिए उसे इच्छामृत्यु दे दी जाए. जिस पर तत्काल स्वास्थ्य मंत्री एवं राज्यपाल ने दैनिक वेतन भोगी के रूप में उन्हें नौकरी प्रदान करने की बात कही और बताया कि उसे 8500 रुपए वेतन मिलेगा.
साथ ही इस अवसर पर 132kv के माध्यम से लाइट पहुंचाने की भी जल्द से जल्द व्यवस्था करने की बात कही गई है.

इस दौरान अधिकारियों ने क्षेत्र में किए गए कामों की जानकारी विस्तार से दी, जिस पर राज्यपाल ने आम लोगों से पूछा कि यह सुविधाएं उन्हें मिल रही हैं अथवा नहीं. इस पर कुछ लोगों ने समर्थन भी किया.

ग्रामीण ने सिस्टम पर उठाए सवाल

इस अवसर पर एक ग्रामीण त्रिलोचन सोमानी ने कहा कि हम सब सरकार के सिस्टम के मारे हैं, तभी हमारे 71 लोगों की मौतें हुई हैं. ग्रामीण ने कहा कि सिस्टम इतना लापरवाह और गैर जिम्मेदाराना है कि हमारे लंबे समय से मांग करने के बाद भी हमें देखने वाला कोई नहीं था. हम रायपुर जाते हैं अस्पताल में तो हमारा पूछने वाला कोई नहीं होता. हम वहां परेशान होते हैं, दवाइयां भी खरीद कर खाना पड़ता है.12 घंटे यहां हम लोग काम करते हैं, वहां जाकर के जो स्थितियां बनती हैं उससे हम काफी दुखी हैं .

ग्रामीण ने कहा कि हम मेकाहारा अस्पताल नहीं जाना चाहते, वहां अस्पताल में कहा जाता है कि बाहर से इलाज दवा पानी लाना पड़ेगा. यह एक अच्छी बात नहीं है. यहां मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है और हमें मेकाहारा अस्पताल पर भरोसा नहीं है. हमें दवा भी खरीद कर खाना पड़ता है. रोजी रोटी हम कहां से चलाएं. बीमारी से निपटें या फिर रोजी-रोटी में पैसा लगाएं.

राज्यपाल ने सभी को स्थितियां सुधारने का भरोसा दिया है.

Intro:गरियाबंद ......जिले के सबसे अधिक चर्चित गांव में शुमार होने वाला सुपेबेड़ा में आज किटनी बीमारी को लेकर जिस तरह समाचार पत्र और चैनलों में समाचार छाया हैं उससे दुखी होकर प्रदेश की राज्यपाल सूश्री अनुसूया उईके आज सुपबेड़ा पहुंचने की बात कही उन्होंने लोगों से सीधी सीधी वार्तालाप की और उनकी समस्याओं को सुनकर उन्होंने कहा कि सुपेबेडा की समस्या को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री भुपेश बघेल और स्वास्थ्य मंत्री टी सिह देव काफी गंभीर हैं और वे अपनी ओर से पूरा प्रयास कर रहे हैं कि ग्रामीणों को राहत मिले और इनके प्रयास से जरूर परिणाम निकलेंगे मैं आश्वस्त हूं।मुझे मुख्यमंत्री ने स्वयं अस्वस्थ कराया है कि जल्द ही यहां की समस्याओं का निराकरण किया जाएगा हालांकि यह समस्या लगभग10- 15 साल पुरानी है किंतु यथासंभव यहां की समस्याओं को हल किया जाएगा Body:मुख्यमंत्री ने जब जवाबदारी ली है तो यह माना जा सकता है कि अब यहां की समस्याएं ठीक होगी आप लोगों को मैं मुख्यमंत्री की ओर से भी अस्वस्थ करती हूं कि वे अपना वायदा पुरा करेंगे आप लोगों की समस्याओं को ठीक किया जाएगा हालांकि जो चीजें मैंने टीवी चैनल और समाचारों में देखा है उससे मुझे काफी पीड़ा हुई थी और मैं स्वयं यहां आना चाह रही थी जिसके लिए आज मैं यहां पहुंची हूं आप लोग अपनी समस्याएं खुलकर कहिए मैं आप लोगों को विशवास दिलाती हूं कि आपकी हर समस्या को दूर किया जाएगा इस अवसर पर उन्होंने यह भी कहा कि कुछ वर्ष पूर्व जो हीरा खदान में ब्लास्ट हुआ था उसका भी संभावना यहां बना है कि उसके चलते यह तकलीफ आ रही हो यह भी संभव है कि यहां के जेनेरेटिक व हैवी मेटल अन्य समस्याओं के चलते यह बीमारी हो रही है पानी में भी हैवी मेटल पाए गए हैं इसको भी कोशिश करके दूर करने का प्रयास किया जाएगा साथ ही मैं यह भी प्रयास करूंगी कि दिल्ली से एक विशेष जांच टीम में पहुंचे और यहां की समस्याओं को देखते हुए इसे हल करने का प्रयास करें मुख्यमंत्री जी निश्चित रूप से धन्यवाद के पात्र हैं जो लगातार इस क्षेत्र पर विशेष निगाह रखे हुए हैं और वे लगातार मीटिंग करके अधिकारियों और मंत्रियों को निर्देशित कर रहे हैं सुपेबेड़ा की समस्या को दूर किया जाए आश्वस्त किया कि वे पूरी तरह अस्वस्थ हैं कि अब उनकी हर समस्या के लिए वे जिम्मेदार लेगे और उनसे सीधा संपर्क करें इसी के साथ सभी ने अपना मोबाइल नंबर भी आम लोगों को दिया दूसरी एक और बड़ी बात देखने को मिली इस अवसर पर उनके साथ पधारे स्वास्थ्य मंत्री बाबा टीसी देव भी यहां पहुंचे थे उन्होंने भी लोगों को आश्वस्त किया कि सुपेबेड़ा की हर समस्या को वे स्वयं देखेंगे साथ ही दो महत्वपूर्ण बात उन्होंने कही कि अब बेनत नाला पर लगभग 14 करोड़ की लागत से पुल का निर्माण होगा तेल नदी से पानी पीने के लिए पानी उपलब्ध कराया जाएगा साथ ही अस्पताल को सिविल अस्पताल का दर्जा दिया जाएगा सचपेबेडा मे स्वास्थ्य केंद्र प्रारंभ किया जाएगा तथा डाक्टरों की नियुक्ति होगी साथ ही शुद्ध पेयजल के लिए सारी व्यवस्थाएं की जाएगी साथ ही इस अवसर पर यहां की पीड़ित महिलाओं में दो महिलाएं ऐसी भी रही जिनके पति की बीमारी से स्वर्गवास हो गए हैं उन्हें तत्काल दैनिक वेतन वेतन वेतन भोगी के रूप में उनकी नियुक्ति की गई साथ ही इस अवसर पर 132kv के माध्यम से लाइट पहुंचाने की भी जल्द से जल्द व्यवस्था करने की बात कही गई इस अवसर पर अधिकारियों ने क्षेत्र में किए गए कामों की जानकारी विस्तार से दी जिस पर राज्यपाल ने आम लोगों से पूछा कि यह सुविधाएं उन्हें मिल रही है अथवा नहीं कुछ लोगों ने जिस पर कुछ लोगों ने समर्थन भी किया


