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इस गांव के 200 कांग्रेसियों ने क्यों दिया सामूहिक इस्तीफा? - Chief Minister Bhupesh Baghel

गरियाबंद के दर्जनों पदाधिकारियों सहित एक गांव के ज्यादातर कांग्रेसियों ने पार्टी छोड़ने का मन बनाया है. नाराज पदाधिकारी और कार्यकर्ता अपना इस्तीफा भेज रहे हैं. हालांकि अबतक किसी का इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है.

Congress flag
कांग्रेस झंडा
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Published : Oct 12, 2021, 2:54 PM IST

गरियाबंद: कोपरा पंचायत (Kopra Panchayat) के लोग गांव के सरपंच पर कार्रवाई को लेकर विधायक का साथ नहीं मिलने से नाराज हैं. अब वे अपना इस्तीफा पीसीसी चीफ मोहन मरकाम (PCC Chief Mohan Markam), प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया (PL Punia), मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel), जिला प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत, विधायक अमितेष शुक्ल, जिलाध्यक्ष भावसिंह साहू और ब्लॉक अध्यक्ष रूपेश साहू को भेज रहे हैं. हालांकि अभी किसी का इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है.

ये भी पढ़ें: कवर्धा हिंसा को लेकर कांकेर में विहिप का प्रदर्शन, बीजेपी के ये नेता हुए शामिल

कांग्रेस के कई पदाधिकारियों ने दिया इस्तीफा

गांव की महिला सरपंच डॉ. डाली साहू पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लग चुके हैं. ग्रामीण सरपंच पर कार्रवाई चाहते हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि विधायक अमितेष इस मामले में उनका साथ नहीं दे रहे हैं. जिससे गांव के सभी नाराज कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओ ने सामूहिक इस्तीफा देने का फैसला लिया है. इस्तीफा देने वाले पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओ ने उच्च पदाधिकारियों को भेजे पत्र में भी इसका जिक्र किया है. सामूहिक इस्तीफा पत्र में लिखा गया है कि विधायक अमितेष के सहयोग नहीं करने से वे हताश हैं और अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं.

gariaband
200 कांग्रेसियों ने क्यों दिया सामूहिक इस्तीफा?

कांग्रेस विधायक नहीं देते सहयोग

कोपरा निवासी और कांग्रेस महामंत्री राजेश यादव ने बताया कि गांव की सरपंच के मामले में विधायक द्वारा सहयोग नहीं करने से गांव के ज्यादातर कांग्रेसी खुश नहीं हैं, इसलिए 4 जिला महामंत्री, दो ब्लॉक महामंत्री सहित गांव के 200 से अधिक कार्यकर्ताओं ने सामूहिक इस्तीफे का फैसला लिया है. इस्तीफे की कॉपी उच्च पदाधिकारियों को भेजी जा रही है. इस्तीफा देने वालों में स्वयं जिला महामंत्री राजेश यादव, ओंकार सिंह ठाकुर, ठाकुर राम साहू और मोतीलाल साहू शामिल हैं. इसके अलावा दो ब्लॉक महामंत्री रिकेश साहू और नंदकुमार साहू सहित 200 से अधिक गांव के कार्यकर्ता शामिल हैं.

बड़ी तादाद में पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का इस तरह इस्तीफा देना पार्टी की सेहत के लिए कतई सही नहीं है. कोपरा राजिम विधानसभा का सबसे बड़ा गांव है. अहम बात ये है कि ये गांव कांग्रेस का गढ़ रहा है. ऐसे में गांव के इतने कांग्रेसियों का एक साथ सामूहिक इस्तीफा देना कांग्रेस पार्टी के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है.

कांग्रेस के जिलाध्यक्ष भावसिंह साहू ने इस मामले में कहा कि उन्हें अभी इस मामले की जानकारी मिली है. किसी भी पदाधिकारी या कार्यकर्ता का इस्तीफा मंजूर नहीं किया जाएगा. इस मामले को बैठकर सुलझाने का प्रयास किया जाएगा.

गरियाबंद: कोपरा पंचायत (Kopra Panchayat) के लोग गांव के सरपंच पर कार्रवाई को लेकर विधायक का साथ नहीं मिलने से नाराज हैं. अब वे अपना इस्तीफा पीसीसी चीफ मोहन मरकाम (PCC Chief Mohan Markam), प्रदेश प्रभारी पीएल पुनिया (PL Punia), मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel), जिला प्रभारी मंत्री अमरजीत भगत, विधायक अमितेष शुक्ल, जिलाध्यक्ष भावसिंह साहू और ब्लॉक अध्यक्ष रूपेश साहू को भेज रहे हैं. हालांकि अभी किसी का इस्तीफा मंजूर नहीं हुआ है.

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कांग्रेस के कई पदाधिकारियों ने दिया इस्तीफा

गांव की महिला सरपंच डॉ. डाली साहू पर भ्रष्टाचार के कई आरोप लग चुके हैं. ग्रामीण सरपंच पर कार्रवाई चाहते हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि विधायक अमितेष इस मामले में उनका साथ नहीं दे रहे हैं. जिससे गांव के सभी नाराज कांग्रेस पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओ ने सामूहिक इस्तीफा देने का फैसला लिया है. इस्तीफा देने वाले पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओ ने उच्च पदाधिकारियों को भेजे पत्र में भी इसका जिक्र किया है. सामूहिक इस्तीफा पत्र में लिखा गया है कि विधायक अमितेष के सहयोग नहीं करने से वे हताश हैं और अपने पद से इस्तीफा दे रहे हैं.

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200 कांग्रेसियों ने क्यों दिया सामूहिक इस्तीफा?

कांग्रेस विधायक नहीं देते सहयोग

कोपरा निवासी और कांग्रेस महामंत्री राजेश यादव ने बताया कि गांव की सरपंच के मामले में विधायक द्वारा सहयोग नहीं करने से गांव के ज्यादातर कांग्रेसी खुश नहीं हैं, इसलिए 4 जिला महामंत्री, दो ब्लॉक महामंत्री सहित गांव के 200 से अधिक कार्यकर्ताओं ने सामूहिक इस्तीफे का फैसला लिया है. इस्तीफे की कॉपी उच्च पदाधिकारियों को भेजी जा रही है. इस्तीफा देने वालों में स्वयं जिला महामंत्री राजेश यादव, ओंकार सिंह ठाकुर, ठाकुर राम साहू और मोतीलाल साहू शामिल हैं. इसके अलावा दो ब्लॉक महामंत्री रिकेश साहू और नंदकुमार साहू सहित 200 से अधिक गांव के कार्यकर्ता शामिल हैं.

बड़ी तादाद में पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का इस तरह इस्तीफा देना पार्टी की सेहत के लिए कतई सही नहीं है. कोपरा राजिम विधानसभा का सबसे बड़ा गांव है. अहम बात ये है कि ये गांव कांग्रेस का गढ़ रहा है. ऐसे में गांव के इतने कांग्रेसियों का एक साथ सामूहिक इस्तीफा देना कांग्रेस पार्टी के लिए काफी नुकसानदायक साबित हो सकता है.

कांग्रेस के जिलाध्यक्ष भावसिंह साहू ने इस मामले में कहा कि उन्हें अभी इस मामले की जानकारी मिली है. किसी भी पदाधिकारी या कार्यकर्ता का इस्तीफा मंजूर नहीं किया जाएगा. इस मामले को बैठकर सुलझाने का प्रयास किया जाएगा.

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