गरियाबंद: वनपरिक्षेत्र मरोदा गांव के आश्रित कोचेंगा गांव में एक तेंदुआ घर से परिजनों के सामने ही 4 साल के बच्चे को उठाकर ले गया. परिजनों ने जब तेंदुए को दौड़ाया, तब डरकर वो बच्चे को छोड़कर जंगल में भाग गया. बच्चे को तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां बच्चे की मौत हो गई.
बता दें कि रात का खाना खाने के बाद बच्चा घर के आंगन में था, तभी तेंदुआ वहां पहुंच गया और बच्चे को गर्दन से उठाकर जंगल की ओर भागने लगा. परिजनों ने तेंदुए को दौड़ाया, शोर मचाया, पत्थर बरसाए, तब जाकर तेंदुआ घबराया और बच्चे को छोड़कर जंगल में छिप गया. आनन-फानन में बच्चे को जिला अस्पताल पहुंचाया गया, जहां उसकी इलाज के दौरान मौत हो गई. घटना के बाद अभी भी तेंदुआ गांव के पास ही है, जिससे ग्रामीण डरे हुए हैं.
पहले भी हो चुकी है ऐसी घटना
इस क्षेत्र में पहले भी तेंदुए का हमला हो चुका है. मृतक बच्चे की दादी पर भी 8 महीने पहले तेंदुए ने हमला किया था. गरियाबंद में तेंदुए के हमले से किसी बच्चे की मौत की यह दूसरी घटना है. 4 साल पहले छुरा ब्लॉक में भी स्कूल से लौटते वक्त 5 बच्चों के बीच से तेंदुआ एक बच्चे को उठाकर ले गया था. लगातार हो रही घटनाओं से डरे ग्रामीण तेंदुए को पकड़ने की मांग कर रहे हैं.
वन विभाग ने की सहायता राशि देने की घोषणा
वन विभाग के रेंजर मनोज चंद्राकर ने बताया कि ये गांव पहाड़ के पास है, तेंदुआ भी वहीं से आया और बच्चे को उठाकर ले गया. उन्होंने तत्काल 25 हजार रुपए की सहायता राशि मृत बच्चे के परिजनों को दी.