गरियाबंद : जिला पंचायत की सामान्य सभा की बैठक आयोजित की गई. बैठक में जिला पंचायत सदस्य लगातार एक के बाद एक अधिकारियों पर कई तरह के आरोप लगाते नजर आए. इस दौरान 2005 में मैनपुर में शिक्षाकर्मी भर्ती घोटाले के प्रमाण मिलने के बावजूद कार्रवाई नहीं किए जाने का मामला खूब गरमाया. जिला पंचायत सदस्यों ने इस पर कड़ी आपत्ति जताई कि एक के बाद एक तीन अधिकारी बदल गए, मगर कार्रवाई सिफर है, जबकि जांच में कई शिक्षाकर्मियों के प्रमाण पत्र फर्जी मिले थे. कार्रवाई में देरी के चलते कई शिक्षाकर्मी अब नियमित भी हो चुके हैं. जिला पंचायत सीईओ ने इसके सभी पुराने दस्तावेज मंगाकर जल्द जांच और कार्रवाई का भरोसा दिलाया है.
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इन मुद्दों पर हुई बहस
बैठक में जिला पंचायत सीईओ चन्द्रकांत वर्मा ने शासन की योजनाओं की जानकारी दी. उन्होंने पंचायती राज अधिनियम के प्रावधानों के संदर्भ में सदस्यों को अवगत कराया. बैठक में 2005 के मैनपुर के फर्जी शिक्षाकर्मी भर्ती को लेकर जमकर आवाज उठाई गई. जिस पर जांच करने की बात कही गई. जिला पंचायत सदस्य लक्ष्मी साहू ने पांडुका क्षेत्र में धान खरीदी के कुछ केंद्रों में तौलाई के समय ज्यादा धान लेने और ट्रक में लोडिंग के समय कम धन भेजने का मुद्दा भी उठाया. पांडुका में नवीन हाई स्कूल भवन की स्थापना की भी मांग रखी गई. सदस्यों ने सचिव संघ और रोजगार सहायक संघ की मांगों का समर्थन भी किया. मक्का फूड प्रोसेसिंग यूनिट को इंदागांव में स्थापित करने के सुझाव दिए गए.