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22 हाथियों के दल ने मचाया उत्पात - elephant attack

गरियाबंद जिले के 3 गांवों में हाथियों ने जमकर उत्पात मचाया. जैतपुरी और भीरालाट में हाथियों ने कुछ घरों में तोड़फोड़ भी मचाई. ग्रामीणों को अपनी जान बचाने के लिए छिपना पड़ा. हाथी एक किसान के घर में रखे 100 बोरी धान में से 93 बोरी धान भी चट कर गए.

हाथी
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Published : Jan 5, 2021, 10:14 PM IST

गरियाबंद : 22 हाथियों का दल बीते 3 दिनों से गरियाबंद जिले के अलग-अलग इलाकों में आतंक मचा रहा है. सोमवार रात इस दल ने 15 किलोमीटर का सफर तय किया. अब खरता के जंगल में यह दल मौजूद है. हाथियों के दल की वजह से ग्रामीण दहशत में हैं.

22 हाथियों के दल ने मचाया उत्पात

गजराज का आतंक

22 हाथी के दल ने पहले नेशनल हाईवे पार किया और भीरालाट गांव पहुंचे. हाथियों ने किसान की केला बाड़ी को तहस-नहस किया. घर के कुछ हिस्से को भी नुकसान पहुंचाया. पड़ोस के दूसरे किसान के घर में भी तोड़फोड़ किया. किसान के घर के बाहर रखे धान को भी हाथियों ने खा लिया. हालांकि किसान के घर के अंदर रखा हुआ धन बच गया. इसके बाद 22 हाथियों का विशाल दल केराबाहर गांव के करीब से होते हुए जंगलों से जैतपुरी गांव के उषानपारा पहुंचा.

पढ़ें : बालोद: कोकान क्षेत्र में हांथियों का डेरा, वन विभाग की सैलानियों को चेतावनी

93 बोरी धान कर गए चट

हाथियों ने किसान प्रभु राम के घर में तोड़फोड़ की और 93 बोरी धान चट कर गए. इसके बाद हाथियों का दल खरता के जंगलों की ओर निकल गया. किसान प्रभु राम के मुताबिक हाथियों ने उसकी साल भर की मेहनत बर्बाद कर दी है. धान का टोकन कट चुका था. किसान धान बेचने जाने वाला था. इससे एक रात पहले ही हाथियों ने धान खा लिया. 100 बोरी धान में से केवल 7 बोरी धान बचा है. हाथियों ने किसान के आशियाने को भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त किया है. किसान का कहना है कि घर बनाने में भी उसे काफी मेहनत करनी पड़ेगी और पैसे भी खर्च होंगे.

पलंग के नीचे छिपकर बचाई जान

प्रभु राम ने बताया कि हाथियों के पहुंचने पर उसे लगा कि अब वह नहीं बचेगा. वह भी बरामदे में रखे धान के पास सो रहा था. बरामदे को हाथियों ने घेर लिया था. किसान प्रभु राम ने पलंग के नीचे छिप कर अपनी जान बचाई.

गरियाबंद : 22 हाथियों का दल बीते 3 दिनों से गरियाबंद जिले के अलग-अलग इलाकों में आतंक मचा रहा है. सोमवार रात इस दल ने 15 किलोमीटर का सफर तय किया. अब खरता के जंगल में यह दल मौजूद है. हाथियों के दल की वजह से ग्रामीण दहशत में हैं.

22 हाथियों के दल ने मचाया उत्पात

गजराज का आतंक

22 हाथी के दल ने पहले नेशनल हाईवे पार किया और भीरालाट गांव पहुंचे. हाथियों ने किसान की केला बाड़ी को तहस-नहस किया. घर के कुछ हिस्से को भी नुकसान पहुंचाया. पड़ोस के दूसरे किसान के घर में भी तोड़फोड़ किया. किसान के घर के बाहर रखे धान को भी हाथियों ने खा लिया. हालांकि किसान के घर के अंदर रखा हुआ धन बच गया. इसके बाद 22 हाथियों का विशाल दल केराबाहर गांव के करीब से होते हुए जंगलों से जैतपुरी गांव के उषानपारा पहुंचा.

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93 बोरी धान कर गए चट

हाथियों ने किसान प्रभु राम के घर में तोड़फोड़ की और 93 बोरी धान चट कर गए. इसके बाद हाथियों का दल खरता के जंगलों की ओर निकल गया. किसान प्रभु राम के मुताबिक हाथियों ने उसकी साल भर की मेहनत बर्बाद कर दी है. धान का टोकन कट चुका था. किसान धान बेचने जाने वाला था. इससे एक रात पहले ही हाथियों ने धान खा लिया. 100 बोरी धान में से केवल 7 बोरी धान बचा है. हाथियों ने किसान के आशियाने को भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त किया है. किसान का कहना है कि घर बनाने में भी उसे काफी मेहनत करनी पड़ेगी और पैसे भी खर्च होंगे.

पलंग के नीचे छिपकर बचाई जान

प्रभु राम ने बताया कि हाथियों के पहुंचने पर उसे लगा कि अब वह नहीं बचेगा. वह भी बरामदे में रखे धान के पास सो रहा था. बरामदे को हाथियों ने घेर लिया था. किसान प्रभु राम ने पलंग के नीचे छिप कर अपनी जान बचाई.

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