गरियाबंद: एक बार फिर गरियाबंद जिले में बाल विवाह कराने की तैयारी थी. 16 साल की लड़की का विवाह कराने की पूरी तैयारी कर ली गई थी, लेकिन बाल संरक्षण समिति को इसकी भनक लग गई. बाल संरक्षण समिति ने मौके पर पहुंचकर बाल विवाह को रुकवाया. सोमवार को बारात आनी थी. उससे पहले बाल संरक्षण समिति की टीम पहुंच गई. समिति ने शादी रुकवाकर बारात लाने से मना किया.
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अंकसूची से नाबालिग होने का मिला प्रमाण
जिला बाल संरक्षण समिति के सदस्यों ने बताया कि उन्हें अमलीपदर थाना इलाके में बाल विवाह की तैयारियों की सूचना मिली थी. खबर मिलने पर वे मौके पर पहुंचे. टीम ने नाबालिग से अंकसूची की मांग की. अंकसूची के आधार पर बालिका की आयु 16 वर्ष 10 महीने होना पाया गया.
नियम-कानून का पढ़ाया पाठ
जिला बाल संरक्षण समिति की टीम ने परिवार वालों और ग्रामीणों को एकत्रित कर जानकारी दी. उन्होंने कहा कि लड़की की उम्र 18 साल और लड़के की आयु 21 वर्ष होना चाहिए. निर्धारित आयु से कम में विवाह करना या करवाना अपराध है. परिवार के साथ बारातियों को भी अपराधी माना जाता है. अधिकतम 2 साल की सजा और 1 लाख रुपये जुर्माना देना पड़ता है.
ओडिशा से आनी थी बारात
लड़की के पिता ने बताया कि उसने अपनी बेटी का विवाह ओडिशा में तय किया था. सोमवार को बरात आनी थी, लेकिन उससे पहले जिला बाल सरंक्षण की टीम पहुंच गई. परिवार और ग्रामीणों को समझाइश दी गई. इसके बाद विवाह को रोक दिया गया.