गरियाबंद: बाल संरक्षण की टीम ने एक बार फिर देवभोग इलाके में बाल विवाह रुकवाया है. 2 लड़कों की शादी की तैयारियां पूरी हो चुकी थी, बारात निकलने ही वाली थी तभी बाल सरंक्षण की टीम ने दोनों की शादी रुकवा दी. दोनों लड़कों की उम्र 21 साल नहीं हुई थी.
महिला बाल विकास विभाग की जिला अधिकारी जगरानी के निर्देश में कार्यरत बाल संरक्षण की टीम ने एक बार फिर बाल विवाह रुकवाया है. इस बार दुल्हन नहीं बल्कि दूल्हे शादी की उम्र लायक नहीं थे, दूल्हे बालिग तो थे मगर दोनों ही 21 साल के नहीं हुए थे. दोनों दूल्हे 18 साल और कुछ महीनों के हैं. विभाग की टीम ने दोनों के परिवार वालों को समझाइश देकर शादी स्थगित करवा दी है. एक लड़का नागलदेही गांव और दूसरा निष्ठिगुड़ा का रहने वाला है.
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2 साल की सजा का है प्रावधान
बाल संरक्षण इकाई के अधिकारी फणींद्र जयसवाल और शंकर यादव ने परिजनों को बताया कि शादी के समय लड़के की उम्र 21 वर्ष होना आवश्यक है. न होने पर बाल विवाह माना जाता है. कार्रवाई होने पर इसमें परिजनों और प्रोत्साहित करने वालों को 2 सजा और 1 लाख रुपये तक का जुर्माना हो सकता है. दोनों के परिजनों को उनकी शादी की तिथि पर गरियाबंद में उपस्थित होकर बाकी कागजी कार्रवाई पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं.