गरियाबंद: जिले के 53 धान उपार्जन केन्द्रों में शार्टेज धान की भरपाई के संबंध में शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में एक बैठक आयोजित की गई. कलेक्टर छतर सिंह डेहरे की अध्यक्षता में आयोजित इस बैठक में जिला विपणन अधिकारी, सहायक पंजीयक सहकारी संस्थाएं, जिला प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम, खाद्य अधिकारी, सभी सहकारिता निरीक्षक, सभी समिति प्रबंधक और समस्त उपार्जन केन्द्र प्रभारी शामिल हुए.
पिछली बैठक में की गई समीक्षा और इस दौरान मिले प्रतिवेदन के आधार पर कलेक्टर ने खड़मा, भसेरा, सिवनी, कोपरा, दुल्ला, निष्टिगुड़ा सहकारी समितियों में हुए शार्टेज पर आपराधिक प्रकरण दर्ज करने के निर्देश दिए हैं. इसके आलावा खाद्य अधिकारी और जिला विपणन अधिकारी पर सही जानकारी नहीं देने पर नाराजगी जताई.
शॉर्टेज की भरपाई के सख्त निर्देश दिए
कलेक्टर ने समितिवार समीक्षा करते हुए समिति प्रबंधकों को शार्टेज की भरपाई के सख्त निर्देश दिए हैं. उन्होंने इस संबंध में जांच प्रतिवेदन शनिवार शाम तक अनिवार्य रूप से प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं. इस संबंध में रविवार को दोपहर 12 बजे दोबारा समीक्षा की जाएगी.
धान शार्टेज के संबंध में ली जानकारी
बता दें, जिले के 62 धान उपार्जन केन्द्रों में 30 लाख क्विंटल की धान खरीदी की गई है. जिसकी कलेक्टर ने लगातार समीक्षा की है. उपार्जन केन्द्रों में खरीदी गई धान की मात्रा के मिलान के बाद 53 उपार्जन केन्द्रों में खरीदी में शार्टेज होना पाया गया है. शार्टेज का समायोजन समिति के माध्यम से किया जाएगा. इससे पहले कलेक्टर ने बैठक में उपस्थित सहकारी समितियों के अध्यक्ष, समिति प्रबंधकों और उपार्जन केन्द्र प्रभारियों से धान शार्टेज के संबंध में जानकारी ली और भरपाई के निर्देश दिए.
उपार्जन केन्द्रों के धान उठाने के निर्देश
कलेक्टर ने खाद्य अधिकारी और डीएमओ को फिजीकल वेरिफिकेशन कर कारण के साथ जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश दिए. उन्होंने कुछ उपार्जन केन्द्रों में अभी भी रखे गए धान के उठाव के लिए परिवहन की व्यवस्था कर तत्काल धान का उठाव कराने के भी निर्देश दिए. बैठक में अपर कलेक्टर जे आर चैरसिया, सयुंक्त रजिस्टार, खाद्य अधिकारी हुलेश डड़सेना, सहायक पंजीयक अवधेश मिश्रा, डीएमओ दीवान और सहकारी समिति के प्रबंधक भी उपस्थित थे.