इस अवसर पर एक ग्रामीण त्रिलोचन सोमानी ने कहा जब राज्यपाल ने पूछा तो उन्होंने कहा कि हम सब सरकार के सिस्टम के मारे हैं तभी हम लोगों के हैं 71 मौतें हुई हैं आपकी सिस्टम इतनी लापरवाह और गैर जिम्मेदाराना है कि हमारे लंबे समय से मांग करने के बाद भी हमें देखने वाला कोई नहीं था हम रायपुर जाते हैं अस्पताल में तो हमारा पूछने वाला कोई नहीं होता हम वहां परेशान होते हैं दवाइयां भी खरीद कर खाना पड़ता है 12 घंटा यहां हम लोग काम करते हैं वहां जाकर के जो स्थितियां बनती है उससे हम काफी दुखी हैं हम मेकाहारा अस्पताल नहीं जाना चाहते वहां अस्पताल में कहा जाता है कि बाहर से इलाज दवा पानी लाना पड़ेगा यह एक अच्छी बात नहीं है यह मौत का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है और हमें मेकाहारा अस्पताल पर भरोसा नहीं है हमें दर्द दवा भी खरीद कर खाना पड़ता है रोजी रोटी हम कहां से चलाएं बीमारी से निपटें या फिर रोजी-रोटी या फिर दबाव में पैसा लगाएं यह भी हमारे लिए समस्या है



इन सारी समस्याओं को सुनने के बाद राज्यपाल ने कहा कि यहां की सारी समस्या मेरी है अब आप मुझ से सीधा संपर्क करिए मैं अस्वस्थ करती हूं कि आप लोगों की समस्याओं को दूर किया जाएगा इस अवसर पर राज्यपाल सुश्री अनुसूया उईके ने कहा कि मैं यहां आप लोगों की लगातार दुखों के को देखते हुए पहुंची हूं मैं यहां कोई राजनीति करने या कोई अन्य कारण से नहीं आई हूं आप निश्चित मानिए यानी आप लोगों की के समस्याओं अब मेरी परेशानी होगी इसीलिए मैं यहां आई हूं और क्षेत्र के सारी समस्याओं को ठीक करने का मैं प्रयास करूंगी


इस अवसर पर एक विधवा महिला ने अपनी फरियाद सुनाते हुए कहा कि किटनी बिमारी से मेरे पति मर गए हैं और मेरे पास रोजी रोटी का कोई साधन नहीं है मैं अपने बच्चों को कैसे पालू रोजी-रोटी की व्यवस्था केस करूं इसलिए मैं चाहती हूं मुझे इच्छामृत्यु दे दिया जाए मैं अपने बच्चों को कुछ खिलाकर मार डालूंगी या फिर खुद मर जाऊंगी क्योंकि मैं काफी परेशान हो गई हूं मेरे पास रोजी-रोटी का साधन नहीं है और हम सब यहां भूखे मर रहे हैं जिस पर तत्काल स्वास्थ्य मंत्री एवं राज्यपाल ने दैनिक वेतन भोगी के रूप में उन्हें नौकरी प्रदान करने की बात कही और बताया कि ₹8500 उन्हें मिलेगाConclusion:।
Last Updated : Oct 23, 2019, 10:16 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.