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गरियाबंद: 4 महीने पहले मिलर को बेचा धान, अब तक नहीं हुआ भुगतान

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Published : Oct 24, 2019, 11:49 PM IST

किसानों ने गुरुवार को गरियाबंद जिला कलेक्ट्रेट के बाहर जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी की. चार महीने पहले उन्होंने राजिम की कृषि मंडी में एक राइस मिलर को अपना धान बेचा था, जिसका भुगतान आज तक उन्हें नहीं मिला है.

कलेक्ट्रेट में किसानों का प्रदर्शन

गरियाबंद: राजिम समेत आसपास के दस गांवों के 80 किसानों के परिवारों इस बार बेहतर तरीके से दिवाली नहीं मना पाएंगे. जिसका कारण ये है कि, चार महीने पहले उन्होंने राजिम की कृषि मंडी में एक राइस मिलर को अपना धान बेचा था, जिसका भुगतान आज तक उन्हें नहीं मिला है. अब इन किसान परिवारों की आर्थिक हालत बेहद खराब हो चुकी है.

कलेक्ट्रेट में किसानों का प्रदर्शन

आर्थिक तंगी इन किसानों को घेरे हुए है. ऐसे में किसानों ने दिवाली मनाने की स्थिति नहीं होने की बात कही है. कुल 81 किसानों का 45 लाख रुपए बकाया होने के बाद राइस मिलर बीमार पड़ गया और किसी का भुगतान नहीं किया जा रहा है.

अपर कलेक्टर ने दिया आश्वासन
इस संबंध में पीड़ित किसानों ने गुरुवार को गरियाबंद जिला कलेक्ट्रेट के बाहर जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी की. इसके बाद किसान अपर कलेक्टर केके बेहार से मिले और अपनी समस्याएं बताईं. वहीं अपर कलेक्टर ने मामले में मंडी निधि से राशि दिलाने का प्रयास करने की बात कही है. अगर यह संभव नहीं हुआ तो राइस मिलर कि संपत्ति से किसानों का भुगतान करवाने की बात कही.

35 दिनों बाद भी नहीं मिला भुगतान
किसानों ने राइस मिलर के खिलाफ पूर्व में राजिम मंडी को बंद कर दिया था. जिसके बाद प्रशासन ने 35 दिन में किसानों का बकाया दिलाने का आश्वासन देते हुए मंडी शुरू कराई थी, लेकिन 35 दिन पूरे होने के बावजूद किसी किसान का भुगतान नहीं हुआ.

पढ़ें: भूपेश कैबिनेट का बड़ा फैसला, 25 से घटकर 21 साल हुई महापौर का चुनाव लड़ने की उम्र

दिवाली सिर पर है और किसानों के हाथ खाली हैं. वहीं इन किसानों की मांग है कि, 'ऐसे समय के लिए ही मंडी निधि की राशि रखी जाती है. प्रशासन चाहे तो उससे भुगतान करते हुए मिलर से कस्टम मिलिंग का भुगतान रोक कर हिसाब कर सकता है.'

गरियाबंद: राजिम समेत आसपास के दस गांवों के 80 किसानों के परिवारों इस बार बेहतर तरीके से दिवाली नहीं मना पाएंगे. जिसका कारण ये है कि, चार महीने पहले उन्होंने राजिम की कृषि मंडी में एक राइस मिलर को अपना धान बेचा था, जिसका भुगतान आज तक उन्हें नहीं मिला है. अब इन किसान परिवारों की आर्थिक हालत बेहद खराब हो चुकी है.

कलेक्ट्रेट में किसानों का प्रदर्शन

आर्थिक तंगी इन किसानों को घेरे हुए है. ऐसे में किसानों ने दिवाली मनाने की स्थिति नहीं होने की बात कही है. कुल 81 किसानों का 45 लाख रुपए बकाया होने के बाद राइस मिलर बीमार पड़ गया और किसी का भुगतान नहीं किया जा रहा है.

