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गरियाबंद में धोखे से बेची सरकारी जमीन, पटवारी सहित दो गिरफ्तार - accused arrested police station Griyaband

जिले में सरकारी जमीन को बेचने के आरोप में दो लोगों के खिलाफ धारा 420 के तहत मामला दर्ज किया गया है. आरोपियों को गिरफ्तार कर उन्हें जेल भेज दिया गया है. मामला वर्ष 2014 का है. आरोपियों ने पटवारी के साथ मिलकर इस घटना को अंजाम दिया था.

accused in custody of Griyaband police
गरियाबंद पुलिस की गिरफ्त में आरोपी
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Published : Jun 17, 2021, 11:06 PM IST

गरियाबंद : जिले में सरकारी जमीन बेचने का मामला (government land sale) सामने आया है. पुलिस ने इस मामले में पटवारी (Patwari) सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं एक आरोपी की पहले ही मौत हो चुकी है. मामला छुरा तहसील कार्यालय (Tehsil Office) के ठीक पीछे स्थित जमीन का है. पीड़ित प्रदीप पांडेय और भूपेंद्र सेन ने छुरा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस ने मामले की जांच की और पटवारी नटेश्वर नायडू और राजापारा निवासी रमेशर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

सात साल बाद खुला राज

प्रदीप पांडेय एवं भूपेंद्र सेन का आरोप है कि सात साल पहले वर्ष 2014 में उन्होंने रमेशर और बिसेसर से तहसील कार्यालय के पीछे स्थित खसरा नंबर 121 के रकबा 0.07 हेक्टयर को 60-60 हजार में खरीदा था. यह भूमि शासकीय थी. भूमि पर निर्माण के बाद जब उन्हें खुद के साथ धोखाधड़ी होने का अहसास हुआ, तो उन्होंने छुरा थाने में मामले की शिकायत दर्ज करवाई.

धोखाधड़ी मामला दर्ज

इस मामले में छुरा पुलिस ने IPC की धारा 65/2021, 420, 34 के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया. जांच में पाया गया कि रमेशर और बिसेसर ने पटवारी नटेश्वर नायडू के साथ मिलकर इस पूरे मामले को अंजाम दिया है. इन आरोपियों ने शासकीय भूमि की कूटरचना कर दस्तावेजों को रमेशर और बिसेसर के नाम किया, साथ ही उनके नाम पर ऋण पुस्तिका भी जारी कर दी. उसके बाद आरोपियों ने ये जमीन प्रदीप पांडेय और भूपेन्द्र सेन को बेच दी. पुलिस ने आरोपी रमेशर और पटवारी नटेश्वर नायडू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. वहीं एक आरोपी बिसेसर की पूर्व में ही मौत हो चुकी है.

गरियाबंद : जिले में सरकारी जमीन बेचने का मामला (government land sale) सामने आया है. पुलिस ने इस मामले में पटवारी (Patwari) सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं एक आरोपी की पहले ही मौत हो चुकी है. मामला छुरा तहसील कार्यालय (Tehsil Office) के ठीक पीछे स्थित जमीन का है. पीड़ित प्रदीप पांडेय और भूपेंद्र सेन ने छुरा थाने में शिकायत दर्ज कराई थी. पुलिस ने मामले की जांच की और पटवारी नटेश्वर नायडू और राजापारा निवासी रमेशर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया.

सात साल बाद खुला राज

प्रदीप पांडेय एवं भूपेंद्र सेन का आरोप है कि सात साल पहले वर्ष 2014 में उन्होंने रमेशर और बिसेसर से तहसील कार्यालय के पीछे स्थित खसरा नंबर 121 के रकबा 0.07 हेक्टयर को 60-60 हजार में खरीदा था. यह भूमि शासकीय थी. भूमि पर निर्माण के बाद जब उन्हें खुद के साथ धोखाधड़ी होने का अहसास हुआ, तो उन्होंने छुरा थाने में मामले की शिकायत दर्ज करवाई.

धोखाधड़ी मामला दर्ज

इस मामले में छुरा पुलिस ने IPC की धारा 65/2021, 420, 34 के तहत अपराध दर्ज कर विवेचना में लिया. जांच में पाया गया कि रमेशर और बिसेसर ने पटवारी नटेश्वर नायडू के साथ मिलकर इस पूरे मामले को अंजाम दिया है. इन आरोपियों ने शासकीय भूमि की कूटरचना कर दस्तावेजों को रमेशर और बिसेसर के नाम किया, साथ ही उनके नाम पर ऋण पुस्तिका भी जारी कर दी. उसके बाद आरोपियों ने ये जमीन प्रदीप पांडेय और भूपेन्द्र सेन को बेच दी. पुलिस ने आरोपी रमेशर और पटवारी नटेश्वर नायडू को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. वहीं एक आरोपी बिसेसर की पूर्व में ही मौत हो चुकी है.

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