गरियाबंद: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल दिवंगत लोक कलाकार मिथलेश साहू को श्रृद्धांजलि देने उनके गृह ग्राम बारूका पहुंचे. इस दौरान सीएम और चरणदास महंत, मिथिलेश साहू के साथ बिताए पलों को याद कर भावुक हो गए. मंच पर बोलने आए भूपेश बघेल ने मिथिलेश साहू के साथ बिताए पलों को साझा करने की कोशिश की, लेकिन वो भावुक हो गए और कुछ नहीं बोल पाए.
सीएम के कुछ नहीं बोल पाने पर मंच पर मौजूद चरणदास महंत ने मिथिलेश साहू के साथ बिताए क्षणों को याद किया. महंत ने बताया कि कैसे एक दूसरे पर दोस्ती में व्यंग बाण चलाया करते थे, मिथिलेश साहू के मोटापे पर सीएम उन्हें समझाते थे, जिस स्थान पर यह कार्यक्रम रखा गया था. सीएम ने बताया कि कई रात हम यहां बिता चुके हैं.
चरणदास ने याद किए बिताए हुए पल
साथ ही चरणदास ने बताया कि इस जगह पर हम लोग सुबह उनके साथ चीला रोटी खाया करते थे. कई बार एक साथ दिल्ली जाकर रहे हैं. सीएम ने एक बार फिर मंच से बोलने की कोशिश की, लेकिन वो कुछ नहीं बोल पाए जिसके बाद वो आंसू पोछते हुए मंच से उतर गए.
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बता दें, मिथलेश साहू 1978 से छत्तीसगढ़ में कला के क्षेत्र में कार्य कर रहे थे और प्रदेश के तीन बड़े नामों में उनका भी नाम शामिल हैं मिथिलेश साहू ने अब तक जहां सैकड़ों नाटक का मंचन किया है. वहीं 100 से अधिक गीतों का लेखन और कई छत्तीसगढ़ी फिल्मों की कहानी लिखी थी. इसके साथ ही वे गांव में शिक्षक भी थे.