अपर कलेक्टर ने दिया आश्वासन
इस संबंध में पीड़ित किसानों ने गुरुवार को गरियाबंद जिला कलेक्ट्रेट के बाहर जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी की. इसके बाद किसान अपर कलेक्टर केके बेहार से मिले और अपनी समस्याएं बताईं. वहीं अपर कलेक्टर ने मामले में मंडी निधि से राशि दिलाने का प्रयास करने की बात कही है. अगर यह संभव नहीं हुआ तो राइस मिलर कि संपत्ति से किसानों का भुगतान करवाने की बात कही.

35 दिनों बाद भी नहीं मिला भुगतान
किसानों ने राइस मिलर के खिलाफ पूर्व में राजिम मंडी को बंद कर दिया था. जिसके बाद प्रशासन ने 35 दिन में किसानों का बकाया दिलाने का आश्वासन देते हुए मंडी शुरू कराई थी, लेकिन 35 दिन पूरे होने के बावजूद किसी किसान का भुगतान नहीं हुआ.

पढ़ें: भूपेश कैबिनेट का बड़ा फैसला, 25 से घटकर 21 साल हुई महापौर का चुनाव लड़ने की उम्र

दिवाली सिर पर है और किसानों के हाथ खाली हैं. वहीं इन किसानों की मांग है कि, 'ऐसे समय के लिए ही मंडी निधि की राशि रखी जाती है. प्रशासन चाहे तो उससे भुगतान करते हुए मिलर से कस्टम मिलिंग का भुगतान रोक कर हिसाब कर सकता है.'

Intro:

गरियबन्द--राजिम समेत आसपास के 10 गांवों के 80 किसानों के परिवारों ने इस बार दिवाली नहीं मना पाएंगे दरअसल चार माह पहले उन्होंने राजिम की कृषि मंडी में एक राइस मिलर को अपना ध्यान बेचा था जिसका भुगतान आज तक उन्हें प्राप्त नहीं हुआ है अब इन किसान परिवारों की हालत बेहद खराब हो चुकी है आर्थिक तंगी उन्हें घेरे हुए हैं ऐसे में दिवाली मनाने की स्थिति में नहीं होने की बात इन किसान परिवारों ने कही है कुल 81 किसानों का 45 लाख रुपए बकाया होने के बाद राइस मिलर बीमार पड़ गया है और किसी का भुगतान नहीं कर रहा है Body:किसानों ने इस राइस मिलर के खिलाफ पूर्व में राजिम मंडी को बंद कर दिया था जिसके बाद प्रशासन ने 35 दिन में सब की राशि दिलवाने का आश्वासन देते हुए मंडी प्रारंभ करवाई थी लेकिन आज 35 दिन पूरे होने के बावजूद किसी किसान का ₹1 भी भुगतान नहीं हुआ अब दिवाली सिर पर है और किसानों के हाथ खाली है किसान अपनी किस्मत पर आंसू बहा रहा है वही इन किसानों की मांग है कि ऐसे समय के लिए ही मंडी निधि की राशि रखी जाती है प्रशासन चाहे तो उससे भुगतान करते हुए मिलर से कस्टम मिलिंग का भुगतान रोक कर हिसाब कर सकता है.... इस संबंध में पीड़ित किसानों ने आज गरियाबंद जिला कलेक्ट्रेट के बाहर जमकर प्रदर्शन और नारेबाजी की इसके बाद किसान अपर कलेक्टर केके बेहार से मिले और अपनी समस्याएं बताई वही Conclusion:अपर कलेक्टर ने मामले में मंडी निधि से राशि दिलाने का प्रयास करने की बात कही है वही अगर यह संभव नहीं हुआ तो राइस मिलर कि संपत्ति से किसानों का भुगतान करवाने की बात कहीं

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तेजराम विद्रोही किसान नेता
जनकराम साहू किसान


बाइट-- केके बेहार अपर कलेक्टर गरियाबंद
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