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गरियाबंद : मानूसन में देरी से पिछड़ रहा खेती का काम, किसानों की बढ़ी चिंता

प्रदेश में अब तक मानसून ने दस्तक नहीं दी है ऐसे में बारिश नहीं होने से खेती का काम पिछड़ गया है, जिससे किसानों परेशान हो रहे हैं.

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Published : Jun 20, 2019, 10:17 AM IST

खेती करता किसान

गरियाबंद : प्रदेश में मानसून ने अब तक दस्तक नहीं दी है. बारिश नहीं होने से खेती का काम पिछड़ता जा रहा है. अब तक खेत पानी से भरे हुए और हरे-भरे नजर आने चाहिए थे, लेकिन बारिश नहीं होने से खेत सूखे पड़े हैं ऐसे में किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई हैं.

बारिश नहीं होने से पिछड़ा खेती का काम

बारिश के इंतजार में बैठे किसानों के मुताबिक पानी नहीं गिरने से पानी नहीं गिरने से खेती का काम प्रभावित हो रहा है. फसल बुआई में भी देरी हो रही है. मानसून जल्द नहीं आया तो काफी नुकसान हो सकता है. मानसून में देरी होने से परेशान किसान अच्छी बारिश की कामना कर रहे हैं.

नागाबूढ़ा गांव के किसानों का कहना है कि, 'बारिश ने इस बार किसानों को दुविधा में डाल दिया है. मानसून इतना लेट पहले कभी नहीं होता था. मौसम के इंतजार में किसानी काम 15 दिन पिछड़ गया है'. वहीं कुछ किसान ऐसे हैं जिन्होंने खेतों में बीज डाल दिए हैं, लेकिन बारिश नहीं होने से बीज अंकुरित नहीं हो पा रहे हैं, जिसके चलते किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है.

गरियाबंद : प्रदेश में मानसून ने अब तक दस्तक नहीं दी है. बारिश नहीं होने से खेती का काम पिछड़ता जा रहा है. अब तक खेत पानी से भरे हुए और हरे-भरे नजर आने चाहिए थे, लेकिन बारिश नहीं होने से खेत सूखे पड़े हैं ऐसे में किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई हैं.

बारिश नहीं होने से पिछड़ा खेती का काम

बारिश के इंतजार में बैठे किसानों के मुताबिक पानी नहीं गिरने से पानी नहीं गिरने से खेती का काम प्रभावित हो रहा है. फसल बुआई में भी देरी हो रही है. मानसून जल्द नहीं आया तो काफी नुकसान हो सकता है. मानसून में देरी होने से परेशान किसान अच्छी बारिश की कामना कर रहे हैं.

नागाबूढ़ा गांव के किसानों का कहना है कि, 'बारिश ने इस बार किसानों को दुविधा में डाल दिया है. मानसून इतना लेट पहले कभी नहीं होता था. मौसम के इंतजार में किसानी काम 15 दिन पिछड़ गया है'. वहीं कुछ किसान ऐसे हैं जिन्होंने खेतों में बीज डाल दिए हैं, लेकिन बारिश नहीं होने से बीज अंकुरित नहीं हो पा रहे हैं, जिसके चलते किसानों की चिंता बढ़ती जा रही है.

Intro:मानसून की दगाबाजी ने बढ़ाई किसानों की चिंता, 15 दिन पिछड़ी खेती


एंकर--प्रदेश में मानसून की दगाबाजी किसानों पर भारी पड़ने लग गयी है, बारिश नही होने के कारण किसानों की खेती का काम पिछड़ता जा रहा है, अबतक जो खेत पानी से लबालब और हरे भरे नजर आने चाहिए थे वही खेत सूखे पड़े है और पानी की एक एक बूंद के लिए तरस रहे है, गरियाबंद जिले में भी हालात कुछ ऐसे ही है, मानसून में देरी के कारण किसानों के चेहरों पर चिंता की लकीरें साफ दिखने लगी है, किसानों के मुताबिक पानी नही गिरने से उनके खेती का काम प्रभावित हो रहा है, फसल बुआई में भी देरी हो रही है, किसानों का मानना है कि यदि मानसून जल्द नही आया तो उन्हें काफी नुकसान हो सकता है।

Body:वीओ...... खेती पर आश्रित रहने वाले गरियाबंद जिले के किसान इन दिनों बारिश का इंतजार करते आसमानों की तरफ देखकर दिन काट रहे हैं दरअसल किसानों ने बरसात पूर्व की तैयारियां कर दी है मगर समय बीतता जा रहा है और बरसात हो नहीं रही बरसात की इस देरी ने किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें डालती है देर हो से बरसात होने पर किसानों को सही तरह से परेशानियां सामने आने की बात वे बता रहे हैं किसानों का कहना है कि मानसून समय पर ना आए तो उनका हर काम पिछड़ जाता है अब किसानी में हर काम 10-10 दिन लेट से होगा वैसे किसानों को इस बात का भी डर है कि कहीं मानसून दगा ना दे दे पर्याप्त बारिश के लिए किसान ईश्वर से प्रार्थना करते नजर आ रहे हैं क्योंकि जिले के ज्यादातर किसान अपनी फसलों के लिए बरसात पर ही निर्भर है खुर्रा बोनी करने वाले किसानों ने तो अपने खेतों में बीज भी छिट कर रख दिया है अब बरसात होने पर ही उनके बीज अंकुरित हो पाएंगे

Conclusion:वीओ--इस संबंध में ईटीवी भारत में कुछ किसानों से चर्चा की जिसमें नागाबूढ़ा गांव के किसान चंद्रभूषण चौहान और नीलकंठ ठाकुर का कहना है कि बारिश ने इस बार किसानों को दुविधा में डाल कर रख दिया है समय से इतना लेट पहले कभी नहीं होता था मौसम के इंतजार में किसानी कार्य 15 दिन पिछड़ गया है ऐसे में किसान अब हर काम पंद्रह पंद्रह दिन लेट से करेगा इसका असर किसानों की जिंदगी पर भी पड़ता है

बाइट--1 चंद्रभूषण चौहान किसान
बाइट--2--- नीलकंठ ठाकुर किसान
बाईट 3--ज्ञानेन्द्र साहू, किसान--
बाईट 4--आनंदराम साहू, किसान---
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